• 12 hours ago
वीडियो जानकारी: 26.08.2022, वेदांत महोत्सव, ग्रेटर नॉएडा

विवरण:

इस वीडियो में आचार्य जी ने स्वामी विवेकानंद जी के जीवन और उनके विचारों पर चर्चा की है। उन्होंने बताया कि विवेकानंद जी का ध्यान साधना और चमत्कारों के अनुभवों के बारे में जो बातें हैं, उनमें कुछ विरोधाभास हो सकता है। आचार्य जी ने यह स्पष्ट किया कि ध्यान केवल एक विधि नहीं है, बल्कि इसे जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए। उन्होंने विवेकानंद जी के जीवन में चमत्कारों को मानसिक अनुभवों के रूप में देखा और बताया कि ये अनुभव साधारण हैं, न कि चमत्कारिक। इसके अलावा, आचार्य जी ने विवेकानंद जी के मांसाहार के विषय में भी चर्चा की और बताया कि हर व्यक्ति में गुण और दोष होते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हमें महापुरुषों के जीवन से सीखने की कोशिश करनी चाहिए, न कि उनकी कमियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। अंत में, आचार्य जी ने यह संदेश दिया कि पूर्णता केवल ईश्वर में है, मनुष्य में नहीं, और हमें अपूर्ण व्यक्तियों से भी सीखने की प्रेरणा लेनी चाहिए।

प्रसंग:

~ ध्यान का सही तरीका क्या है और इसे जीवन में कैसे लागू किया जा सकता है?
~ स्वामी विवेकानंद जी के जीवन में चमत्कारों का अनुभव किस प्रकार से हुआ और इसे कैसे समझा जा सकता है?
~ स्वामी विवेकानंद जी और उनके विचारों में किस प्रकार के विरोधाभास की चर्चा की गई है?
~ ध्यान की विधियों का उपयोग कब तक किया जाना चाहिए, और क्या यह जीवन का हिस्सा बनाना आवश्यक है?
~ स्वामी विवेकानंद जी के मांसाहार के दृष्टिकोण पर क्या मत है?
~ महापुरुषों के जीवन में कमियों को देखने के बजाय हमें क्या सीखना चाहिए?
~ चमत्कारों को मानसिक घटनाओं के रूप में क्यों देखा जाता है?
~ पूर्णता और अपूर्णता के संदर्भ में क्या दृष्टिकोण है, और इसका हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?
~ ध्यान को जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने के लिए हमें क्या करना चाहिए?
~ स्वामी विवेकानंद जी की शिक्षाओं का हमारे व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?


🎧 सुनिए #आचार्यप्रशांत को Spotify पर:
https://open.spotify.com/show/3f0KFweIdHB0vfcoizFcET?si=c8f9a6ba31964a06
संगीत: मिलिंद दाते
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