Master breek in church of Kanpur, special story on Christmas
कानपुर। यूपी के कानपुर में एक ऐसा अनोखा चर्च है जिसमें मास्टर चाबी की तरह मास्टर ईंट लगी है। अगर मास्टर को ईंट को खींचा जाय तो पूरी इमारत गिर जाएगी। इस चर्च को 103 साल पहले एक अमेरिकी महिला लॉरा जॉनसन बनवाया था। लॉरा दिव्यांग थीं और क्रोशिया का काम कर वह रजाई, टेबल कवर समेत कई वस्तुएं बनाती थीं जिसको भारत और अमेरिका के बाजार में बेचा जाता था। इससे मिली धनराशि को लॉरा ने यह चर्च बनवाने में खर्च किया।
चर्च में तेज हुई क्रिसमस तैयारियां
एलएलजेएम मेथाडिस्ट चर्च के पादरी जेजे ओलीवर ने बताया कि क्रिसमस की तैयारियां हो चुकी हैं। एलएलजेएम मेथाडिस्ट चर्च 103 साल पुराना है। इसे लेडी लॉरा जॉनसन की दी गई धनराशि से बनाया गया। चर्च में क्रिसमस पर होने वाली इबादत भी शुरू हो चुकी है।
चर्च में समुद्र ऊंचाई नापने का केंद्र है
एलएलजेएम मेथाडिस्ट चर्च शिल्प की दृष्टि से भी अनोखा है। इस शिल्प को देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते रहते हैं। शहर के जिस सेंटर प्वॉइंट से समुद्र की ऊंचाई नापी जाती है उसका सेंटर मेथाडिस्ट चर्च के अंदर ही है। इसके साथ ही चर्च को इस तरह से बनाते समय इसमें एक मास्टर की(चाभी) की तरह मास्टर ईंट का इस्तेमाल किया गया है अगर वो इस इमारत से निकाल दी जाये तो पूरी इमारत भरभरा कर गिर जायेगी।
कानपुर। यूपी के कानपुर में एक ऐसा अनोखा चर्च है जिसमें मास्टर चाबी की तरह मास्टर ईंट लगी है। अगर मास्टर को ईंट को खींचा जाय तो पूरी इमारत गिर जाएगी। इस चर्च को 103 साल पहले एक अमेरिकी महिला लॉरा जॉनसन बनवाया था। लॉरा दिव्यांग थीं और क्रोशिया का काम कर वह रजाई, टेबल कवर समेत कई वस्तुएं बनाती थीं जिसको भारत और अमेरिका के बाजार में बेचा जाता था। इससे मिली धनराशि को लॉरा ने यह चर्च बनवाने में खर्च किया।
चर्च में तेज हुई क्रिसमस तैयारियां
एलएलजेएम मेथाडिस्ट चर्च के पादरी जेजे ओलीवर ने बताया कि क्रिसमस की तैयारियां हो चुकी हैं। एलएलजेएम मेथाडिस्ट चर्च 103 साल पुराना है। इसे लेडी लॉरा जॉनसन की दी गई धनराशि से बनाया गया। चर्च में क्रिसमस पर होने वाली इबादत भी शुरू हो चुकी है।
चर्च में समुद्र ऊंचाई नापने का केंद्र है
एलएलजेएम मेथाडिस्ट चर्च शिल्प की दृष्टि से भी अनोखा है। इस शिल्प को देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते रहते हैं। शहर के जिस सेंटर प्वॉइंट से समुद्र की ऊंचाई नापी जाती है उसका सेंटर मेथाडिस्ट चर्च के अंदर ही है। इसके साथ ही चर्च को इस तरह से बनाते समय इसमें एक मास्टर की(चाभी) की तरह मास्टर ईंट का इस्तेमाल किया गया है अगर वो इस इमारत से निकाल दी जाये तो पूरी इमारत भरभरा कर गिर जायेगी।
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