माता - पिता का व्यवहार बच्चों के सामने कैसा होना चाहिए?

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आज के जमाने में बच्चे पश्चिमी संस्कृति को ज्यादा महत्ता दे रहे है, और उस हिसाब से जीवन जीने लगे है| ऐसे में माता-पिता होने पर हमें किस प्रकार से उनके साथै अपना व्यवहार करना चाहिए?
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00:00आजके माहोल में बच्चे वेस्टरनाईज होते जा रहे हैं, तो उसमें पेरेंट्स को बच्चों के साथ कैसा व्यावार करना चाहिए?
00:08पहले तो अस्बन, वाइपने एक दूसरे के साथ जगड़ा कभी नहीं करना चाहिए,
00:12एक दूसरे के गलती नहीं कभी निकालनी चाहिए, एक दूसरे को दुख नहीं देना चाहिए, वहाँ से सुर्वाद करो,
00:20हमारी वीडियो बच्चे लोग, मेरा पपा ममी को दाटता है, मैं भी बड़ा होके मेरी वाइप को दाटूंगा, शीकता है,
00:29अस्बन्द खर्चा जादा करता है, तो लड़के भी देखेंगे, मेरा पपा बहुत खर्चा, मैं भी बड़ा खर्चा करूंगा बड़ा होके,
00:38या तो मेरे पादर ने ऐसा लिया, तो मैं भी ऐसा लूंगा, तो ये हमारा ही वीडियो, हमारा ही आच्रण, वो देखके सिखते हैं,
00:49तो हमारे तरब से क्या होना जाएगा, हमारे तरब से उसके साथ, पहले तो अस्बंड वाईपने प्रेम से रहने का, संसकार ही रहने का,
00:57और दूसरा स्टेप ये आता है कि बच्चों के साथ डिलिंग है, तो उसकी बुरी आदते का स्टडी करो, पॉजिटिव, उसका क्या है, वो भी स्टडी करो, दिरे दिरे बुरी आदत में समझा के, बोलों कि ये गलत है, इसा नहीं होना जाया, अच्छी आदत उसको इंकर
01:28लेकिन इसमें जैसे मदर का रॉल होता है, तो कभी-कभी हज्बन्ड का, मतलब वो बीच में सैंड्विच की तरह बन जाती, इदर बच्चे बोलते हैं कि हमारा सुनो, उदर वो बोलते हैं कि ऐसा होना चाहिए, तो वो कंफिजन हो जाती किसकी बात माने
01:45तो पहले अस्मंड वाइफ ने अकेले रूम में बैठ के, सौलिशन निकालना चाहिए, आप जो कहना चाहते हो, मगर वे तो गलत पकड़ लिया है, उल्टा चल रहा है, ये नहीं होना चाहिए, तो हम दोनों एक होके, दिरे-दिरे पपा, ममी एक होके, सौलिशन निकालना
02:15करती है बच्चे का, बाप से थोड़ा जुदाई कराएगी, और उसको लगेगा, ममी मानने वाले नहीं, पपा मानेंगे, तो पपा के पास पहुँचेगा, पपा ऐसा है, इतना है नहीं, ये है, वो है, पपा, हाँ ठीक है, तुझे की चाहिए, ममी तो मानने वाले नहीं ह
02:4515, 16 होगा, बाद में पपा ने हेंडल करने का, खाट करने का, तब तक ममने की बाद में, पपा ने डखल नहीं करनी चीज़िएं,
02:52मम्मी को हेंडल करने दो और पपा को पीटो पावर,
02:56जब ज़रूर पढ़ेती है, हेल्फ करेंगा।
02:57बारखे मम्मी भार-भार पपा को बीच में नहीं डालना चाहें।
03:00इसको बोलो, ये बन करे, एक टीवी देखते रहता है, पढ़ाई नहीं करता है।
03:04मम्मी ने बार-बार नहीं कराने का, इसको समझा पटाके जितना हो सके उतना करो।
03:09पपा को इंवाल मत करो।
03:11पपा की ज़रूरत है 15-16 साल के बाद में।
03:14और उससे बड़े बच्चे हो तो?
03:16हाँ, तो फिर मम्मी पपा, पपा ही ज़्यादा हेंडल करेंगे।
03:19मम्मी बाद में तो हमारी फर्ष बजाएंगे, समझा पटाके रस्ता निकालेंगे।
03:24क्याकि आग्रह, दुराग्रह छोड़ दो बाकी का।

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