El Chapo's Unbelievable Prison Escape

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El Chapo's Unbelievable Prison Escape
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00:00मेकसीको के इंतहाई सिक्योर जेल में चक्कर लगाता हुआ ये शक्स कोई आम आदमी नहीं बलके दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे खतरनाक ड्रग स्मगलर एल चैपो है।
00:12इसके सेल में खास CCTV केमराज लगाए गए हैं जिनकी मदद से 24 गंटे इस पर नजर रखी जाती है।
00:19इसके सेल में ना कोई रोशन दान है और ना ही कोई खड़की सिरिफ कोने में एक शावर एरिया बना हुआ है।
00:26मज़े की बात ये कि इतनी सिक्योरिटी और नजर रखने के बावजूद भी एल चैपो चलते चलते शावर एरिया की तरफ जाता है और फिर दोबारा सिक्योरिटी स्टाफ को नजर नहीं आता।
00:38आदे गंटे के बाद जब उनको शक हुआ तो वो सेल के अंदर गए लेकिन दुनिया का सबसे बड़ा ड्रग स्मगलर भाग चुका था। आखिर वो कहां से और कैसे भागा आये एल चैपो की जिंदगी और उसकी इसकेप पर नजर डालते हैं।
00:53जैम टीवी की वीडियो में एक बार फिर से खुशाम दीत। 1957 में मेक्सीको के एक चोटे से टाउन बाधीरा गौतो में पैदा होने वाले एल चैपो का असल नाम ओकीन कुजमेन है। लेकिन बाद में उसने खुद को एल चैपो का नाम दे दिया। उसकी ड्रग ट्रेडिं
01:24और डूंडने पर भी जब उसे कुछ नहीं मिला तो उसने भी ड्रग्स बेचना शुरू कर दी।
01:29सिरिफ 15 साल की एज में ही उसने खुद ड्रग्स उकाना शुरू कर दी। वो अपने लिए कोई सुनसान एरिया चूज करता और वहाँ पर मेरोवाना उकाने लगता।
01:40आहिस्ता आहिस्ता उसकी ड्रग ट्रेडिंग इतनी बढ़ने लगी कि मेकसीको के बड़े ड्रग डीलर्स उसको अपने गेंग में लेना चाहते थे।
01:481970s की दहाई में उसने एल गुएरो पालमा नामी एक ड्रग ट्रेडिंग गेंग को जोएन कर लिया।
01:55इस गेंग में वो ड्रग की स्मगलिंग की निगरानी किया करता था और वो अपने काम में इतना सक्त था कि जब भी कोई डिलिवरी लेट होती या ज़रा सी भी गलती होती तो वो डीलर को मार देता था।
02:071980 में उसने उस वक्त के सबसे मशूर ड्रग डीलर एल पड्रीनो गयाडो के गेंग को जोएन कर लिया।
02:14ये गेंग मेकसिको में ड्रग ट्रेडिंग का सबसे बड़ा गेंग था।
02:19एल चैपो को इस गेंग में भी लॉजिस्टिक्स और ड्रग शिप्मेंट की जिमदारी दी गई।
02:24उसका काम कॉलंबिया से मेकसिको आने वाली ड्रग्स पर नजर रखना था।
02:28लेकिन 1989 में गेंग का लीडर गयाडो एजन्सीज के हाथों पकड़ा गया और गेंग तूट गया।
02:35मोके का फायदा उठाते हुए एल चैपो ने अपना खुद का गेंग बनाया जिसे उसने सेनालोआ कार्टेल का नाम दिया।
02:43अब अमेरिका में दो रास्तों से ड्रग्स पहुंचाई जाती थी।
02:46जियादा दर ड्रग्स करेबियन की तरफ से आती थी और दूसरा रास्ता था मेक्सीकन बॉर्डर्स का।
02:51अमेरिकान एजन्सीज ने अपना सारा फोकस करेबियन की तरफ रखा हुआ था और बहुत से ड्रग डिलर्स और गैंग्स पकड़े जा चुके थे।
02:59एल चैपो ने इसका फाइदा उठाया और डिफरिंट चैनल्स को इस्तमाल करते हुए यूएसे में ड्रग्स पहुंचाने लगा।
03:06वो बहुत सारी ड्रग्स उगाता था जिसमें मैथम फैटमेन, हीरोइन, एकस्टेसी, कोकेण और मेरुवाना उसको ज्यादा प्रॉफिट देती थी।
03:15इसलिए वो इन ही ड्रग्स पर ज्यादा फोकुस करता लेकिन ड्रग्स को यूएसे में पहुंचाना इतना आसान नहीं था
03:21और इसके लिए वो बहुत ही चलाकी का मजहरा करते हुए ये काम करता था।
03:27वो शुरू में ऐसी ड्रग्स जिनकी ज्यादा स्मैल नहीं होती जैसा के कोकेण,
03:31उसको फायर एस्टेंगुशर्ज, चिली पैपर के कैन्स या फिर कार की रिम्ज में चुपा कर इसमगल करता था
03:37जिसको ड्रग सूमने वाले कुट्टे भी डिटेक्ट नहीं कर पाते थे।
03:42लेकिन मसला ये था के कोकेण के इलावा दूसरी ड्रग्स इस तरीके से इसमगल नहीं हो सकती थी।
03:48इसलिए उसने एक ऐसा तरीका अख्टियार किया जो उसकी पहचान बन गया।
03:53और वो तरीका था टनल्स यानि सुरंगे।
03:57वो लाकों डॉलर्स इन्वेस्ट करके एक्सपर्ट्स हायर करता और जमीन के नीचे ऐसी टनल्स बनाता
04:02जिसमें एलेक्ट्रिसिटी और मेंटिलेशन का पूरा सिस्टम मजूब था।
04:06और उन टनल्स के जरीए वो यूएसे में ड्रग्स स्मगल करने लगा।
04:111990 में फैडरल ब्यूरो ओफ इन्वेस्टिकेशन के उफिसर्स तब हैरान रह गए जब उनको एल चैपो की पहली टनल मिली।
04:19वो टनल तीन सो फिट लंबी और उसमें बिजली का मुकमल बंदोबस्त मुझूद था।
04:24टनल एक घर के अंदर निकलती थी जो एल चैपो का सेफ हाउस हुआ करता था।
04:29और एमेजन्सी की सुरत में वो इस टनल के जरीए भाग भी सकता था।
04:34एल चैपो को इस धन्दे के सारे रूल्स मालूम थे।
04:37इसलिए लाख कोशीश करने के बावजूद भी वो पकड में नहीं आता था।
04:41नवेंबर 2010 में ओटे मैसा में एक और टनल मिली जिसमें ऐसी ही facilities मौझूद थी।
04:48लेकिन इसके एलावा जमीन पर रेल सिस्टम भी नस्प था
04:51जिससे construction के दोरान मलबा और बाद में drugs ट्रश्पोर्ट की जाती थी।
04:562012 में टीजुआना, 2013 में फिर से ओटे मैसा में और भी टनल्स मिली।
05:03उसकी कमाल महारत को देखते हुए एल चैपो और उसके गेंग को
05:06किंग ओफ टनल्स कहा जाने लगा।
05:09वो अपनी टनल्स इस कदर गहरी बनाता था
05:12के ground penetrating radar machine भी इसको detect नहीं कर पाती थी।
05:17और टनल्स की entrance को वो चलाकी से छुपाया करता था
05:20जैसा के पाथुरूम टब या फिर टॉलिएट के नीचे।
05:23टनल्स बनाने से पहले वो जगा को बहुत दिहान से चूस करता था।
05:28उसने ज़्यादातर स्मगलिंग US-Mexico बॉर्डर पे मौजूद
05:31केलिफोनिया की शहर ओटी मैसा से करने का इरादा बनाया।
05:35उसने ओटी मैसा को तीन वज़ुहात की बनापर चूस किया था।
05:39पहला ये कि ओटी मैसा दो मेजर ट्रांसपोर्ट हब्स टीजुआना और सैं डियागो के नस्थीक था।
05:45और ड्रग्स को इन हब्स की वज़ा से एजंट्स तक ट्रांसपोर्ट करना बहुत असान था।
05:50दूसरा ये एक इंडॉस्ट्रियल एरिया था जहांपर बहुत सी फैक्ट्रीज थी।
05:55और फैक्ट्रीज की भारी मशीन और ट्रैफिक का शोर ज्यादा था इसी लिए यहां टनल्स कोदना असान था।
06:01क्यूंके खुदाई का शोर फैक्ट्रीज के शोर में छुप जाता था।
06:04और तीसरा रीजन है यहां की मट्टी।
06:07क्यूंके इस शहर के एक तरफ समंदर है जो यहां की मट्टी को बहुत नरम रखता है।
06:12इसी लिए यहां पर खुदाई करना बहुत असान था।
06:15जबके दूसरी तरफ पहाड हैं जो नरम जमीन को भी मजबूती देते हैं।
06:19और इसकी बज़ा से टनल्स कोलेब्स नहीं करती थी।
06:23यानि हर लिहाज से यह शहर एल चैपो की टनल्स के लिए बहुत आईडियल था।
06:289 जून 1993 को मेक्सिकन अथॉरोटीज ने फाइनली एल चैपो को पकड़ लिया
06:33और उसे 20 साल कैद की सजा सुना कर जेल में डाल दिया गया।
06:38लेकिन ये जेल भी उसके लिए उसका ओफिस बना रहा।
06:42वो जेल स्टाफ को रिश्वत दे कर अपने लिए हर एक सहूलत हासिल कर लिता था।
06:47और अपनी बिजनिस मीटिंग्स भी अरेंज करवा लिता था ताके उसका काम चलता रहे।
06:522001 में सुप्रीम कोट अफ मेकसीको ने एक फैसला किया
06:56जिसके बाद युनाइटेट स्टेट्स और मेकसीको के दर्मियान कैदियों के तबादले का प्रोसेस इजी हो गया।
07:02अल चेपो जानता था कि युएसे में ड्रग स्मगलिंग की वज़ा से
07:06युएसे की हकूमत हर सूरत उसको अपने पास मंगा कर कैद करेगी
07:10और फिर वहां से निकलना आसान नहीं होगा।
07:13इसलिए अल चेपो ने पहली बार मेकसीको की जेल से भागने का मन्सूबा बनाया।
07:19उसने जेल गार्ड्स को 25 लाख डॉलर्स की रिश्वत दी और लॉंड्री बासकिट में बैट कर जेल से भाग निकला।
07:26अगले 13 सालों तक उसने फिर से अपनी टनल्स, ड्रग ट्रेड और दूसरे क्राइम्स की वज़ा से बगएर पकड़े यूएसे और मेकसीको की सरकार की नाक में दम किये रखा।
07:37लेकिन 13 साल की मेहनत के बाद मेकसीकन एजन्सीज को उसकी एक्जेक्ट लोकेशन पता चल गई और उसके घर पर रेट कर दी गई।
07:46अब की बार भी उसने अपने भागने का बंदोबस्ट कर रखा था। वो बात्रुम में बाथ टब के नीचे एक सीकरिट टनल में घुश गया लेकिन अथौरोटीज ने उसको ज्यादा दूर नहीं जाने दिया और फाइनली वो एक बार फिर से पकड़ा गया।
08:00अब उसे मेक्सिको की सबसे महफूस जेल एल्टी प्लानो मेक्सिमम सिक्योरिटी प्रिजन में भेज दिया गया और उस पर घसूसी नजर रखी जाने लगी।
08:09लेकिन सिर्फ एक साल के बाद 11 जुलाय 2015 को जब वो अपने सेल में तहल रहा था तो रात को 8 बज़कर 50 मिन्टों पे उसको आखरी बार शावर एरिया के पास देखा गया।
08:22उसके सेल में सिर्फ शावर एरिया ही था जो कैमरा की आंक से छुपा हुआ था।
08:27करीब आदे घंटे के बाद जब वो कैमरा पे नहीं देखा गया तो सेल का मॉइना करने के लिए लॉक अप खोला गया। जब तक गार्ड्स अंदर गए तब तक एल चेपो जा चुका था।
08:39उसने बड़ी चालाकी से शावर एरिया के घटर को बड़ा करके एक टनल खोदी जो नीचे एक बड़ी टनल के साथ कनेक्टिट थी।
08:47ये टनल देड़ किलो मेटर दूर एक करीबी कंस्ट्रक्शन साइट तक खुलती थी।
08:52जमीन से 33 फूट नीचे और 5 फूट 7 इंच चोड़ी ये टनल इतनी बड़ी थी कि इसमें से आसानी से इंसान गुजर सकता था।
09:01लेकिन इस बार उसकी आजादी ज्यादा लंबी नहीं थी।
09:058 जन्वरी 2016 को लॉस मोचिस में मेक्सीकन मेरीन्स ने उसके सेफ हाउस पर फिर से हमला किया और शदीद मुजहमत के बाद वो एक बार फिर से पकड़ा गया।
09:17इस बार अमेरिकन सरकार ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहती थी।
09:21इसी लिए 2017 में एल चैपो को मेक्सीकन सरकार ने उसे के हावाले कर दिया।
09:27जहाँ वो सुपर मैक्स प्रिजन कॉलराडो में अपनी उमर कैद की सजा काट रहा है।
09:32लेकिन हकीकत यह है कि जितनी भी सिक्योरिटी हो, अमेरिकन सरकार को ये डर ही रहता है कि कहीं एल चैपो दुबारा से न भाग चाए।
09:41उमीद है जैम्टीवी की ये विडियो भी आप लोग भरपूर लाइक और शेयर करेंगे।
09:46आप लोगों के प्यार भरे कॉमेंट्स का बेहत शुक्रिया। मिलते हैं अगली शांदार विडियो में।

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