क्या आत्मा का डेवेलपमेंट होता है?

  • 2 days ago
दुनिया में आत्मा कहाँ से आती है? क्या हम परमात्मा के अंश हैं? परमात्मा क्या है? पूज्यश्री दीपकभाई से जानते हैं आत्मा यानि की जीवात्मा से परमात्मा तक का सफ़र |
Transcript
00:00आत्मा अवीनाशी अगा?
00:08एक बात है कि आत्मा अवीनाशी होगा फिर वीनाशी होगा ?
00:13अवीनाशी तो उसके टुकडे हो नहीं सकते हैं, परमात्मा के टुकडे होते ही नहीं।
00:18हाकिकत क्या है?
00:20प्रत्येक जीव आत्मा ही है और परमात्मा भी है.
00:25आत्मा सो परमात्मा.
00:27तो हुआ क्या है?
00:28आवरण से ढखा हुआ है.
00:30जैसे ठाऊजन वट का बल्ब है,
00:32उसके वर कपड़े एक के बाद एक लेयर डाल दिये,
00:36तो उजाला बार आएगा ही नहीं.
00:39तो अंदर भीतर में तो धाउजन वट का बल्ब पुरा है,
00:42फुल लाइट, और आवरण है.
00:44तो ये जीव मात्र संसार की बिगनिंग वो क्या होती है?
00:50एक कंप्लिट आवरण वाला आत्मा है.
00:52और वहाँ से एक आत्मा जब मोक्ष कती जाता है,
00:55तो आवरण वाला आत्मा संसार में एंट्री होता है.
00:58वो कंप्लिट रो फॉम है, आवरण वाला है,
01:01भीतर उजाला धाउजन वट का पुरा है,
01:03पर आवरण से ढखा हुआ है.
01:05तो ये एक इंद्रिय में आता है,
01:07थोड़े आवरण तुटेंगा, तो दो इंद्रिय में आता है.
01:09ऐसे आवरण तुटते जाता है,
01:11तीन इंद्रिय में, चार इंद्रिय में, पंच इंद्रिय में,
01:13बाद में ह्यूमन में आता है.
01:15आवरण तुटते जाता है, डेविलप्प होता है जाता है.
01:18धर्म में डेविलप्पमेंट होता है.
01:20ऐसे जब आत्म ज्ञान मिलता है,
01:22तब नए आवरण आने बंद होईंगे,
01:25और फुराने आवरण धीरे धीरे फल देके चले जाएंगे.
01:28तो निरावरण आत्मा हुआ, तो मोक्ष गती जाएगा.
01:31तो निरावरण आत्मा को ही परम दशा आत्मा की,
01:35उसको परमात्मा बोला जाता है.
01:37तो आत्मा आवरण वाला है, उसको जीवात्मा बोला जाता है,
01:40अज्ञान का आवरण है, जीवात्मा बोला जाता है.
01:43तो यह अंतर आत्मा दशा, यह नहीं जीवात्मा दशा, अज्ञान दशा है वो.
01:47जब ग्यान मिलेगा, तो अभी आपकी अंतर आत्मा दशा बोला जाता है.
01:51और जब सब फाइलों का इसा पुरा हो गया,
01:54तो हम खुद परमात्मा दशा तक पहुँच सकते हैं.
01:58तो वही आत्मा जीवात्मा है, अज्ञान दशा है वहां तक.
02:02आत्मा घ्यान हुआ, तो खुद ही शीव सरुफ हुआ, अंतर आत्मा.
02:06और वही जब एप्सेलिट हुआ, तो परमात्मा बोला जाएगा.
02:14वो आवरन वाला था ही, जैसे रो फर्म,
02:17जैसे डाइमनड रहता है, जो माइंस में से निकालते हैं, तो रो फर्म है.
02:22ऐसे आवरन वाला आत्मा है.
02:24और कितना आवरन, जिर थोड़ा सा तूटता है,
02:29एक इंद्रिये तक प्रगट होता है, सपर्शेंद्रिये प्रगट होती है उसको.
02:32तो आवरन वाला आत्मा, उसको अव्यावाराशी बोला जाता है,
02:35निगोध वाले जीव, अव्यावाराशी.
02:38अनन्त आत्मा आवरन वाले है ही है.
02:41जब एक आत्मा मुक्ष में जाता है,
02:43एक आवरन वाला आत्मा संसार में एंट्री होता है.
02:45पर आवरन कम होते होते देवलप्मेंट होते जाता है.
02:49हुमन तक नेचरल देवलप्मेंट है,
02:52बात में क्रोध, मान, माया लोग वो हुमन में देवलप्मेंट होते है,
02:56तो वो भी देवलप्मेंट का ही पार्ट है.
02:59दिरे दिरे क्रोध, मान, माया लोग बढ़ते हैं, हिंदुस्तान में
03:0240 फीट के क्रोध, मान, माया लोग.
03:04जबर जस क्रोध, मो, लोग, मान,
03:07चगड़े, कशाय, दूख,
03:09बात में उसको छुटने की इच्छा होते हैं, अभी छुटना है, मोक्ष जाना है.
03:12तब जाके आत्मग्यान मिलता है, तब अभी नए कर्म से मुक्ति पाता है.
03:18पुराने कर्मफल खतम किया, तो मोक्ष गति पाता है.
03:21ये कुदरती डेवलप्मेंट है, जीवन में.
03:28इस संसार में जितने आत्मा है, वो कॉंस्टन्ट है.
03:32एक आत्मा मोक्ष में जाएगा, तो अभ्यावार में से एक आत्मा संसार व्यावार में आएगा.
03:36तो संसार व्यावार के जितने आत्मा है, वो कॉंस्टन्ट है.
03:39पर अभ्यावार में अनन्त आत्मा है.
03:42और मोक्ष में भी अनन्त गए.
03:44अनन्त में से कितने भी कम होगे, तो अनन्त ही बचेंगे.
03:48पर संसार में जो जिवन कॉंटेबल है, कॉंट कर सकते हैं.
03:53और देव गती के, नर्ग गती के, जानवार गती के असंख्यात जिव हैं, कॉंट भी नहीं कर सकेंगे.
04:00पर है कॉंस्टन्ट, फिक्स जैसे, एक मोक्ष में गया तो एक एंट्री हो रहेगा, दस गये तो दस एंट्री करेंगे.
04:07एक कॉंस्टन्ट संसार में जिव मातर कॉंस्टन्ट रहते हैं, यूमन प्लस अधर गती.
04:13ऐसे चलते रहता है, देवलप्मेंट होते रहता है, जैसे बच्चा है, फर्स्ट स्टेंडर्ड में से सेकेंड में आएगा, आउट डॉक पीज़डियो के बाद में मुक्त हो गया, कॉलेज से मुक्त हो गया.
04:24तो ये देवलप्मेंट है, यूमन में, स्कूल में पढ़ता है, ऐसे आत्मा का देवलप्मेंट है, इसका ज्ञान, दर्शन बढ़ते, बढ़ते, बढ़ते, पहले रिलिजियन देवलप्मेंट होता है, बाद में अध्यात्मिक देवलप्मेंट होता है, आदमें एपसेल�

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