मनुष्य जीवन का उद्देश्य

  • 2 months ago
मनुष्य जीवन का उद्देश्य परोपकार यानि अपने मन वचन काया से दूसरों की सेवा करना होना चाहिए | इससे आगे जन्म मरण के बंधन से मुक्ति पा कर आत्मसाक्षात्कार पाना होना चाहिए |
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00:00सामाने आद्बि भी वही एकान्याक चन्म होता है।
00:26सामानिया आद्भी भी वो यही खाना चन्म होता है, पढ़ाई करता है, नौकरी दंधा करता है, शाधी करता है,
00:33नौकरी कुछ कमा के साली जिन्गी, मेंटेनन्स करते रहता है बच्चों का, फेमेली का, लाइटमें, लाइटमें मृत्यू.
00:42तो यह सच्चा जीवन का ध्यै नहीं है, यह तो कुदरती क्रम से जीवन का शरु होता है क्रम, और मृत्यू तक जाता है, जन्म हुआ तो मृत्यू होके ही रहेगी.
00:55और भीतर में, बीचा बीच में ध्यै है, ग्यानी की द्रश्ति से देखें, तो मनुष्य जीवन एक ही ऐसा है, आत्म साक्षादकार पाके, जन्म जन्म अंतर के कर्मों से मुक्ति पाना, वो ध्यै है.
01:12और वो ऐसा ध्यै नहीं मिल रहा है, तो परोपकार के लिए जीवन जीवो, दुसरे के सुख और शांति के लिए जीवन जीवो, बहुत बड़ा मनुष्य जीवन का ध्यै ही सफलता हो जाएगी.
01:27दुसरे के लिए सारी जिनगी देखें, पेड़ है या सब प्राणी, एनिमल्स, कितने मनुष्य के लिए काम में आते हैं, तो मनुष्य का जीवन भी दुसरे के काम में आवें, ऐसा होना चाहिए, सेवा और परोपकार में जीवन जाना चाहिए.
01:42और उससे आगे का दिये है, आत्म साक्षातकार पराप्त परो, पैसे कमाना, शागई करना, वो तो सामनी आदमें भी कर रहा है, खाना, पीना, वो तो जानवर है, सभी जीवन, पंखी, जानवर, पक्षिया, सब वो ही तो खाना, पीना, बच्चे बेदा करना, मरना, वो त
02:12जन्म जन्मान्तर से कैसे मुक्ति पाए, वो मनुष्य जीवन का दिये है, कभी कभार घ्यानी रहते हैं, तब बताते हैं कि ये संसार का दिये नहीं है,
02:23पैसा कमाना, बच्चे, हस्बन, वाइफ, माबाब, बच्चे, नौकरी, दन्दा, वो तो कर्मों का हिसाब भुगतने के लिए है, सच्चा तो ये फरच्यात है, ड्यूटी बाउंड, फरच्यात है, हमारा आत्मा का स्वरुप की पैचान करो, मैं खोद कौन हूँ।

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