• 4 years ago
चूरू. कोरोना महामारी से जूझती मेडिकल टीमों को कई स्थानों पर कड़ी जद्दोजहद करनी पड़ रही है, यह तो सभी जानते हैं, लेकिन गुरुवार को जो कुछ भी हुआ, वह बेहद चिंताजनक था। इसकी आहट गुरुवार को तब मिली, जब एक इनपुट पर तबलीगी जमात के संक्रमित समूह के साथनमाज पढ़ चुके एक शख्स के निकट संपर्की का सर्वे और उसका सैंपल लेने के लिए मेडिकल टीम उसके दरवाजे पर पहुंची।
हुआ हूं कि मरकजी इलाके में वार्ड 27 में मौजूद एक शख्स के बारे में स्वास्थ्य विभाग को इनपुट मिला कि यहां पर एक शख्स ऐसा है, जो न सिर्फ दिल्ली से पिछले महीने ही लौटा है, बल्कि यहां भी वह जमातियों से संपर्क के लिहाज से हाईरिस्क जोन में है। दिन में करीब डेढ़ बजे मेडिकल टीम इस शख्स की स्क्रीनिंग के लिए बताए गए पते पर पहुंची, तो वहां पर उन्हें नई तरह की चुनौती का सामना करना पड़ा।
पुरुषों ने किया असहयोग, फिर महिलाओं को किया आगे
टीम को यहां कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। पहले तो घर के पुरुष सामने आए और उन्होंने यह कह कर टीम को वहां से जाने के लिए कहा कि यहां पर उनके द्वारा खोजा जा रहा शख्स फिलहाल नहीं है। इस दौरान टीम ने जब तय फार्मेट के अनुसार उनसे सवाल करने शुरू किए, तो अचानक ही घर की महिलाओं ने विरोध शुरू कर दिया और टीम के साथगाली-गलौज करनी शुरू कर दी।
सांप्रदायिक रंग देने की भी कोशिश
इसी बीच घर के पुरुषों ने पुलिस की मौजूदगी में ही टीम पर आरोप लगाए कि वह स्क्रीनिंग के नाम पर समुदाय विशेष के लोगों की ही ले जा रही है। जब टीम ने प्रतिवाद किया, तो छतों पर चढ़ी महिलाओं ने और दरवाजे के अंदर खड़ी महिलाओं ने टीम के सदस्यों को अपशब्द कहने शुरू कर दिए। हालात बिगड़ते देख मौके पर महिला पुलिस को भी बुला लिया गया। टीम ने आरसीएचओ डॉ. सुनील जांदू को खबर की। उन्होंने मौके पर पहुंच कर समझाइश करने की कोशिश की, लेकिन लोग उनसे भी उलझ पड़े। अंतत: टीम को बिना संदिग्ध से मिले और उसका सैंपल लिए ही वापस लौटना पड़ा।

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