"इस कहानी में एक अनोखी सीख छुपी है जो आपके जीवन को बदल सकती है! यह कहानी न केवल बच्चों के लिए बल्कि बड़ों के लिए भी एक प्रेरणा साबित होगी। अगर आपको नैतिक कहानियाँ (Moral Stories), प्रेरणादायक कहानियाँ (Inspirational Stories) और हिंदी लघु कथाएँ (Short Stories in Hindi) पसंद हैं, तो यह वीडियो आपके लिए है। पूरी कहानी देखें और अपने विचार हमें कमेंट में बताएं!
🔹 वीडियो की खास बातें:
✅ सुंदर एनीमेशन और इमोशनल कहानी
✅ हर उम्र के लिए अनुकूल
✅ सीखने और समझने योग्य नैतिकता
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00:00बस बहुत हुआ अकिरकार कप तक मैं ये सब बर्दाश करूँगी आप लोगों ने तो नाक में दम करके रख दिया है एक तो इस माचिस के डिब्बे जैसे एक कमरे वाले घर में इतने सारी लोग रहती हैं और तो और राक्षसो जितना खाते हैं कि पांच चुलहे पर बनाय
00:30तुझे तू तो एक वक्त में पांच तरे का खाना आराम से बना सकती है माजी ऐसा आपको लगता है मुझे नहीं मैं बनाती हूँ तो मुझे ही पता है कि कितनी परिशानी होती है या तो अब इस घर को तुड़वा कर आप एक बड़ा घर बनवाईए और रसोई में भी ग
01:00कि इस एक कमरे वाले ससुराल में पांच बेटियों का चूला बना था आई ये से जानने के लिए कहानी में थोड़ा पीछे चलते हैं
01:30तो कमरे वाला चोटा सा तो घर होगा नहीं
01:32थोड़ी दिर में शादी का मोहुर्ट होता है और उमा अनामिका को लेकर नीचे आ जाती है
01:36सारे विदी विधान के साथ अनामिका और आशीष की शादी होती है और अनामिका ससुराल आ जाती है
01:41अनामिका जैसे ही ग्रह प्रवेश कर अपने ससुराल के अंदर अपना पहला कदम रखती है तो उसे अपनी आँखों पर विश्वास नहीं होता
01:48अनामिका का ससुराल सिर्फ एक कमरे का बना था जिसमें कम से कम 15 से 16 लोग थे
01:54ये क्या इसका मतलब उमा सच कह रही थी मेरे ससुराल में सच में इतने सारे लोग रहते हैं
02:00कहां इतने सारे लोग हैं सिर्फ हम लोग ही तो हैं तेरे ससुर मैं तेरे देवर जेठानी जेठ और पती
02:07और ये लोग कौन है?
02:09ये तेरी बू आसास हैं
02:11शादी के कुछ महीनों के बाद ही पती की मुरती हो गई थी
02:13इसलिए ये वापस अपने माई के आ गई
02:15और हमारे साथ ही रहती है
02:17और ये तेरी दूसरी ननन्त पूनम है
02:19इसका पती अक्सर काम के जलते बाहर ही रहता है
02:22इसलिए ये दोनों बच्चों के साथ यही रहती है
02:24लेकिन इतने सारी लोग एक कमरे वाले घर में कैसे रहती है
02:28तू तो बिल्कुल पुलिस की तरह सवाल कर रही है
02:31हम तो सालों से इस कमरे वाले घर में रह रहे हैं जो कि एक है
02:34आज तक हमें कोई भी दिक्कत नहीं हुई है
02:37अगर तेरे सवाल बंद हो गए हो तो आगे की रसम कर ले
02:40शादी के बाद की सारी रसमें खतम होती हैं
02:43और अब सभी घर में बिस्तर लगाने लगते हैं
02:45घर के एक कोने में सारी औरतों का बिस्तर लगता है और एक कोने में मर्द का जिसे देख
02:50ये क्या आशीश एक तरफ सारी मर्द और एक तरफ औरत लेकिन आश तो हमारी सोहागराथ है न ऐसे में अपनी सोहागराथ कैसे मनाएंगे
02:58अनामिका लेकिन क्या करें तुम फिकर मत करो
03:01जब मुझे फैक्टरी से छुटी मिल जाएगी तो मैं तुम्हें कुछ दिनों के लिए बाहा ले चलूँगा
03:05वहाँ आराम से सुहाग राद मनाएंगे
03:07इतना कहकर आशीश सोने के लिए चला जाता है
03:10सबी लोग गहरी नीन में सोरे होते हैं
03:12लेकिन अनामिका की तो जैसे सारी नीन उड़ गई थी
03:14मेरी सहली ने मुझे इतनी सुन्दर नाइटी दी थी
03:17सोच़दा सुहाग राद पर पहनूंगी
03:19लेकिन सुहाग राद तो छोड़ो
03:21मैं तो अपने पती के साथ बैठ कर दो
03:23प्यार की बाते भी नहीं कर पाई
03:24जैसे तैसे राद गुजरती है
03:26अनामिका सुबा सुबा उठकर तयार होती है
03:28और पहली रसोई को तयारी करने लगती है
03:31अनामिका जैसे ही
03:32एक मिट्टी के चूले के बज़ाए
03:34पाँच मिट्टी के चूले देखती है
03:35तो उसके होश उड़ जाते है
03:37यह क्या?
03:38एक, दो, तीन, चार, पाँच
03:40पाँच मिट्टी के चूले है
03:42लेकिन क्यों?
03:44अनामिका क्या हुआ?
03:45तुमने अभी तक अपनी पहली रसोई की तयारी नहीं की?
03:48भाबी, बंगली जैसे घर में भी एक चूला होता है
03:51लेकिन यहाँ इस एक कमरे वाले घर में
03:53यह पाँच मिट्टी के चूले क्यों है?
03:56अनामिका वो क्या है ना?
03:57हमारे घर में कितने सारी लोग है
03:59तो खाना भी काफी सारा बनता है
04:01अगर सिर्फ एक चूला रहेगा
04:02तो सब्जी बनने में ही 2-3 घंटे लग जाएंगे
04:04इसलिए हमने 5 चूले बना लिये
04:06एक पर सब्जी बनती है तो एक पर रोटी और चावल
04:09और वैसे भी ठंड है
04:10इतना कहकर समित्रा वहां से चली जाती है
04:17और अब अनामिका एक चूले पर सब्जी बनने के लिए रखती है
04:20तो एक चूले पर रोटी, एक पर खीर और एक पर चावल
04:23भावी ने तो कहा था कि 5 मिटी के चूले पर खाना बनाना आसान होगा
04:28लेकिन यहां अगर रोटियां देख रही हो तो इस तरफ सब्जी जल रही है
04:32और सब्जी देख रही हूँ तो खीर जल रही है
04:34उस 5 मिटी के चूले पर खाना बनाते बनाते बिचारी अनामिका कभी इस तरफ जा रही थी
04:39तो कभी उस तरफ जैसे तैसे कर अनामी का धेर सारा खाना बना कर रख देती है
04:44और अब सब लोग नई बहु की पहली रसोई का खाना खाते हैं
04:47होने तो सही बन गया ही लेकिन थोड़ी चावल में पानी साधा हो गया है
04:52तभी तो आपनी चिप-चिप हो रही है
04:54सबजी में से भी जली-जली सी पदबू आ रही है
04:57लगता है बहु को ठीक से खाना बनाना नहीं आता है
04:59कोई बात नहीं बहु तीरे-दीरे सीख जाये की
05:02क्या कहां? मुझे खाना बनाना नहीं आता
05:05मेरे हाथ का खाना खाने के लिए लोग कितनी दूर दूर से आते थे
05:08पांच मिट्टी के जुल्हे दे दिये
05:10कैसे बनाती खाना
05:11कभी सबजी देख रहे थी तो कभी चावल
05:13सबी लोग खाना खाकर अपने अपने काम पर निकल जाते हैं
05:16वहीं घर की सारी ओड़तें धूप तापने के लिए
05:19आंगर में बैट जाते हैं
05:20कि तब या आशिश कमरे के अंदर आता है
05:22आप तो काम पर गए थी ना
05:24वापस क्यों आ गए काम पर नहीं जाना
05:26जाना तो है लेकिन
05:29तुम्हें ये गुलाब का फूल दिये बगएर कैसे रह जाता
05:32जानता हूँ तो मुझसे नराज हो
05:34लेकिन जान समझो
05:35हम जल्दी बाहर गुमने के लिए जाएंगे
05:37आशिश अनामिका को गुलाब का फूल देता है
05:40अनामिका आशिश के गले लग जाती है
05:42कि तभी पूनम अपनी बेटी कोमल के साथ
05:44अचानक कमरे में आ जाती है
05:45और दोनों को एक दूसरे के गले लगाते हुए देख लेती है
05:48पूनम अनामिका को काफी ताने देने लगती है
06:05जिसका अनामिका को बुरा तो लगता है
06:07लेकिन वो उसे कुछ नहीं कहती
06:08और ऐसे ही कुछ दिन गुजर जाते है
06:10पांच चुले पर खाना बनाने के चलते
06:24कभी अनामिका से कभी सबजी में नमक कम हो जाता था
06:27तो कभी रोटी जल जाती थी
06:28तो कभी दाल में हद से जादा पानी गिर जाता
06:31और ये मुझे रोटी कम पापर जादा लग रहा है
06:43कैसे इस उमर में पापर जैसी रोटी को खाऊं
06:45अनामिका हफते भर में अपने एक कमने वाले सस्राल
06:48और उसमें बने पांच मिट्टी के चूले से
06:50काफी जादा परेशान हो चुकी थी
06:53ना तो अनामिका ठीक से खाना खा पा रही थी
06:55और ना ही अनामिका को उसके पती के साथ
06:57वक्त बिताने का मौका मिल रहा था
06:59एक कमने वाले सस्राल में जहां अनामिका को पहले
07:15प्राइवेसी नहीं मिलती थी
07:16वहीं अब वो ठीक से दो पल के नीद भी नहीं ले पाती है
07:19तुम्हें जलेवी बहुत पसंद है ना?
07:22मैं तुम्हारे लिए आज जलेवी लेकर आया हूँ
07:24आज तुम्हें अपना अनामेका को अपने हाथों से जलेवी खिलाऊंगा
07:28आशिष अनामेका को जलेवी खिलानी वाला होता है कि तब ये आशिष के भाई बहन आ जाते हैं और आशिष के हाथ से जलेवी का पैकट ले लेते हैं
07:37वाँ भीया जलेवी इसकर कड़ाती सर्दी में करमा करम जलेवी खाने का तुम मज़हिया रखे
07:43दोनों बहन भाई आशिष से जलेवी लेकर सारी जलेवी खतम कर देते हैं जिससे देख अनामेका को काफी घुस्सा आता है
07:53दिन पर दिन अपने सस्राल वालों की ऐसी हरकत देख अनामेका अब अपने घुस्से पर काबू नहीं रख पाती और आज सबी को खरी खोटी सुनाती है
08:00तुम ये सब क्या कह रही हो इतनी सी बात के जाने की बात कैसे कह सकती हो
08:06अनामेका अपने माई के चली जाती है
08:15अनामेका की जाने के कुछ दिनों के बाद अनामेका के सस्राल वालों को भी उसे एक कमरे में रहने और पांच चूले पर खाना बनाने को लेकर परिशानी महसूस होने लगी थी
08:24अनामेका के है तो ठीक रही थी हम लोग इस एक कमरे वाले घर में सो भी नहीं पाते हैं ठीक से पैर फैलाने तक की भी जगा नहीं है कल को कोई बाहर से आ जाये तो हम उसे काम इठाएंगे
08:35सुमित्रा की बात में दम था इसलिए अब सभी लोग अपने अपने हिस्से के थोड़े थोड़े पैसे मिला कर दोनों बड़े भाईयों को दे देते हैं और वो जल्दी उस एक कमरे वाले घर को चार से पांच कमरे वाले घर में बदल देते हैं
08:58रसोई के लिए भी एक अलग सा कमरा बनवाते हैं और उसमें गैस वाला चूला ले आते हैं और जब अनामिका अपने सस्वाल जाकर ये सब देखती है तो उसकी तो खुशी का ठिकाना ही नहीं होता और अनामिका हंसी खुशी रहता है