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  • 2 days ago
Narayana is shocked when he finds half of his body submerged into a thick layer of snow. He immediately realizes the power of Ram naam that Hanuman had been chanting all this while, and he asks Hanuman to rescue him. Later, Vishnu once again continues to narrate the tale of Hanuman's birth. Punjiksthala is now reborn as the daughter of Vanar Raj, Kunjar and is known for her beauty and divine, unmatchable skills. But Punjiksthala who is now named, Anjana is still not completely fit to give birth to Hanuman and hence is made to go through several complicated tests, including her encounter with the demon, Shambsadhan.

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Transcript
00:00क्रेंग जान्य करता है
00:24हनुबान
00:25मुझे यहाथ से निंका लिए
00:27हनुबान
00:30नारज जी आपको हनुमान से प्रात्र पांगने क्या वह शक्ता है आप तो स्वयम है तंगी बिशारत है
00:38हनुमान के समान आप भी अपने सुरो से इस हम को पिगला दीजिए
00:48कि अलज्जी तो महादेव देवताओं और अपसराओं पर अपने सुरों के प्रभाव से मुझे एंकार हो गया था
01:03किन्तु मेरे सुर के वल चीवित प्रान्यों के हिर्द्या में हलचल कर सकते हैं महिश्वर
01:10रामभग धनुमान का संगीत तो इम जैसे जड़ पदार्थ को भी विश्लित कर देता है
01:17जिसके कान तो क्या विदय भी नहीं
01:25तो क्या हनुमान ने नारच जी का भी गर भंकर डाला?
01:44हमारे स्वामी के समान हनुमान जी भी चौसट को लाओ के ग्याता है
01:49कैसे नहों? हनुमान जी की माँ अब सराफ पुंजिक स्थला पे तो उच्छ कोटी की कलाकार थी
01:55आप रण वरल्लब, पुंजिक स्थला का क्या हुआ?
02:03इशी के श्राब के प्रभाव से पुंजिक स्थला का स्वर्ग से पतन हो गया
02:08और उसने धर्ती पर वानर राज कुंजर की पुत्री अंजना के रूप में जन्म लिया
02:15वानर राज कुंजर के घर में अंजना का यथा रिती लालन पालन होने लगा
02:26पूर्व जन्मों के संसकार से अंजना की भी भगवान शंकर में अननिश रद्दा थी
02:33समय बीटता गया यौवन के पग धरते ही अंजना का सौंधर्य खिल उठा
02:43किन्तु अन्ने युप्दियों से विप्रीत अंजना आभूशन और अलंकार के साथ साथ शस्त्र विद्या में भी रुची लेने लगी
02:55वानर राज उन्जर ने उसे रोका नहीं परन उत्साव वर्द नहीं किया
03:25सर बजल राज कि है
03:55झाल झाल
04:25आती उत्तम पेजश्वी भवा
04:31बहुत सोच समझ कर पुन्जिक स्थाला को अनुमान की जननी के लिए चुना गया था
04:46और अभी भी वो भगवान भोले शंकर के अंच का बहार वहन करने में
04:54समर्थ नहीं थी अनेक परिक्षाओं को पार कर अंजना को स्योग के बनना था
05:02इसी उदेश्य से उसके जीवन में विचित्र गटनाय गटने लगी
05:08और एक बार अंजना अपनी सखीयों के साथ निकट के वन में आनन्द विहार के लिए निकली
05:20और देखो ना अंजना कितना शीतल जल है बड़ा आनन्द आहारा है आओ ना अचना इस्टेट्व प्रक्राइश्य आपनी आऊ आ योग आए
05:38कि देखो ना अन्जना कितना शीतल जल है बड़ा आनन्द आ रहा है आओ ना
05:50आओ ना आओ ना आओ ना आओ ना आओ ना आओ ने अन्जना
05:58हटकट क्या कर रही हो तुम लोग रहो जल में मुझे तो यहां तेख पर ही अच्छा लग रहा है
06:28कि देखे ट्रॉट ना आओ पर पहा है
06:32कि देखे तुम लग जाओ ना आओ ना है
06:41कि कि दो प्रॉट प्रॉटल रहा है
06:48प्रॉट प्रॉब रहा है
06:58झाल झाल
07:28झाल झाल
07:58झाल
08:28झाल
08:58झाल
09:28हे प्रभु
09:30यह कैसे लीदा
09:32हे प्रभु
09:38यह कैसे लीदा है?
09:42हे प्रभु
09:52यह कैसे लीदा है?
09:56यह कैसे लीदा है?
09:58यह कैसे लीदा है?
10:06यह कैसे लीदा है?
10:16यह कैसे लीदा है?
10:26यह कैसे लीदा है?
10:28यह कैसे लीदा है?
10:30यह कैसे लीदा है?
10:32यह कैसे लीदा है?
10:34हम सब के मन में इतनी जिग्यासा है जाग रही है
10:42और आपने अपने अधरों पर मुरली धरली?
10:46प्रिये, यदि आपके मन में इतनी ही जिग्यासा है,
10:51तो सुनिये
10:58महादेव का अंच
11:01जन्म से पूर्वी अंजना का मार्ग दर्शन करने लगा था
11:06मनुष्य का प्रारब्ध
11:09अर्थात उसके जीवन में होने वाला कटना क्रब
11:13जन्म से पूर्वी निश्चित हो जाता है
11:17और चाहे अंचाहे हर प्राणि
11:20अपने भाग्य की ओर किछता चला जाता है
11:25अंजना के जीवन का तो केवल एक ही उद्देश्य था
11:30महादेव के अंच महाबली हनुमान का जन्द
11:36ऐसा समझो
11:39कि बाल हनुमान की छवी बनकर वो भाग्य ही
11:44अंजना को एक बिशेश दिशा में खीचे लिये जा रहा था
11:49तो पर उस्वन में और क्या हुआ प्रभू?
11:54वहाँ, जोप्वा, वो पढ़ाही भयंकर ओर
12:08रुमान्च कारीता
12:24एक बार फिर दिखेगा तो उसके कान पकड़कर
12:34रहाँ
12:46प्रोप्वार
12:49प्रोप
12:59ये ब्रूत्पती भगवान जुद्र, ये माता रुद्राणी, मेरे रक्षा केची.
13:29हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हाँ, हा�
13:59तमसादन से तुम्हारी रक्षा तो केवल तमसादन ही कर सकता है सुंदरी
14:04जरो मत
14:06मेरी जोड़
14:07उससे भी भाग करूगी
14:10फिर तुम्हें इस संसार में
14:13कभी किसी से कोई बह नहीं रह
14:15क्योंकि तीनों लोक मैं
14:19मुझ से ज़्यादा बलशाली
14:20और मुझ से ज़्यादा बीड़
14:22कोई
14:23आओ
14:26आओ मिरी पत्तिनी वोने जाओ
14:29ठाक कर कहा जाओगी
14:39रुक्षाओ
14:40देखो मुझे एक रोद आ रहा है
14:50अब बच्कर कहा जाएगी
15:20बच्चर कहा थाँ
15:50कर दो
16:20मैंने इसे मुल्कित कर दिया है
16:43आप निकल जाएए
16:45उत्तर की ओर सरल मार गया है
16:50किन्तु प्रभू जिस वन में शंबसादन चेसे भयंकर राक्षास का प्रकूप था
17:09उस विक्राल वन में पाल हनुमान अंचना को लेकर गए ही कि
17:13हानाथ और थिर वयमी बाता की रक्षा भी की
17:19इस जगत में कुछ भी अकारण नहीं होता
17:27कुछ तो कारण होगा
17:33जिस उत्तर दिशा की ओर पाल हनुमान ने माथा अंचना को भेज दिया था वहां रिशी पनत का आश्रक था
17:50निशी ने आंजना को जल्पान कराया और उनकी सारी व्यता सुप्षा
18:02शंबसादन की उत्पात से यहां सभी प्राणी पिडित है
18:10उसका वद करने के लिए कई योध्धा होने प्रयास किये
18:13किन्तु ये राक्षस बड़ा ही बलवान है
18:16सब के सब उस नरभक्षी का आहर बन गए
18:20अब केवल एक ही आशा शेश है
18:23तुम्हारे उस रहस्यमय रक्षक बालवानर के समान ही
18:28ये वीर्योधा भी वानर जाती का है
18:31वानर राज केसरी
18:35अब उसकी सफलता ही हमारी सुरक्षा है
18:50अब जाब बक्षक बांर शेश के लिए ये नरभक्षक बांर के समान है
19:20झाल झाल
19:50मेरा कुमाल दियाने
19:51कि साभ यलिख नहीं
19:52नalen पंगा सब्भेशת से किसी दो
19:54पुचा agency
19:55जालो
19:55प्यूद हमे益
20:00जालो
20:00प्समेना
20:03भ्समें gagnर
20:07करदे हाँ
20:15जालो
20:17कर??

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