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वीडियो जानकारी: 05.08.24, प्रश्नोत्तरी सत्र, ग्रेटर नॉएडा

विवरण:

इस वीडियो में आचार्य प्रशांत जी ने आत्मज्ञान, कर्म और समाज में मान्यताओं के बारे में गहन चर्चा की है। उन्होंने बताया कि अक्सर लोग अपने कर्मों को दूसरों के दृष्टिकोण से आंकते हैं, लेकिन असली समझ तब आती है जब हम अपने भीतर की सच्चाई को पहचानते हैं। आचार्य जी ने यह स्पष्ट किया कि कर्म का मूल्यांकन उसके पीछे की कामना और उद्देश्य से किया जाना चाहिए। उन्होंने उदाहरणों के माध्यम से यह बताया कि कैसे स्वामी विवेकानंद और जीसस क्राइस्ट जैसे महान व्यक्तियों के कर्मों को गलत तरीके से समझा जा सकता है। आचार्य जी ने यह भी कहा कि हमें अपने कर्मों के स्रोत को समझना चाहिए और अपने भीतर की सच्चाई को पहचानने की कोशिश करनी चाहिए।

प्रसंग:

~ क्या विवेकानंद माँसाहारी थे?
~ स्वामी विवेकानंद भी मछली खाते थे?
~ रामकृष्ण परमहंस जी मांस क्यों खाते थे?
~ विवेकानद जी मांस-मच्छी क्यों खाते थे?
~ स्वामी विवेकानद मांसाहारी क्यों थे?
~ Was Swami Vivekananda non-vegetarian?
~ विवेकानंद जी और आचार्य जी के बार में विरोध दिखता है?
~ स्वामीजी को धनापूर्ति के लिए अमेरिका क्यों जाना पड़ा? क्यों भारतवासियों ने आवश्यक सहायता नहीं की?
~ स्वामीजी ने अपने लिखित पत्रों में शिष्यों को मिशन की व अपनी चुनौती, संघर्षों के बारे में क्या बताया?
~ क्यों ऐसे भी दिनों का सामना स्वामीजी को करना पड़ा जिसमें मठ में अन्न का एक दाना भी नहीं था?
~ स्वामीजी जी की मृत्यु किन - किन कारणों से हुई? इन कारणों को स्वीकार क्यों नहीं किया गया?
~ हम महापुरुषों की संघर्ष गाथा को क्यों दबा जाते है? क्यों हमने स्वामी विवेकानंद की संघर्ष गाथा को उद्घाटित नहीं किया?


🎧 सुनिए #आचार्यप्रशांत को Spotify पर:
https://open.spotify.com/show/3f0KFweIdHB0vfcoizFcET?si=c8f9a6ba31964a06
संगीत: मिलिंद दाते
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