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पूरा वीडियो: फिर आए ओलंपिक्स, फिर टूटा हमारा दिल (साज़िश 4 'C' की) || आचार्य प्रशांत (2024)

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00:00भारत ही नहीं उन सब देशों के लिए उलम्पिक्स में सम्मान पाना और मुश्किल होता जाएगा जहां महिलाओं की इज़त नहीं है
00:07कारण बता देता हूँ 20-25 साल पहले भी जो उलम्पिक्स थे उसमें महिलाओं की भागिदारी 20-25 प्रतिशत की थी
00:13जब उलम्पिक्स शुरू हुए थे तो महिलाओं की भागिदारी 2 प्रतिशत की थी
00:16और वो बढ़ते बढ़ते इस उलम्पिक्स में जा करके 50 प्रतिशत पहुँच गई है
00:20माने आधे मेडल किसके हैं महिलाओं के
00:22तो जिन देशों में महिलाओं को खेलने के लिए प्रोचाइट नहीं किया जा रहा है
00:25उनका खेलों में क्या भश्य है? कुछ नहीं
00:28पिछले 5 उलम्पिक्स से अमेरिका के 55-60 प्रतिशत पदक महिलाओं ला रही है
00:34पतागर येगा इस बाहर कि जिमनास्टिक्स में किसका दबदबार आए? किसको गोट माना गया है?
00:40इतने जोला भरके वो अमेरिका के लिए पदक लेकर आ गई है
00:43भारत में महिला जिमनास्टिक्स में जाए तो तुरंत उसको बोलेंगे कुलक्छिनी, कुल्टा
00:47तुम्हें कहां से पदक मिल जाएंगे? आज ही पदक तो महिलाओं के भरोसे हैं
00:50वहाँ तुम्हारा ऐसे हो जाता है
00:51और ऐसा करके भी इस बार जो एक मात्र प्रतियोगी है जिसने दो-दो पदक दिलाए भारत को वो कौन है? एक महिला है

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