पूरा वीडियो: (गीता-50) स्वभाव अपना उड़ान है, घर अपना आसमान है || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता पर (2024)
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00:00सौफट्वेर में जब मैं अपनी पहली नौकरी में गया था वहां मैंने कुछ लिखा था उसमें से वो मेरे लिए बड़ी विवश्टा के वर्ष थे जो मुझे चाहिए था उसको पाना मेरे हाथ में नहीं था और जो मुझे मिला हुआ था उसको एक जटके में निपटा दो
00:30जिन भर काम करी रहे हो तो मजबूरी की हालत लगती थी तो मैं ऑफिस में ही बैठ करके उन्हीं के सिस्टम पर शायरी करता था क्योंकि मैं जितनी आपको आज की कोडिंग करानी है मैंने कर दी अब मैं वहां से उठके लैब्रेरियम बैठना चाहता हूं मेरा बॉस उसको ख�
01:00मैं बस एक दायरा अपना चाहता हूं और उस दायरे के लिए तो मरने को भी तयार हूं वहां तुम्हें घुसने नहीं दूँगा दो तरह के मूर खुते हैं एक जो हर छोटी चीज में कहते हैं आजादी और दूसरे वह जो वहां भी आजादी नहीं रखते जहां रखनी च