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  • 12/28/2024
सवाईमाधोपुर. मक्रर संक्रांति नजदीक आते ही अब शहर सहित जिलेभर में पतंगबाजी का क्रेज भी शुरू हो गया है। बाजार में पतंगों की दुकाने सज गई है। उधर, जिलेभर में कई स्थानों पर पतंगों के साथ चाइना का मांझा बेच रहे है। कम लागत व दिखने में आकर्षक होने के कारण अधिकतर लोग चाइना मांझे को खरीद रहे हैं। वहीं दुकानदार अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में मांझे को बिना किसी डर के बेच रहे हैं।
जिले में गली, मोहल्ले व दुकानों पर खुलेआम मांझा बेचा जा रहा है। दुकानदार अलग-अलग वैरायटी के साथ में देशी मांझा बताकर चाइनीज मांझा बेच रहे हैं। न्यायालय की रोक के बाद भी बाजार में धड़ल्ले से बेचा जा रहा हैं। इसके बाद भी प्रशासन की ओर से दुकानदारों के खिलाफ कोई कार्रवाही नहीं की जा रही हैं।
ना कानून का डर, ना कार्रवाई का खौफ
चाइनीज मांझा पर प्रतिबंधित है और इसको बाजार में नहीं आना चाहिए। प्रतिबंध के बावजूद प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे पा रहा है। इन दिनों मासूम हाथों में खतरनाक धारदार मांझे की डोर है। मांझा बेचने वालों को किसी का डर नहीं है। कार्रवाई नहीं होने से दुकानदारों के हौंसले बुलंद है।
पूर्व में हो चुके है हादसे
पतंग उड़ाने के दौरान चाइनीज मांझे का प्रयोग करने से कई बेजुबान पक्षी इससे मर जाते हैं। वहीं पतंग कटने के दौरान मांझा लूटने के दौरान जख्मी होते हैं। कई बार वाहन चालक इस मांझे से उलझ कर चोटिल हुए हैं। पूर्व में कई बार हादसा होने के बाद भी बाजार में यह आसानी से बिक रहा हैं।
खतरनाक हो सकता है मांझा
अन्य मांझों के बजाय प्लास्टिक की बारिक डोर पर कांच का कोट लगाया जाता हैं। इसको खींचने के दौरान अंगुलिया कट सकती हैं। इस मांझे को तोडऩा तक मुश्किल होता हैं। तेज प्रवाह से शरीर को छूता हुआ निकले तो त्वचा कट जाती हैं। मांझे के प्रयोग से बच्चों के लिए हर समय खतरा मंडराता रहता हैं। वहीं पशु-पक्षी और मानव जीवन की सुरक्षा खतरा बना है।

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