सवाईमाधोपुर.राज्य सरकार ने पिछले साल आनन-फानन में परिवर्तित बजट में अमरूद, आंवला व मिर्च की प्रोसेसिंग यूनिट घोषणा कर दी। लेकिन इस योजना को अमलीजामा पहनाना भूल गई है। हालात यह है कि सरकार ने अब खुद इस योजना से हाथ पीछे खींच लिए है। ऐसे में सरकार अब पीपीपी मोड पर प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की कोशिश में जुटी है लेकिन इसके बावजूद भी कोई भी फर्म अब तक तैयार रहीं हो सकी है।
विभाग के जिम्मेदार भी नहीं कर रहे प्रयास
सरकार, उद्यान विभाग, कृषि विपणन बोर्ड व जिला उद्योग केन्द्र की अनदेखी से अमरूदों के अधिक कारोबार के बावजूद भी यहां खाद्य प्रसंस्करण इकाई तक स्थापित नहीं हो सकी है। सरकार की ओर से घोषणाएं तो खूब की जाती है लेकिन धरातल पर ये वादे पूरे नहीं होते है। ये ही कारण है कि जिला अब तक फूड प्रोसेसिंग यूनिट के लाभ से वंचित है। उधर, सरकार व कृषि विपणन बोर्ड नजरे इनायत करें तो जिले में खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित हो सकती है।
देरी किसानों पर पड़ रही भारी
ऐसे में देरी पर देरी किसानों पर भी भारी पड़ रही है। प्रतिवर्ष किसान को वाजिब दाम नहीं मिलने के कारण पुराने बगीचे प्रतिदिन किसान काट रहा है। इससे किसानों की लागत भी नहीं निकल पा रही है। वहीं अब धीरे-धीरे अमरूदों के बगीचों की संख्या कम होती जा रही है। इससे किसानों का अमरूद व्यवसाय के प्रति रूझान कम हो रहा है। वहीं किसानों की आर्थिक स्थिति कमजोर होती जा रही है।
किसानों की आय बढ़ाने के लिए की थी घोषणा
सरकारी व जनप्रतिनिधियों ने चुनाव से पूर्व अपने घोषणा पत्र में किसान की आय दुगुनी करने का मुख्य बिन्दु बनाया था। इस दौरान प्रोसेसिंग यूनिट सहित कई घोषणाएं की गई थी लेकिन सरकार बनने के बाद जनप्रतिनिध व सरकार ने किसानों से मुंह फेर लिया। सरकार की ओर से की गई घोषणाओं को अमलीजामा नहीं पहनाया गया। इससे क्षेत्र के किसानों में रोष है।
इनका कहना है...
जिले में प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की प्रक्रिया उच्च स्तर से होगी। प्रासेसिंग यूनिट से जिला उद्योग केन्द्र का कोई संबंध नहीं है। इसके लिए उद्यान विभाग व कृषि उपज मण्डी उत्तरायी है।
सुग्रीव मीणा, महाप्रबंधक, जिला उद्योग केन्द्र, सवाईमाधोपुर
विभाग के जिम्मेदार भी नहीं कर रहे प्रयास
सरकार, उद्यान विभाग, कृषि विपणन बोर्ड व जिला उद्योग केन्द्र की अनदेखी से अमरूदों के अधिक कारोबार के बावजूद भी यहां खाद्य प्रसंस्करण इकाई तक स्थापित नहीं हो सकी है। सरकार की ओर से घोषणाएं तो खूब की जाती है लेकिन धरातल पर ये वादे पूरे नहीं होते है। ये ही कारण है कि जिला अब तक फूड प्रोसेसिंग यूनिट के लाभ से वंचित है। उधर, सरकार व कृषि विपणन बोर्ड नजरे इनायत करें तो जिले में खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित हो सकती है।
देरी किसानों पर पड़ रही भारी
ऐसे में देरी पर देरी किसानों पर भी भारी पड़ रही है। प्रतिवर्ष किसान को वाजिब दाम नहीं मिलने के कारण पुराने बगीचे प्रतिदिन किसान काट रहा है। इससे किसानों की लागत भी नहीं निकल पा रही है। वहीं अब धीरे-धीरे अमरूदों के बगीचों की संख्या कम होती जा रही है। इससे किसानों का अमरूद व्यवसाय के प्रति रूझान कम हो रहा है। वहीं किसानों की आर्थिक स्थिति कमजोर होती जा रही है।
किसानों की आय बढ़ाने के लिए की थी घोषणा
सरकारी व जनप्रतिनिधियों ने चुनाव से पूर्व अपने घोषणा पत्र में किसान की आय दुगुनी करने का मुख्य बिन्दु बनाया था। इस दौरान प्रोसेसिंग यूनिट सहित कई घोषणाएं की गई थी लेकिन सरकार बनने के बाद जनप्रतिनिध व सरकार ने किसानों से मुंह फेर लिया। सरकार की ओर से की गई घोषणाओं को अमलीजामा नहीं पहनाया गया। इससे क्षेत्र के किसानों में रोष है।
इनका कहना है...
जिले में प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की प्रक्रिया उच्च स्तर से होगी। प्रासेसिंग यूनिट से जिला उद्योग केन्द्र का कोई संबंध नहीं है। इसके लिए उद्यान विभाग व कृषि उपज मण्डी उत्तरायी है।
सुग्रीव मीणा, महाप्रबंधक, जिला उद्योग केन्द्र, सवाईमाधोपुर
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