दो दिन पहले लाया था बाइक, पिता ने पुत्रवधू को दिलाई थी मोपेड
- एएओ की हत्या व शव काटकर सीवरेज नाले में फेंकने का मामला
- पत्नी, दो सालियां व पूर्व फौजी का रिमाण्ड बढ़ाया
जोधपुर.
समलैंगिक संबंधों के कारण गौने होने से बचने के लिए गत दिनों नांदड़ी के रामदेव नगर में कृषि विभाग के जिस एएओ चरणसिंह उर्फ सुशील जाट की हत्या की गई थी वह माता-पिता का इकलौता पुत्र था। उसके माता-पिता जल्द ही गौना कर पुत्रवधू घर लाना चाहते थे। पिता ने कुछ माह पहले ही पुत्रवधू सीमा को नई मोपेड दिलाई थी। एएओ नियुक्त होने से पूर्व चरणसिंह उत्तर प्रदेश में नौकरी करता था। लॉक डाउन में ही उसकी नियुक्ति एएओ पद पर हुई थी। हत्या से दो दिन पहले ही वह उत्तर प्रदेश से अपनी मोटरसाइकिल लेकर आया था।
एएओ की लोकेशन मेड़ता में दिखाने के प्रयास असफल
हत्या के लिए पत्नी सीमा गत दस अगस्त को एएओ चरणसिंह को अकेले में मिलने के बहाने उसी की मोटरसाइकिल पर जोधपुर के नांदड़ी में रामदेव नगर लेकर आई थी। हत्या व शव काट थैलियों में पैक कर बाथरूम में छुपा सीमा, प्रियंका व बबीता मोटरसाइकिल पर बोरुंदा पहुंच गई थी, जहां सीमा को छोड़ा था। वह ससुर की दी मोपेड पर घर चली गई थी और दोनों बहनें एएओ की मोटरसाइकिल पर मेड़ता आ गई थी, जहां पब्लिक पार्क के सामने उसकी मोटरसाइकिल लावारिस छोड़ दी थी। उनके पास चरणसिंह का मोबाइल था। जिसे ऑन करते ही एक संदेश आया था। फिर दोनों ने चरणसिंह की लोकेशन मेड़ता में आए इसलिए किसी अनजान व्यक्ति को कॉल लगाकर काट दिया था। मोबाइल स्विच ऑफ कर तोड़ दिया और वहां से निकल रही कचरा परिवहन की गाड़ी में फेंक दिया था। मेड़ता से आने वाली बस में बैठकर दोनों बहनें रात आठ बजे जोधपुर पहुंच गई थी।
पांच-पांच दिन और रिमाण्ड पर
बनाड़ थानाधिकारी अशोक आंजणा ने बताया प्रकरण में गिरफ्तार बोरुंदा में डांगों की ढाणी निवासी सीमा पुत्री पोकरराम जाट, उसकी बहन प्रियंका व बबीता और कांटिया निवासी भींयाराम जाट को पांच-पांच दिन की रिमाण्ड अवधि समाप्त होने पर बुधवार को फिर से कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें फिर पांच-पांच दिन के रिमाण्ड पर भेजने के आदेश दिए गए। आरोपियों से बोरुंदा से रामदेव नगर और फिर मेड़ता जाने की तस्दीक की जानी है। वहीं, चरणसिंह का मोबाइल भी बरामद करना है। पुलिस ने शव के टुकड़ों को नाले में फेंकने में प्रयुक्त भींयाराम की कार बरामद की।
- एएओ की हत्या व शव काटकर सीवरेज नाले में फेंकने का मामला
- पत्नी, दो सालियां व पूर्व फौजी का रिमाण्ड बढ़ाया
जोधपुर.
समलैंगिक संबंधों के कारण गौने होने से बचने के लिए गत दिनों नांदड़ी के रामदेव नगर में कृषि विभाग के जिस एएओ चरणसिंह उर्फ सुशील जाट की हत्या की गई थी वह माता-पिता का इकलौता पुत्र था। उसके माता-पिता जल्द ही गौना कर पुत्रवधू घर लाना चाहते थे। पिता ने कुछ माह पहले ही पुत्रवधू सीमा को नई मोपेड दिलाई थी। एएओ नियुक्त होने से पूर्व चरणसिंह उत्तर प्रदेश में नौकरी करता था। लॉक डाउन में ही उसकी नियुक्ति एएओ पद पर हुई थी। हत्या से दो दिन पहले ही वह उत्तर प्रदेश से अपनी मोटरसाइकिल लेकर आया था।
एएओ की लोकेशन मेड़ता में दिखाने के प्रयास असफल
हत्या के लिए पत्नी सीमा गत दस अगस्त को एएओ चरणसिंह को अकेले में मिलने के बहाने उसी की मोटरसाइकिल पर जोधपुर के नांदड़ी में रामदेव नगर लेकर आई थी। हत्या व शव काट थैलियों में पैक कर बाथरूम में छुपा सीमा, प्रियंका व बबीता मोटरसाइकिल पर बोरुंदा पहुंच गई थी, जहां सीमा को छोड़ा था। वह ससुर की दी मोपेड पर घर चली गई थी और दोनों बहनें एएओ की मोटरसाइकिल पर मेड़ता आ गई थी, जहां पब्लिक पार्क के सामने उसकी मोटरसाइकिल लावारिस छोड़ दी थी। उनके पास चरणसिंह का मोबाइल था। जिसे ऑन करते ही एक संदेश आया था। फिर दोनों ने चरणसिंह की लोकेशन मेड़ता में आए इसलिए किसी अनजान व्यक्ति को कॉल लगाकर काट दिया था। मोबाइल स्विच ऑफ कर तोड़ दिया और वहां से निकल रही कचरा परिवहन की गाड़ी में फेंक दिया था। मेड़ता से आने वाली बस में बैठकर दोनों बहनें रात आठ बजे जोधपुर पहुंच गई थी।
पांच-पांच दिन और रिमाण्ड पर
बनाड़ थानाधिकारी अशोक आंजणा ने बताया प्रकरण में गिरफ्तार बोरुंदा में डांगों की ढाणी निवासी सीमा पुत्री पोकरराम जाट, उसकी बहन प्रियंका व बबीता और कांटिया निवासी भींयाराम जाट को पांच-पांच दिन की रिमाण्ड अवधि समाप्त होने पर बुधवार को फिर से कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें फिर पांच-पांच दिन के रिमाण्ड पर भेजने के आदेश दिए गए। आरोपियों से बोरुंदा से रामदेव नगर और फिर मेड़ता जाने की तस्दीक की जानी है। वहीं, चरणसिंह का मोबाइल भी बरामद करना है। पुलिस ने शव के टुकड़ों को नाले में फेंकने में प्रयुक्त भींयाराम की कार बरामद की।
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