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प्रतापगढ़. जिले भर में इस बार दीपावली पर लक्ष्मीपूजन का पर्व दो दिनों तक मनाया गया। इससे खासा उत्साह देखा गया। वहीं पांच दिवसीय दीपोत्सव का पर्व परम्परागत रूप से श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मनाया। पर्व के तहत शहर-कस्बों, गांव-गांव, ढाणी-ढाणी में उल्लास देखा गया। पर्व पर दीपों की कतार और विद्युत रोशनी से अमावस्या की रात जगमग हो गई। लोगों ने नव परिधान धारण कर अभिजीत मुहूर्त में घरों, प्रतिष्ठानों, दुकानों में लक्ष्मी पूजन की। घरों के बाहर रंगोली सजाकर दीप प्रज्वलित किए गए। दीपोत्सव को लेकर इस बार खासा उत्साह नजर आया। शहर समेत कस्बे, गांवों में पटाखे फोड़े गए। इसके साथ ही घरों, प्रतिष्ठानों, ऑफिसों में पूजा की गई। वहीं शनिवार को गोवर्धन पूजा की गई। सुबह किसान वर्ग की ओर से गोबर को एक स्थान पर डाला गया। जहां महिलाओं ने गीत गाते हुए गोवर्धन बनाए। गोवर्धन की पूजा-अर्चना की गई। वहीं मवेशियों के मेहंदी आदि लगाकर बेड़े बांधे और पूजा की।
अरनोद. रोशनी का पर्व दीपावली क्षेत्र में धूमधाम व श्रद्धा के साथ मनाया गया। सुबह से ही शुभ मुहुर्त में महालक्ष्मी की पूजा का सिलसिला चलता रहा। बाजार में पूजन सामग्री की जमकर बिक्री हुई। वहीं गौतमेश्वर महादेव मंदिर में इस बार दीपों की कतारें रहीं। जिससे रात को यहां का वातावरण देखने लायक बना। मंदिर सहित कई मंदिरों पर भक्तों का तांता लगा रहा। इसके साथ ही गांवों में मवेशियों की पूजा की गई। गौतमेश्वर गौशाला मे भी गायों की पूजा की गई।
दलोट. क्षेत्र में दीपावली पर लोगों ने बड़े ही उत्साह के साथ दीपावली पर्व मनाया। छोटे बड़े सभी ने जोरदार आतिशबाजी की व शाम को बैलों और गायों को मेहंदी लगाई गई। जिसके बाद बैलों व गौ की पूजन की गई। घरों के बाहर रंग-बिरंगी रंगोलियां बनाई गई। निनोर गौसेवा समिति ने संत विनोदी रामजी रामस्नेही गोशाला दलोट में गोमाता को पशु आहार व गुड खिलाकर गोमाता की पूजा की। समिति के सदस्य हेमंत सेन ने बताया की समिति के सदस्यों ने गोशाला में गौसेवा कर दीपावली मिलन समारोह हुआ। कस्बे के रोहन गिरी द्वारा गोवर्धन पूजा के दिन अपने आंगन में गोवर्धन पर्वत उठाकर कर खड़े कृष्ण की रंगोली बनाई।
सालमगढ़. कस्बे सहित आसपास के गांव में दीपावली पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया। दीपावली के दिन घर में लक्ष्मी पूजा की गई। पटाखे छोडक़र खुशियां मनाई। गोवर्धन पूजा के दिन महिलाओं द्वारा अपने घरों के बाहर गोबर से गोवर्धन बनाकर उनकी पूजा की गई। घरों में गायों की पूजा भी की गई। यहां मंदिरों में अन्नकूट पर भगवान को भोग लगाया गया। श्री गोपाल कृष्ण गौशाला में गोवर्धन पूजा के अवसर पर गौशाला में सभी गायों की पूजा की व लापसी खिलाई।


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