"चालाक कौवे और लोमड़ी: Kids Story That Teaches a Valuable Lesson!"

  • 2 days ago
Welcome to a magical adventure in our enchanting **चालाक कौवे और लोमड़ी** Kids story! This captivating tale will take your little ones on a journey filled with cleverness and important life lessons. As our crafty crow outsmarts the cunning fox, children will learn the value of wit and wisdom while being entertained! Perfect for bedtime, school storytime, or just an afternoon pick-me-up, this children's fable is bound to delight listeners of all ages. Don't forget to hit that bell and subscribe for more exciting kids stories that inspire and educate! Happy watching! ✨

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Transcript
00:00एक था गहना जंगल
00:02गहने जंगल के बीच
00:04धेर सारे जंगली जानवर रहते थे
00:08वहीं कोई जानवर खतरणाक
00:12और कोई जानवर बहुत ही नरम सुभाव का
00:16उसी जंगल में
00:18दो दोस्त रहते थे
00:20जिसमें पपू बंदर और काला भेडिया
00:26दोनों में बहुत जादा दोस्ती थी
00:30और वहें बड़े प्यार से रहते थे
00:34उनकी दोस्ती को देख सारा जंगल
00:38उनसे चिढ़ा करता था
00:40आजकल तो काला भी पके हुए फल खाने लगा है
00:56हाँ हाँ क्यों ना खाए क्यों ना खाए
00:59वो बंदर का जो दोस्त जो ठैरा
01:02आरे सही बात कह रहे हो आती तुम
01:05आजकल तो काला भी फल खाने लगा है
01:10आरे हाँ सही कह रहे हो कालू कुवे तुम तो
01:14पपू बंदर ने भी इसलिए हमारी साथ दोस्ती छोड़ दी
01:19अब तो वो कालू को ही अपना दोस्त मानता है
01:23और उसी के साथ रहता है
01:26ऐसे ही काफी समय बीटा चला गया
01:31आरे कालू भेडिये ऐसा करो यार तुम अपने घर जाओ
01:36तुमारे माता पिता तुमारा परवार तुमारा इंतिजार कर रहे होंगे
01:42आरे पपू बंदर भाई क्या बात कर रहे हो
01:45आप तो मेरे दोस्त हो आप ऐसी बाते मत किया करो
01:49आरे मैं सच कह रहा हूँ दोस्त
01:52तुम अपने परवार के साथ रो रोओ जब दिल किया करे आजाया करो
01:56नहीं यार मैंने एक बार कह दीया नहीं
01:57कि मैं तुमहरे साथ ही रहूँगा
02:02आज के बार तुम एसी बात मट करना
02:05तुमने ऐसी बात की तो देख लेना
02:07वहां
02:09कालु कवुआ और
02:11हाथी प्लैन बनाते हें
02:13आरे कालु कोई हम ऐसा करते हैं
02:16कि हम झेंगल के राजा शेर के पास
02:19कालु बेड़़ये की शिकायत करते हैं
02:22हम दोनों लोग शेर के पास जाते हैं
02:35आरे कालू कोगे मुझेटो सेर से डर लग रहा है।
02:40कहींगे ऐसा नहो, कालू बेढियो को बाब में खालें उससे प failures को, हमें खालें।
02:47मुझे बहुत डर लग रहा है।
02:49औरयी ब Chemical क्यों हों, एंरे आ तो दो।
02:53अरे कौन आया मेरी गुफा में?
02:55और एक क्या बात है, आज तो मुझे हट्टी-खट्टी हतनी खाने को मिलेगी
03:01आज तो मैं पेट भर कर इस हतनी को खाऊंगा
03:04आज तो मज़ा ही आ जाएगा
03:07ये हतनी तो कम से कम 15 दिन खतम नहीं होगी
03:11इसे मैं 15 दिन तक खाऊंगा
03:14क्या बात है, शिकार ख़ुद ही चल कर आ गया मेरे पास
03:18अरे महराज, रुकिये, रुकिये महराज
03:21हम आपका शिकार बनने नहीं आए हैं
03:25आपके लिए शिकार ले कर आए हैं
03:27क्या मेरे लिए शिकार, कहां है मेरा शिकार
03:31अरे महराज, कालू भेडिया, जो आपका दुश्मन है
03:34उसका शिकार करना है
03:37अरे, मगर तुम कालू भेडियो को क्यों मारना चाहती हो
03:41महराज, उसने हमारे दोस्त को हम से अलग कर दिया है
03:46पपू बंदर को, अब पपू बंदर उसके साथ ही रहता है
03:51जिससे, अब वे हमारे साथ खेलता भी नहीं है और बोलता भी नहीं है
03:57ठीक है, ठीक है
03:58जाओ, तुम लोग भेडियो को मेरे पास लाने का परबंद करो
04:03इतनी बाद सोचकर, वे हैं, वहाँ से चले जाते हैं
04:16अरे यार पपू बंदर, तुम यहां बैठे हो
04:19मैं तुम्हें कब से ढूंढ रहा हूँ
04:22अरे, क्यों ढूंढ रहे हो
04:23वो जो तुम्हारा दोस्त है, कालू भेडिया
04:26वो हातनी के बच्चे को गुफा में ले कर गया है
04:32वे हैं, उसको खा लेगा
04:34अरे जाओ जाओ, तुम सब मेरे और कालू की दोस्ती से चिड़ते हो
04:40जिस कारण तुम सब लोग उल्टे सीधे प्लैन बनाते हो
04:45हमारी दोस्ती तोड़ने का
04:47अरे सच कह रहा हूँ
04:58अरे कालू भेडिये, आज तो तुम आ गए
05:02आज मैं तुमें नहीं छोड़ूँगा
05:05अरे सेर, तुम इसका कुछ नहीं बिगाड सकते
05:08मैं हाथी के बच्चे को कुछ नहीं होने दूँगा
05:10शेर और भेडिये में लड़ाई हो जाती है
05:23शेर भेडिये को घायल कर देता है
05:26वहाँ पर हाथी, बंदर और कुछ पहुंच जाते हैं
05:31अरे कालू भेडिये, तुमें क्या हुआ
05:33क्या हुआ मेरे मिट्र, क्या हुआ दोस्त
05:36अरे कुछ नहीं, मुझे शेर ने शिकार बनाया है
05:43अरे देखा देखा पपू बंदर, मैंने कहा था न
05:47तुमारा कालू दोस्त इस हाथी के बच्चे को लेकर यहां पर आया है
05:53और ये इसका शिकार करना चाहता है
05:56इतना कहकर कालू भेडिया मर जाता है
06:00अरे नहीं नहीं
06:02पपू बंदर, पपू बंदर, इनोंने नहीं मारा
06:05मुझे तो शेर ने अपना शिकार बनाना था
06:09जिससे मेरी जान कालू भेडिये ने बचाई
06:13कालू भेडिये तो मुझे यहाँ पर पाने पीने के लिए लेकर आया था
06:17इतना सुनकर शेर वहाँ से भाग जाता है
06:20अरे पपू बंदर हमसे गलती हो गई हमें माफ कर दो
06:25आगे से ऐसा काम नहीं होगा
06:27इस कालू भेडिये की मौत हमारी बज़े से हुई है
06:31इसके गुनागार हम है
06:33हाँ सही कह रहे हो
06:35पपू बंदर हमें माफ कर दो
06:37हमसे गलती हो गई

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