Death of a man by dog bites in farrukhabad
फर्रुखाबाद। प्रदेश में जिले की स्वस्थ्य व्यवस्था के हालात क्या हैं इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब दवा ना मिलने से मरीज की मौत हो जाती हो। यह स्थिती तब और ज़्यादा भयावह हो जाता है जब परिवार में एक ही व्यक्ती कमाने वाला हो और वो इलाज के अभाव में दुनिया को अलविदा कह दे। सात मासूम पुत्रियों के सिर से बाप का साया उठ गया।
घटना फर्रुखाबाद के जहानगंज थाना क्षेत्र के ग्राम झांसी की है। यहां मृतक रावेन्द्र बीते दो महीनें पहले अपने खेत में पानी लगाने गए थे लेकिन अचानक एक कुत्ते ने रावेन्द्र को काट लिया था। जिसके बाद उसे जिला के लोहिया अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। जहां एंटी रेबीज वैक्सीन के ना मिलने के कारण परिजन ने मरीज़ को सीएचसी कमालगंज ले गए लेकिन दवा वहां भी नहीं मिल पाया। नियम यह है कि एंटी रेबीज का इंजेक्शन कुत्ते के काटने के तुरंत बाद ही लग जाये। एंटी रेबीज वैक्सीन ना मिलने के कारण अचानक उसकी तबियत बिगड़ने लगी। परिजनों के मुताबिक मृतक रावेन्द्र कुत्तों की तरह आवाज़ निकालने लगे तो उन्हें फिर से लोहिया अस्पताल लेकर आये। लेकिन लोहिया अस्पताल ने मरीज का इलाज करने से इनकार कर दिया। मृतक रावेन्द्र के भाई जितेन्द्र पाल ने बताया की एंटी रेबीज वैक्सीन ना मिलने पर वे लोग देशी उपचार कराते रहे लेकिन कोई सुधार नहीं आया। देशी उपचार कराते समय उसकी मंगलवार दोपहर मौत हो गयी।
फर्रुखाबाद। प्रदेश में जिले की स्वस्थ्य व्यवस्था के हालात क्या हैं इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब दवा ना मिलने से मरीज की मौत हो जाती हो। यह स्थिती तब और ज़्यादा भयावह हो जाता है जब परिवार में एक ही व्यक्ती कमाने वाला हो और वो इलाज के अभाव में दुनिया को अलविदा कह दे। सात मासूम पुत्रियों के सिर से बाप का साया उठ गया।
घटना फर्रुखाबाद के जहानगंज थाना क्षेत्र के ग्राम झांसी की है। यहां मृतक रावेन्द्र बीते दो महीनें पहले अपने खेत में पानी लगाने गए थे लेकिन अचानक एक कुत्ते ने रावेन्द्र को काट लिया था। जिसके बाद उसे जिला के लोहिया अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। जहां एंटी रेबीज वैक्सीन के ना मिलने के कारण परिजन ने मरीज़ को सीएचसी कमालगंज ले गए लेकिन दवा वहां भी नहीं मिल पाया। नियम यह है कि एंटी रेबीज का इंजेक्शन कुत्ते के काटने के तुरंत बाद ही लग जाये। एंटी रेबीज वैक्सीन ना मिलने के कारण अचानक उसकी तबियत बिगड़ने लगी। परिजनों के मुताबिक मृतक रावेन्द्र कुत्तों की तरह आवाज़ निकालने लगे तो उन्हें फिर से लोहिया अस्पताल लेकर आये। लेकिन लोहिया अस्पताल ने मरीज का इलाज करने से इनकार कर दिया। मृतक रावेन्द्र के भाई जितेन्द्र पाल ने बताया की एंटी रेबीज वैक्सीन ना मिलने पर वे लोग देशी उपचार कराते रहे लेकिन कोई सुधार नहीं आया। देशी उपचार कराते समय उसकी मंगलवार दोपहर मौत हो गयी।
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