"इस कहानी में एक अनोखी सीख छुपी है जो आपके जीवन को बदल सकती है! यह कहानी न केवल बच्चों के लिए बल्कि बड़ों के लिए भी एक प्रेरणा साबित होगी। अगर आपको नैतिक कहानियाँ (Moral Stories), प्रेरणादायक कहानियाँ (Inspirational Stories) और हिंदी लघु कथाएँ (Short Stories in Hindi) पसंद हैं, तो यह वीडियो आपके लिए है। पूरी कहानी देखें और अपने विचार हमें कमेंट में बताएं!
🔹 वीडियो की खास बातें:
✅ सुंदर एनीमेशन और इमोशनल कहानी
✅ हर उम्र के लिए अनुकूल
✅ सीखने और समझने योग्य नैतिकता
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00:00दर्ड से मेरी जान मिकलती जा रही है और तुझे सबजियों की पड़ी है ये पकड़ पैसे और बाजार से सबजियां लेकर आजा पर याद रहे सबजी लेते हुए खुंगट हटना नहीं चाहिए जी माजी याद रखूंगी
00:12अंजू क्योंके गरीब घर से आई थी और उसके हर छोटी बड़ी गलती पर पारवती उसे उसके गरीबी का ताना दिया करती थी
00:18इसलिए वो अपनी सास के बाद को ध्यान में रख कर और लंबा गुंगट कर लेती है और बाजार जाती है जहां उसके मुलाकात भारती से होती है
00:26अरे अंजू, तुम बाजार में भी घूंगट करके सबसी ले रही हूँ, तुम्हारी सास तो सच में बहुत पुराने खयालात की है, तुम्हें इन घूंगट से परिशानी नहीं होती क्या
00:35होती है पर कुछ कर भी नहीं सकती
00:37मैं गरीब घर से आई हूँ
00:39अगर मुझसे कलती होती है तो
00:40माजी हमेशा मेरी माता पिता को सुनाना शुरू कर देती है
00:43दरुमत यहां तुमारी सास नहीं है
00:46आ जाओ कुछ खाते हैं
00:48इस तरह भारती अंजू को अपने साथ एक ठेले पर ले जाती है
00:51जहां वो दोनों टिक्की खाती है
00:53और पहली बार अंजू बाहर अपना घूंगट उठाती है
00:55और उस दिन उसे बहुत अच्छा लगता है
00:57और इस तरह अंजू और भारती की दोस्ती हो जाती है
01:01अब समय योहीं गुजरता है और एक दिन
01:04मा, हमारी बॉस ने हम सभी को अपनी वाइफ के साथ बुलाया है
01:08एक छोटी सी पार्टी रखी है हुनोंने, सभी एंप्लॉईज के लिए
01:11आज तक, मैं तेरे पापा के साथ कभी बाहर नहीं कई
01:15और तुबहु को अपने साथ ऑफिस पार्टी मिले जाना चाहता है
01:18अगर बहु बाहर गई तो वो खुंगट में ही जाएगी
01:21मा, अंजू बाहर जाएगी तो उसका गुंगट हटाना ही पड़ेगा
01:24अगर खुंगट हटाना है तो बहु बाहर नहीं जायगी
01:27तो अपने आफिस वाले से कहे देना तेरी बीवी माय के गई है
01:30पारवती अंजू को बाहर भीजने से साफ साफ मना कर देती है
01:34और ये चीज़ पवन को बहुत बुरी लगती है
01:36पर पारवती वहां से बाहर जाती है तो देखती है
01:38कि उसके सामने से भारती अपने पती विवेक के साथ हाथों में हाथ डाले
01:43सीडियों से उतरती हुई कार में बैट कर बाहर गुमने के लिए चली जाती है
01:47और ये देख पारवती को घुस्सा आता है
01:49और वो अपनी बहु बेटे बहु से अंदर जाकर कहती है
01:52अभी वो बेशरम उपर वालों की बहु कैसे हाथों में हाथ डाल कर अपने पती के साथ खुमने कई है
01:58आग लगे ऐसे मौडन से बाने को बेशरमी की भी हद्ध होती है
02:02पताओ कैसे दोनों पती पत्नी हाथों में हाथ डाले सभी के सामने से चले गए
02:05पर बहु तो इनको ऐसे देख कुछ करने की सोज मतले न
02:09एक बार फिर पारवती अपनी बहु को सक्त हिदायत देकर वहां से अपने कमरे में चली जाती है
02:14समय यूही बीचता है और एक दिन छट पर अंजू घूंगट में कपड़े सुखा रही होती है
02:19और मौडरन बहु एक्सरसाइज कर रही होती है
02:21यह क्या अंजू तुमने अभी भी घूंगट किया है? गर्मी नहीं लगती क्या तुम्हें? कुछ देर के लिए तो घूंगट हटा दो
02:28नहीं बारती, अगर यह घूंगट हट गया तो माजी मुझे घर से निकाल देंगी
02:49इस घूंगट का फाइदा उठाएंगी और तुम्हारी जगे घूंगट में मैं आ जाओंगी तुम्हारी घर
02:54पर ऐसी तो तुम फस जाओगी और अपनी फैमिली से क्या बुलोगी तुम?
02:58इस तरह भारती अंजू के कपड़े पहन कर घूंगट करके अंजू की जगाले लेती है और अपने पती के साथ बाहर जाती है तो वहीं भारती अंजू बनकर पार्वती को संभालती है
03:15अरे बहु अब तक पवन घर नहीं आया
03:17एक बार फोन करके तो पूछ कहा रह गया वो
03:20वो वो माजी
03:22आज घर वो लेट आएंगी
03:24अब सोच आईए
03:25अच्छा वो तो ठीक है पर तेरी अवास को क्या हो क्या
03:28पदली-पदली सी लग रही है
03:30अच्छा चल ठीक है
03:36पर अब जब पवन लेट ही आ रहा है
03:38तो तब तक वो आ नहीं जाता
03:40तो यहीं बैट कर मेरे पैर दबा दे
03:42कितनी शातिर और खडूस है आँटी जी
03:44कितनी नसर रगती है बहु को तो
03:46अकिला छोड़ती ही नहीं है
03:48पर तोसी तो निपानी पड़ी की मुझे
03:50इस तरह भारती अंजू बणकर
03:52घुंगट में वहीं बैठ जाती है
03:53और पार्वती के पैर दबाने लगती है
03:55वहीं अन्जू अपने पती के साथ
03:57बिना घुंगट के आजाधी के साथ पार्टी
03:59पार्टी में उसके साथ डांस भी करती है और खुब इंजॉई कर कार में कुछ देर में घर के बाहर आती है और भारती को कॉल करकर बाहर बुलाती है बहाने से भारती बाहर आती है और अंजु के आते ही दोनों अपनी अपनी जगा ले लेती है और सीडियां चड़कर भारती
04:29वो हर कदम पर भारती का साथ देते थे पर अंजू अब भी अपनी साथ से परेशान रहती है और हर समय घूंगट में ही रहती है समय यूहीं बीचता है और एक दिन परेशान अंजू सेड़ियों पर घूंगट में भागती हुई ऊपर आती है और भारती से मदद मांगती है
04:59तेंकिये सो मज़ आंटी जी अब बहुत अच्छी है और तुम्हारा भी शुक्रिया भारती अर्चना खुद भारती को अंजू की जगा लेने के लिए कहती है और अपनी माँ से मिलने के लिए चली जाती है अब भारती अंजू की तरह कपड़े पहन कर घर में घुंगट में
05:29कभी घर में ज्ञाडू लगाती है और कभी पारवती के लिए खाना बनाती है।
05:33वहीं अंजो अपनी मां की सेवा करती है और शाम तक उनकी तबियत में सुधार होता है।
05:37तो वो वापस चुपके से अपने घरा जाती है और अपनी जखाले लेती है,
05:40और भारती उपर चली जाती है
05:42समय योहीं बीटता है
05:44और एक दिन पवन और अंजू भारती और विवेक के पास
05:47सीडियां चड़कर उपर आते हैं
05:48और उनसे कहते है
05:49भारती तुमने कई बार मेरी बीवी की मदद करी है
05:53बस एक आखरी बार और मदद कर दो
05:55अंजू के फोर्स करने पर भारती उसकी बात मान जाती है
06:14और अंजू अपने पती के साथ अपने भाई की शादी अटेंड करने के लिए निकल जाती है
06:18और भारती अंजू की गैर मौजूदगी में गोंगट का फाइदा उठाती है
06:22और पार्वती के घर अंजु की जगह ले लेती है
06:24तब ही अचानक से पार्वती की सास आ जाती है
06:27अरे माजी आप यहाँ अजानक पहले बता देती तो मैं पवन को शेहर ही नहीं जाने देती
06:32चलिए कोई बात नहीं अब आप आ गई हैं तो आराम कीजे
06:35बहु खड़ी खड़ी दे क्या रही है अपने संसकार भूल गई क्या
06:39गुंगट थोड़ा लंबा कर और अपनी दादी सास के पैचु और उनके लिए कुछ नाश्टा पानी बना कर ला
06:44आरे नहीं नहीं बहु इन सब की जरुरत नहीं है
06:49तेरी सास पुराने खयालातों की है पर मैं नहीं हूँ ऐसी तो आराम से मेरे लिए पहले एक कब चाए बना दे बस
06:57दादी सास के कहने पर भारती गुंगट में रसोई में जाती है और थोड़ा सा गुंगट उपर करके चाए बनाते हुए खुद से कहती है
07:05पारवती के आवाज सुनकर भारती गुंगट में जल्दी से एक गिलास पानी लेकर बाहर आती है पर उसे सामने टेबल लखा नजर नहीं आता और वो टेबल से टकरा जाती है और पानी पारवती के उपर गिर जाता है
07:30तुछ से एक काम सही से नहीं होता अंदी कहींगी टेबल नजर नहीं आ रही थी तुझे
07:35वो माजी गुंगट की वज़े सी कुछ साफ साफ नजर नहीं आ रहा था कोई बात नहीं बहू तुम जाओ चाए ले आओ
07:43डरी घबराई भारती जल्दी से रसोई में जाती है और चाए बनाने लगती है वही अंजु अपने भाई की शादी में खूब नाचती है और इंजॉई करती है
07:51लेकिन अब भारती जैसे ही चाए चानने लगती है लाइट चली जाती है जिस वज़ा से भारती मोमबती जलाती है पर लंबा घूंगट होने की वज़ा से उसके घूंगट में आग लग जाती है और वो जोर-जोर से चिल्लाने लगती है उसकी आवास सुनकर पारवती और
08:21को बिगाड़ दिया ये सब तेरी वज़े से हुआ है माफ गना अंटी फर मैंने आपकी बहु को नहीं बिगाड़ा आप उसे पर्दे में रखती हो कहीं जाने नहीं देती इसलिए उसने ये कदम उठाया चुकर मैं अभी तेरी सास को बताती हूँ तेरी कालिकर्टूत के बा
08:51सिंदगी है मैंने तुझे कभी कुछ करने से नहीं रोका फिर तो क्यों अपनी बहु को कुछ करने से रोक रही है तुझे क्या लगता है तू पर्दा करवा लेगी तो तू अपने बेटे बहु को अपने कंट्रोल में रख लेगी एक पर्दा लगवाने के चकर में तू द
09:21अपनी सास के समझाने पर पार्वती को अपनी गलती का एसास होता है
09:26और जब अंजुग घर आती है तो पार्वती खुद अपनी बहु का पर्दा हटा देती है
09:30और उसे बाकी बहुँ की तरह रहने के लिए कहती है और उससे माफी भी मांगती है
09:34मुझे माफ करते बहु कुछ परानी सोच के चलते मैंने तुछ पर इतनी सक्ती दिखाई
09:39पर मुझे ये नहीं पता था कि इस पर्दे के साथ हमारे रिष्टों के बीच एक और परदा लग जाएगा
09:44और मेरे बेटे बहु मुझे से जूट बोलेंगे
09:46मुझे भी माफ कर दीजे माजी कि मैंने आपसे जूट बोला मुझे भी अपनी गलती का एहसास है
09:52चलिए ये सब भूलकर आगे नई शुरुआत करते हैं
09:55इस तरह नीचे गरीब बहु के मूँ और रिष्टों दोनों तरफ से परदा हट जाता है
10:00और अब नीचे अंजू के ऊपर भारती दोनों तरफ से जाता है