प्रयागराज: काली रात में महाश्मशान किनारे जलती चिताओं के बीच औघड़ तंत्र साधना में लीन रहते हैं, लेकिन हम आपको जिस तंत्र साधना की क्रिया दिखा रहे हैं, प्रयागराज के महाकुंभ में लगे किन्नर अखाड़े के शिविर की है. कुंभ में बड़ी संख्या में नागा, संन्यासी और औघड़ों का आना होता है. मकर संक्रांति से लेकर शिवरात्रि तक यह सभी अपनी-अपनी पूजा पद्धति और तंत्र साधना के साथ अपने आराध्य को सिद्ध करने में लगे रहते हैं. ऐसा माना जाता है कि महाकुंभ का पवित्र समय सभी देवी-देवताओं की मौजूदगी के साथ पूरा होता है. यही वजह है कि यह वक्त तंत्र साधना के लिए भी सबसे उत्तम माना जाता है. तमिलनाडु के त्रिचापल्ली के औघड़ मणिकंदन किन्नर अखाड़े में विशेष साधना के लिए पहुंचे हैं.
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