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00:00जंबू के श्मीर को नापात काफिरों के चंगुल चे बचाने के लिए
00:12हमने 1965 में और 1971 में हिंदुस्तान के साथ जंग लड़ी थी
00:20लेकिन हमारी बदकिस्मती रही कि हम काम्याब नहीं हो सके
00:25और दूसरी बदकिस्मती ये रही कि हमारे मश्र की पाकिस्तान को हम से अलग करके
00:33हिंदुस्तान ने एक नए मुल्क बंगला देश ख़़ा कर दिया
00:37हमारे जखम तब तक नहीं भरेगा जब तक कि हम कश्मीर को हिंदुस्तान से अलग करके
00:43अपने पाकिस्तान में शामिल नहीं कर लेते
00:46पूरे कश्मीरियों को एक जुट होकर
00:49हिंदुस्तान के खिलाफ ये लड़ाई लड़नी होगी
00:52तब हम जीतेंगे
00:53लेकिन जनाब अगर कश्मीरी हिंदों ने इस बगावाद में साथ देने से इंकार कर दिया तो
00:57उनके पास इसके अलावा और कोई रास्ता भी नहीं है
01:00दारह 370 की वज़े से जमु कश्मीर के हिंदु गब्राय हुए है
01:06और मुसल्मानों का खौफ उनके दिल में बैठा है
01:09इसलिए मुझे उमीद है बलके यकीन है
01:14कि वो जरूर आसानी से हमारा साथ देंगे
01:18और अगर किसी ने अपना सर उठाया
01:23तो हम उस सर को कुचलने की ताकत भी रखते हैं
01:27आपका जोज तेकर हमारा दिल बाग बाग हो गया
01:29शुक्रिया
01:30अगर ऐसा ही जोज र कश्मीर में बर जाए
01:33तो कश्मीर को आजाद होने में देर नहीं लगेगी
01:36आपको सामने रहकर ये लड़ाए लड़नी होगी
01:39हम पीशे रहकर आपकी भरपूर मदद करेंगे
01:42तो आप हिंदुस्तान में एलाने जंग कर दीजे
01:46अरे आप बदबखत हमारे मेहमान का जाम बनाओ
01:51बाफ कीज़े गज़े नब
01:52इसलाम में शराभ हराम
01:55इन दोनों से बहुत तारीफ सुनी हैं आपकी मौलवी साहब
01:59मखबूजा कश्मीर को भारत से अलग करने में
02:04बहुत अहम किरदार निबा रहे हैं आप
02:08मैं इसे अपना फर समझता हूँ
02:12आपने जम्मू कश्मीर के जो
02:15दस गाउ हमारे जिम्मे सोपे थे
02:18उन्दसो गाउ में हमने हिंदुस्तान के खिलाफ
02:22बगावत का भरबूर जहर भर दिया है
02:25जी जनाब कश्मीर के वो नोजवान
02:27मौलवी साब की वज़े से हमारे लिए कुछ भी करने को तयार है
02:32बहुत खुब शाबाश
02:35लीजे
02:38इस में से आदा पैसा
02:43आप दोनों आपस में बाट लीजिए
02:45जी बिल्कल
02:46और आदा मौलवी साब को दे दीजिए
02:49इनकी नजरे नायत भी हमारे लिए बहुत जरूरी है
02:51जी जी हाक बनता है इनका
02:53तलवारे खरीदने के लिए पैसे कहां से बचेंगे
02:55बात खरीदो तलवारे
02:59इन बदबख्त कश्मीरियों की आजादी के लिए हम ही सब कुछ करें
03:06वो अपनी काम और अपने मुल्क के लिए दो दलवारे तक नहीं खरीद सकते
03:11ये कैसी बगावत है
03:14मदर्सी में अच्छी तरह पढ़ाई करना
03:18अम्मी मदर्सी के साथ साथ इने स्कूल भी भेजा करो
03:22कभी जिन्दगी में कुछ करना चाहेंगे तो स्कूल की पढ़ाई काम में आएगी
03:26नहीं अम्मी हम स्कूल में नहीं पढ़ने जाएंगे अम्मी
03:29क्यों बेटा
03:30हाफिस जी कहते है, जहां काफी रोखे बच्चे पढ़ते है, वहां मत बढ़ा करो
03:35सुना अपने अम्मी, छोटे छोटे बच्चों के जहन में कैसी नफरत भर रहें ये लोग
03:40अरे गोविन, सेव तैयार हो गए, असमा, तुम यहाँ
03:47सुरज, कल में भाईजान का पीछा करते वे मस्जिद गई थी, वहां मैंने देखा कि मौलवी सहाब और दो पाकिस्तानी, उमानगरी के मुसल्मान लड़कों को
03:58हिंदुस्तान के खिलाफ बगावत के लिए भड़का रहे हैं
04:00ये पाकिस्तान के पास कुछ काम दंदा तो है नहीं
04:05और ना ही पाकिस्तान की इतनी हिम्मत है और ताकत है कि हिंदुस्तान का कुछ बिगा सके
04:10हिंदू और मुसल्मानों के बीच नफरत के दिवार तो खड़ी कर सकते हैं
04:14उसका असर मुझे अभी से दिखाई दे रहा है
04:17मैं वादा करता हूँ
04:20जिऊंगा तो तुम्हारा हाथ पकड़कर
04:24और मरूंगा तब भी तुम्हारा हाथ पकड़कर मरूंगा
04:28अखे नमस्ति इसलमुद्दिन कैसे हो ठीक हो देननाद जी बैठो
04:44जी शुकरिया अरे उपर बैठो जी इसे आप कहें हैं
04:51इसकी बात का पुरा मत मानना इसलमुद्दिन
04:58तुम जानते हो वो दाड़ी देखकर अपना आपा खो बैठती है
05:03जानता हूँ जनाब बहुत जलुम हो है पिचारी के साथ
05:06कहो क्या काम था
05:12बस मालिक वो आपके अकरोड की फसल की बात करने आया हूँ
05:15इस साल कितना दाम दोगे
05:18मैं क्या बता हूँ
05:20पिचले साल चार लाख दिये थे
05:23इस बार पचास जार ओर बड़ा दीजिए
05:27पचास हाँ जार?
05:28नई बाबु जी
05:29इस बार साथ लाख रुपय से एक रुपया कम ने लेंगे हम
05:33साथ लाख?
05:34तो बहुत ज़्यादा होते हैं सूरिज बाबु
05:36मैं क्या?
05:38पूरा गाओं नहीं दे पाएगा
05:40ना दे
05:40मैं अपनी फसल खुद जम्मो की मंडी में लेकर जाओंगा
05:43वहां मुझे इसके दुगने दाम मिलेंगे
05:46ठीक है
05:48तो फिर मैं सोच के बताता हूँ
05:51चलता हूँ जनाब
05:53कश्मीर में मुसल्मानों की हालत
05:55दिन पर दिन खराब होती जा रही है
05:57कहने को दारा तीन सो सतर लगी हुई है
06:00जिसमें मुसल्मानों को हिंदूं पे फोकित दी गई है
06:03लेकिन वो के सिर्फ मुसल्मान ही मर रहे है
06:07सच कहे रो इसलाम भाई
06:09ठेके पे खेट देना तो दूर
06:11अब तो ये हिंदू हमें
06:13खेटों में मजदूरी भी नहीं करने देते
06:14मजदूरी छोड़ो
06:16अब तो वो लोग हमारे साथ
06:18खरीद फरोग से बिगुरेज कर रहे है
06:20दिननाथ कोल के पास गया था मैं आज
06:22अखरोट की फसल खरीद ने
06:24लेकिन उसके साफजादे ने
06:25साफ इंकरार कर दिया
06:27केने लगा
06:28मैं अपनी फसल
06:29जमू की मंडी में जाके बेजूँगा
06:31अगर यही हालात रहे
06:33तो अपने बच्चे तो भूखे मर जाएंगे इसलाम भाई
06:35इसलिए तो आप लोग को बुलाया है
06:37सोचू आगे क्या करें
06:39अब ठीक कह रहे है
06:41कुछ दो करना पड़ेगा हमें
06:42अल्ला मालिक है
06:44चचा
06:50हाँ बेटा
06:50जमू आली बस गई तो नहीं
06:52अभी तो गई नहीं
06:53बस आते ही होगी
06:54आस्मा
07:01आस्मा
07:03तुम यह का कर रही हो
07:04मैं
07:05उस गोलगप्पे वाले को देख रहे हो
07:08उसे ही देखने चली आई मैं
07:10है इतना खूबरू हो
07:11खुद को रोक नहीं पाई मैं
07:13मैं इसलिए पूछ रहता
07:15क्योंकि जमू से आने के बाद
07:17तो मिलने ही हो ले थे हम लोग
07:18तो ठीक है
07:19वापस चली जाती हो
07:20अरे असमा अब आई गई हो तो ठीक से दीजार तो करने दू
07:24याँ वाँ पुद करने असमा जाई भीक बाद
07:54ए लड़को, क्यानुन लगर्दी हो रही है
08:01अब्दुल्ला खान के इलाके में सरे रादंगा फसाद
08:10इस मुल्क में कोई कादा कानून है के नहीं, हवल्दार
08:13देखो कैसे डरा है
08:19अरे इस्लमुद्दीन मैंने कहा ना तुमसे लाजो घर पर नहीं है
08:28क्यों डर रहे हो जी जी जनाब तो मैं साड़े पांच लाग में फसल अपनी समझू सुरज बड़ा हो गया है
08:37फसल उसकी है, फसल को बेचने का हग भी उसी को है
08:42सुरज बया को पुलिस पगड़ के ले गई
08:44हाई राम
08:45और बाबजी वहाँ पही गए
08:47है भगवाद, मेरे सुरज को बचा ले
08:51याव सब बताओ बे लफंगो
08:57सरेरा, क्यों मार पिट करे थे तुम लोग
09:00शुरुआत इन लोगों की तरफ से हुई थी
09:02ये जूट बोड़ रहा जनाब
09:03मैं सच कह रहा हूँ जनाब
09:07वो तो इन लोगों ने पीछे से वार किया है मुझ पर
09:09सामने से आते
09:11तो यहाँ खड़े रेने के लाइक नहीं रहते
09:14देगे जनाब हमारी क्या हालत कर दी
09:16एक अकेले काफे से चार मुमिन पिट कर आयो तुम लोग
09:21इंस्पेक्टर अब्दुल खान नाम है हमारा
09:24सच और छोट बाखोवी समझते हैं
09:27मैं आस्मा बिंते अब्दुल लतीफ
09:29इस बात की गवाँ हूँ
09:30आप चाहें तो मैं पहरीरी बयान भी दे सकती हूँ
09:34देनानाज जी ले जाईए अपने साबजादे को
09:37और समझाईए इसे दूसरा मौका मैं नहीं दूँगा