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  • 4/11/2025
"इस कहानी में एक अनोखी सीख छुपी है जो आपके जीवन को बदल सकती है! यह कहानी न केवल बच्चों के लिए बल्कि बड़ों के लिए भी एक प्रेरणा साबित होगी। अगर आपको नैतिक कहानियाँ (Moral Stories), प्रेरणादायक कहानियाँ (Inspirational Stories) और हिंदी लघु कथाएँ (Short Stories in Hindi) पसंद हैं, तो यह वीडियो आपके लिए है। पूरी कहानी देखें और अपने विचार हमें कमेंट में बताएं!


🔹 वीडियो की खास बातें:
✅ सुंदर एनीमेशन और इमोशनल कहानी
✅ हर उम्र के लिए अनुकूल
✅ सीखने और समझने योग्य नैतिकता

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Transcript
00:00आलो के पराठी बनाकर ख़त में भी कर दिये लेकिन ये लड़की उठी नहीं
00:04सलोनी आज की तारिक में उठेगी या नहीं
00:07अरे मा, सोने दोना, बहुत अची नीन आ रही है
00:12ठीक है, तुझे आलो के पराठी नहीं खाने न, कोई बात नहीं
00:16मैं बाहर किसी और को दे आती हूँ
00:17ये सुनते ही सलोनी के कान खड़े हो जाते हैं
00:20और वो फटाफट बिस्तर से उठकर मा के पास आकर आलो के पराठी ले रेती है
00:24आलो के पराठी?
00:26अरे आलो के पराठी मेरे बहुत फेवरिट हैं, लुखा लेती हूँ
00:30बड़ी जल्दी उठकई, लेकिन जाकर सबसे पहले हाथ मुधो, ब्रश कर
00:35वना मैं तुझे कुछ नहीं दूँगी
00:37ठीक है मा, मैं आ रही हूँ, वना मेरे फेवरिट आलो के पराठी ठंडे हो जाएंगी
00:42ये बोलकर सलोनी फटाफाट उटकर मूधो कर आलो का पराठा चाई के साथ खाने रगती है
00:47अच्छा मा, मैंने नाश्टा कर लिया, मैं फटाफाट तयार हो जाती हूँ, लेट हो रहा है
00:52और कुछ अच्छा सा बना लिना मैं आकर खाऊंगी
00:54ठीक है, पहले कॉलेज पहुँचा, मैं तेरे लिए कुछ अच्छा सा बना लूगी
00:59मा, एक और आलो का पराठा दीजे न, इन दो से तो मेरा कुछ भी नहीं हुआ
01:04हाँ हाँ, लेले, ये सब मैं तेरे लिए ही बनाती हूँ
01:09एक आलो का पराठा खाकर सलोनी कॉलेज के लिए चले जाती है, फिर कॉलेज से पढ़ाई कर शाम को आ रही होती है, तो मा को फोन मिला देती है
01:16हेलो मा, मैं घर पहुँचनी वाली हूँ, आज आपनी क्या बनाया है मीरली, मुझे बहुत भोग लग रही है, बहुत पढ़ाई की है आज मैंने
01:24यो नो न, आपके हाथ का खाना मुझे कितना बसंद है
01:26तेरी फेवरिट दाल के पकोड़े की सबसी और परांठे बनाए है, जल्दी आजा
01:31अरे वाह, अभी मत बनाना, दस मिनट बात बनाना, शुरू करना ठीक है, तब तक मैं आदी रास्ते आजाओंगी
01:39अरे हाँ, मेरी मा, मैं गरम गरम ही बनाओंगी, पहले घर तो आजा
01:46फिर सलोनी फोन रख देती है और घर पहुंचती है तो गरमा गरम मा के हाथ का खाना खाती है
01:51हाँ, मा वाह, आपके हाथ का बढ़िया बढ़िया खाना खाकर दिल को बहुत सुकून मिलता है
01:57हाachen जानती हूँ लेकर ये सकून तुझे जाधा समय तक नहीं मिलेगा
02:02इसलिए कह रही हूँ खाना बनाना सीख ले
02:04क्यों मा मेरा रिष्टा कर रही हो
02:07हाँ तू ऐसा ही समझ सकती है
02:10अरे मा ये आपने क्या बोल दिया
02:13खाना बनाना आता नहीं है
02:14आप जानती है, मैं बस खाना खानी की दिवानी हूँ, बनाने की नहीं
02:18कल मुझे चीज मैकरॉनी खानी है, तो कल मैकरॉनिया चीज खरीद लेना
02:22ठीक है, बना दूंगी, लेकिन मुझे बनाना कहां आता है
02:26अगले दिन विशा का सलोनी के कहने पर बाजार जा कर समान खरीती है
02:35जहां उसे कहीं भी चीज नहीं मिलता फिर वो एक दुकान पर पहुँचती है
02:39अरे बेटा वो पिज़ा वाला चिप की चीज देना मेरी बेटी को चाहिए
02:44अरे अन्पी जी मेरी दुकान पर नहीं है उस आगे वाली पर जाईए
02:49यहां ऐसा समान नहीं मिलता आगे पता करिए
02:51ठीक है बेटा
02:54अलग-अलग दुकान पर पता करने के बाद आखिर कार विशा का कोई चीज मैकरोनी मिल ही जाती है
02:59पाप रे पाप ये तो 200 रुपे से नीचे की है ही नहीं
03:04कोई बात नहीं उसने बोला है तो मेहंगी चीज खरीद ही लेती हूँ
03:08बहुत खर्चा हो गया मुझे घर के राशन में कटोती करनी होगी
03:11आखिर मेरे जाड़ों पहुझा करने से मैं घर में कितने पैसे बचा लूँगी
03:17कुछ उसकी शाधी के लिए जोड़ना है
03:19कुछ घर का सामान और अपनी बेटी को खाने के फर्माईश तो रोकना ही नहीं चाहती मैं
03:23यही तो पूरा करके मुझे सुकून मिलता है
03:26फिर घर आकर सलोनी के बताने पर विशा का अपनी बेटी कोची इस मैकरोनी बना कर खिलाती है
03:32वाओ माँ यह तो बहुत तेस्टी बना है
03:35लग ही नहीं रहा कि आपने पहली बार बनाया है
03:38आप मेरी जैसी बुकड का कितना खया लगती है ना
03:41रखना ही पड़ता है
03:43आखे मेरे पास तेरे अलावा है ही कौन
03:46ओ मेरे प्यारी माँ सेंटी नहीं होना
03:49वो दिखो पापा का आशिरवाद है ना
03:51पिता की फोटो देख सलोनी भाव उखो जाती है
03:54इसे ही विशाखा बेटी को खाने की हर फर्माईश को पूरा करती थी
03:58जिसके लिए वो दूसरों के घर में जूटे बर्दन साफ करने का काम करती थी
04:02आगले महीने ही विशाखा सलोनी के शादी एक अच्छे खासे घर में अनिकेट से कर देती है
04:07और शादी के पहली रसोई में वो अपने सास असुर के लिए आलो पूरी कचोरी रायता रसमलाई इत्यादी बनाती है
04:13मा जी पापा जी बताये न कैसा बना है
04:17बहुत अच्छा बना है बस थोड़ी सी मीठी हो गई है रसमलाई
04:21अरे मीठी चीज मीठी हो गई कोई बात नहीं लेकिन इसने बाकी चीज भी अच्छी नहीं बनाई है
04:27बहु अपने माय के से कुछ सीख कर आई है की नहीं
04:30मा आप कैसे बाते कर रही हैं
04:32ये लो बहू, तुम्हारी पहली रसोई का नेक, अगली बार और अच्छे से खाना बनाना, और हाँ, रात को बाजरे की रोटी और साख बना देना।
04:40जी माजी, ए भगवान, बाजरे की रोटी तो मैंने आज तक नहीं बनाई, बहुत मुश्किल होता है, कमरे में जाते ही वीडियो देखना शुरू कर देती हूँ, वनना माजी क्या बोलेंगी, फोन से देखकर खाना बना रही है।
04:52पिर सलोनी जूटी बरतन उठाकर रसोई में साफ करती है, और कमरे में आकर बाजरे की रोटी और साख की रेसिपी देखती है।
05:22खाने पीने वाली थी, जिसे खाने की चीज़ों पर हुकम चलाना बहुत पसंद था
05:26भाहू, ये एक ऐसे बाजरी की रोटी बनाई है, ये भी पहली बार बना रही है क्या
05:31जी माजी, मुझे माफ करती जी, मैं दीरी दीरी बाजरी की रोटी बनाना सीख चाऊंगी
05:37तुम्हारा कुछ होगा की नहीं होगा
05:40घर पर मेरी सहली आने वाली है तुम्हारे हाथ का खाना खाने
05:44तो बढ़िया बढ़िया खाना बना का रखना जाओ अब और कल कोई गलती मत करना
05:48सुमित्रा खाना खा लेती है फिर सलोनी भी पती के साथ खाना खा लेती है
05:52अगले दिन सुमित्रा की सहेली आती है जहां सलोनी बहुत अच्छा खाना बना कर पेश करती है
05:58लेकिन सिर्फ सास ही 19-20 की गलती होने पर जान पूछ कर कमी निकाल देती है
06:03वक्त गुजरता है सास दिन में 6-8 बार खाना बनाने का हुक्म करती थी
06:08जिससे सलोनी खाना बना बना कर परिशान हो चुकी थी
06:11इसी बीच उसे अपनी मा की याद भी आती है कि कैसे वो उसे तंक किया करती थी
06:16एक दिन वो सास को गरम गरम रोटी परोस रही थी कि टेबल पर लाते लाते थंडी हो जाती है
06:21बहु ये क्या आप तू मुझे थंडी रोटी खिलाएगी क्या जा दुबारा से गरम रोटी ले करा
06:28माजी ठंक से दीकी ना रोटी गरम तो है बहु दुबारा से बना कर लिया जिसमें से गरम गरम भाप निकले
06:35ये सुनकर सलोनी अपनी सास को गर्म गरम रोटियां दोड़कर परोस्ती है
06:39जहां उसके आँखों में आसु आ जाते है
06:42माजी की खाना खानने में कितने नाटक है
06:46कि गरम रोटि चाहिए, थंडी रोटि चाहिए
06:48इतना सा नमक है, उतना सा मेच्छे
06:50ऐसे ही मैं भी मा के साथ किया करती थी
06:53अरे मा ये कितनी धंडी पूरी है
06:55तो उसरी पूरी तो ना
06:57आलो की सब्जी के साथ कर्मकरम ही अच्छा लगता है
06:59अरे खाना खाने में कितना नाटक है
07:02अभी तो कड़ाई से बाहर पूरी निकली है
07:04और अब कह रही है कि धंडी है
07:06ये ले खा
07:07आप तो जानती है न मा
07:09मैं कितनी फूरी किस्म की हूँ
07:12खाना बिलकुल टिप टॉप चाहिए
07:14हाँ पता है
07:16मैं जैसा करूंगी
07:17वैसा ही तो भरूंगी न
07:19अगले दिन सास बहु को कोफते बनाने के लिए कहती है
07:22तो सलोनी गिया के कोफते बना कर ले आती है
07:25ये क्या है बहु
07:26तुने मलाई कोफता क्यों नहीं बनाया
07:28गिया के कोफते कौन खाता है
07:30परमाजी आपने कोफता बनाने को कहा था
07:33अच्छा नई बहु के हिसाब से
07:35अगर मैंने तुझे पनीर बनाने को बोला
07:37तो तू पनीर भून कर दे रेगी
07:39या मटर पनी शाही पनीर बना देगी
07:41तो फिर तूने यहां यही क्यों बना दिया
07:43कोई बाद नहीं सुमित्रा
07:45अब यहीं खा लो
07:46नहीं, मैं यह नहीं खाऊंगी
07:48जा वहू, मलाई कोफता ही बना कर ला
07:50मलाई कोफती के लिए
07:52घर में मलाई तो है ही नहीं
07:54मुझे बाहर जाना होगा
07:55फिर सलोनी बाजार जाकर मलाई ढूनती है
07:58लेकिन कहीं भी उसे फ्रेश मलाई नहीं मिलती
08:00इसके लिए वो और ग्रॉसरी शॉप जाती है
08:02तब जाकर उसे मलाई मिलती है
08:04और घर आकर वो सास के लिए दोबारा से मलाई को फता बना कर उसे देती है
08:07ऐसे ही सास बार-बार उसे खाने का होक्म दे कर परिशान करती है
08:11एक शाम
08:12सलोनी मुझसे शिकायत करने से कुछ नहीं होगा
08:15तुम घर में नई बहू हो
08:16मा तुमें सिखा रही है तु सीख लो ना
08:18जी आपने ठीक कहा
08:21दो-चार दिनों में अनिकेद खुद देखता है कि सुमित्रा सलोनी पर खाने को लेकर कितना होक्म चलाती है
08:27बस करो मा उसे कितना डाटोगी
08:29अभी घर में आय हुए उसे कितने दिन हुए है
08:31आपको उसे इस घर में ढ़लने के लिए टाइम तो देना ही होगा
08:34तब ही कर पाएगी वो
08:36और इतना बेकार खाना भी नहीं बनाती
08:38अगर नमक कम है तो उपर से डल सकता है न
08:40और आप प्यार से भी कह सकती है लेकिन नहीं
08:43मुझे भी लगता है कि मैं बहु के साथ
08:45जादा ही सकती से पेश आ रही थी
08:47माफ करना बहु
08:49कोई बात नहीं माजी आप माफी मत मांगे
08:51आपकी इस बात से मुझे भी अकल आई है
08:53ऐसे ही में मम्मी को भी परिशान क्या करती थी
08:56आप बुरा ना माने तो
08:57कुछ देर के लिए मैं उनके पास चली जाओ
08:59कुछ देर के लिए नहीं
09:02तु अपनी मा के पास
09:03दो चार दिन रहने के लिए चली जा
09:05वैसे भी तेरे पक फेरे की रसम नहीं हुई
09:07ये सुनकर सुमित्रा सास को
09:09गले लगा लेती है और अनिकेट उसे माई के
09:11छोड़ देता है जहां गर आते ही
09:13मा के गले वो लग जाती है
09:14सॉरी सॉरी सॉरी सॉरी सॉरी सॉरी मा
09:19मैंने आपको बहुत परिशान किया ना
09:21आपको पता है
09:22जैसे मैं आपके साथ जित करती थी ना
09:25वैसे ही माजी ने की
09:26और मुझे एहसास हुआ कि आपने मेरे लिए क्या कुछ नहीं किया है
09:29अरे पकली तु मेरी बेटी है
09:32इसलिए मैंने ये तेरे लिए सब कुछ किया है
09:34चल आज तुझे मैं अपने हाथों से एक खाना बना कर खिलाओंगी
09:38पता क्या खाएगी
09:40जो आप बना दो
09:41फिर विशा का अपनी बेटी की पसंदीदा चीज बना कर उसे अपने हाथ से खिलाती है
09:46और सलोनी कुछ दिन माएके में रहकर अपनी माँ की भी सेवा कर वापस

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