• 4 years ago
दो दिन चूरू के जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को परेशानी भरे रहे. रविवार को दिव्यांग युवक के कोविड-19 पॉजिटिव आने के 24 घंटे के भीतर ही उसके माता-पिता के भी संक्रमित निकल जाने के बाद कई अंदेशे सच होते नजर आ रहे हैं। इसको लेकर चिकित्सा महकमे के फील्ड में तैनात टीमें भी परेशान हैं, लेकिन हैरत की बात है कि वे हैरान नहीं हैं दरअसल, जिस तरह से निजामुद्दीन कनेक्शन के चूरू में मिलने के बाद उनमें से तीन के संक्रमित होने की रिपोर्ट आई, उसी दिन के बाद प्रभावित इलाकों में जिस तरह से लोगों ने चुप्पी साधी, अब ताजा हालात में गंभीरता को भांपकर जिला कलक्टर ने खुद सोमवार को ताजा मिले तीन मामलों में उनकी रिहाईश वाले इलाकों का दौरा किया, वहीं उन्होंने तुरंत ही उस वार्ड (जहां तीनों संक्रमित रहते हैं) और उससे सटे वार्ड को सील
कर दिया। यह कार्रवाई उन्होंने खुद आधा घंटा मौके पर डटे रहकर करवाई। जिला मुख्यालय पर बेटे के साथ ही उसके माता-पिता के भी कोरोना पॉजिटिव निकल जाने पर. संबंधित क्षेत्र में और कड़ी व्यवस्था करते हुए सोमवार को वार्ड 40 व 41 में बेरिकेडिंग कर इन्हें सील कर दिया गया। यहां महाकफ्र्यू जैसे हालात रहेंगे। जिला कलक्टर संदेश नायक ने स्वयं पहुंचकर बेरिकेडिंग करवाई और एसडीएम अवि गर्ग तथा डीवाईएसपी सुखविंद्र पाल सिंह को कड़ाई से. कफ्र्यू की पालना कराने के निर्देश दिए। जिला कलक्टर ने डीआरसीएचओ डॉ सुनील जांदू तथा मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर (मेडिसिन) एफ एच गौरी को इन क्षेत्रों में सर्वे, सैंपलिंग तथा लोगों की स्थिति पर नजर रखने के निर्देश दिए। उन्होंने इस दौरान तीसरी बार सर्वे कर रही एएनएम से लोगों के स्वास्थ्य एवं सर्वे के संबंध में feed बैक भी लिया। जिला कलक्टर ने मोहल्ले में जरूरतमंद व्यक्तियों को प्रशासन की ओर से राशन सामग्री के पैकेट उपलब्ध करवाने अथवा. किसी अन्य व्यावहारिक दिक्कतों को लेकर स्थानीय निवासी और लोहिया कॉलेज के एमएम शेख को स्थानीय प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपते हुए. निर्देश दिए कि वे संपूर्ण क्षेत्र की निगरानी करें तथा यह भी सुनिश्चित करें कि किसी परिवार को. भूखा सोने की नौबत नहीं आए। जिला कलक्टर ने कमिश्नर द्वारका प्रसाद को मोहल्ले में समुचित सेनेटाइजेशन के निर्देश दिए. जमीनी स्तर पर सर्वे कर रही टीमों और स्थानीय जातीय एवं सामाजिक समीकरणों की जानकारी रखने वाले लोगों की मानें, तो संक्रमण के जो नए मामले सामने आए हैं, उनका एक गंभीर पहलू यह है कि यह परिवार जिस. समुदाय से ताल्लुक रखता है, उसकी तीन और उपजातियों को मिला कर समुदाय के तकरीबन सात-आठ सौ लोग ऐसे हैं, जो एक-दूसरे से बेहद करीबी रखते हैं। इनमें कई परिवारों में तो पुरानी परंपरा के तहत. एक ही बड़ी थाली से पूरे परिवार-खानदार के भोजन करने की भी परंपरा है। ऐसे में संक्रमण फैलाव का क्या दायरा रहेगा, इसका बस अनुमान ही लगाया जा सकता है। दो वार्डों को सील कर बाकी शहर से अलग कर देना. लाभप्रद तभी सिद्ध हो सकता है, जब परिवार और उससे जुड़े निकट लोगों अथवा पूरे समुदाय की सैंपलिंग करा ली जाए।
इससे पहले सोमवार सुबह 11 बजे कलक्टर संदेश नायक ने कोरोना वॉर रूम के रणनीतिकारों के साथ एक बैठक भी की और ताजा हालात की समीक्षा की। वार्डों को सील करने का प्रस्ताव रखा गया था।

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