• 12 hours ago
अलवर.नेशनल हाईवे 248ए पर हनुमान चौराहे से आगे जेएस फोरव्हील्स के पास सोमवार सुबह सर्विस लेन की सडक़ धंसने से डस्ट से भरा एक डम्पर उसमें समा गया। गनीमत रही कि डम्पर पीछे की तरफ से गड्ढे में गिरा। इस दौरान लोगों ने ड्राइवर सहीराम को सही सलामत बाहर निकाला। गड्ढा करीब 20 फीट गहरा और इतना ही चौड़ा था। साढ़े चार घंटे की मशक्कत के बाद डम्पर बाहर निकाला गया। डम्पर में माल सहित 20 टन से ज्यादा वजन था। इस दौरान सीवर लाइन टूट गई और पानी की लाइन भी क्षतिग्रस्त हो गई। एहतियात के दौर पर पुलिस ने सडक़ को बंद कर दिया और एक ही लेन से आवागमन चालू रखा। इससे लंबा जाम लग गया। प्रथम ²ष्टया सीवर लाइन में लीकेज की वजह से सडक़ में पोल होने की वजह से सडक़ धंसने की बात सामने आई है। सडक़ अभी डिफेक्ट लाएबिलिटी पीरियड में है, इसलिए संबंधित एजेंसी की ओर से इसे सही करवाया जा रहा है। जमीन धंसने की अलवर में यह पहली घटना है। घटना सुबह 8.30 से 8.45 बजे के बीच की है। यह सीवर लाइन आरयूआईडीपी की है।
सडक़ की चौड़ाई कम, घुमाने में आती है परेशानी: हाईवे की चौड़ाई बड़े वाहनों के हिसाब से कम है। अगर कोई डम्पर, ट्रेलर या बड़ा ट्रक वापस हनुमान सर्किल की तरफ या दिल्ली रोड की तरफ टर्न लेता है तो जाम लग जाता है। यही वजह है कि चालक ने सर्विस लेन में डम्पर को घुसाया और यह हादसा हो गया।
एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराते रहे अधिकारी: सडक़ धंसने के लेकर विभाग भी अपने-अपने तर्क देते नजर आए। जलदाय विभाग के एक्सईएन संजय ङ्क्षसह ने कहा कि सीवर लाइन में लीकेज की वजह से सडक़ धंसी है। लाइन करीब 20 फीट नीचे है। वहां गंदे पानी के रिसाव की वजह से मिट्टी में पोल हो गई और डम्पर के वजन से सडक़ धंस गई। अगर पानी की लाइन में लीकेज होता तो फव्वारा छूट जाता। उधर, पीडब्ल्यूडी व एनएच अधिकारी कहते नजर आए कि पानी की लाइन में लीकेज था। अगर सीवर लाइन में लीकेज होता तो ऊपर की तरफ मिट्टी गीली नहीं होती।

कुछ सेकंड के लिए मेरी आंखों के सामने अंधेरा छा गया
&मैं हनुमान सर्किल से इस हाईवे की तरफ आया था और घूमकर वापस हनुमान सर्किल के पास ही यह डस्ट खाली करनी थी। डम्पर एक बार में ही घूम जाए, इसलिए मैंने सर्विस लेन में गाड़ी को घुसा लिया। जेएस फोरव्हील्स के पास सडक़ से जैसे ही मैं डम्पर को मोडऩे की तैयारी कर रहा था, तभी डम्पर पीछे की तरफ से जमीन में घुस गया। इससे जोरदार धमाका हुआ। कुछ सेकंड के लिए मेरी आंखों के सामने अंधेरा छा गया। आसपास के लोगों ने मुझे बाहर निकाला और अस्पताल ले गए। मेरे मुंह और हाथ में मामूली चोटें आई हैं। -सहीराम, डंपर चालक

&सीवर लाइन सडक़ में काफी नीचे होती है। उसमें लीकेज का पता नहीं चलता है। इस वजह से अंदर ही अंदर सडक़ में पोल हो जाती है और वह धंस जाती है। लेकिन सर्विस लेन केवल उस जगह के दुकानदारों और बाङ्क्षशदों के लिए बनाई जाती है। डम्पर को उसमें नहीं चलाया जा सकता है।
-धर्मेन्द्र शर्मा, सेवानिवृत्त एसई, यूआईटी
सम्बंधित एजेंसी कराएगी सही
&पीडब्ल्यूडी, नगर निगम, जलदाय, एनएच के अधिकारियों से सडक़ धंसने के कारणों की जांच कराई थी। सीवर लाइन में लीकेज की बात सामने आई है। अभी सडक़ डीएलपी में है, इसलिए संबंधित एजेंसी ही इसे सही करेगी। डम्पर को निकालने के बाद यातायात सुचारू हो गया है। - बीना महावर, एडीएम सिटी

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