Skip to playerSkip to main contentSkip to footer
  • 2 days ago

Category

😹
Fun
Transcript
00:00बहुत समय पहले नितेश नामक एक आदमी एक छोटी सी गाव में रहता था
00:05वो एक बहुत ही नेक और इमानदार आदमी था
00:08वो छोटी उमर से ही अपने पिता की तरह मट्के में कुल्फिया बना के
00:12उसके बाद उन पे रंगीले बर्फ भर के उन्हें बेचता था
00:19सभी बच्चे उसके जोर-जोर से चलाने पर उसकी बाद सुनके
00:35उसके बनाए हुए कुल्फी स्वाधिश रहने पर उन्हें खरीदते थे
00:38ऐसे उसके कुल्फी काव्या पर अच्छा चलता था
00:42एक दिन जब नितेश कुल्फिया बेच रहा था उसके पास एक बालक आता है
00:47अंकल जरा ये लेके मुझे कुल्फी देना
00:51तुम सोने का चेन के बदले में कुल्फी मांग रहे हो
00:55किसका है ये?
00:57ये चेन मेरी मा का है
00:59उन्होंने मुझे कुल्फी खरीदने के लिए पैसे नहीं दिये
01:03इसलिए मैंने उनको बताए बिना ये चेन लेके आया हूँ
01:07ये लेके मुझे कुल्फी दे दो
01:09तुम्हारे मा को बताए बिना ऐसे इतनी महेंगी चेन लाना गलत है न बिटा
01:14ऐसे नहीं करते
01:15ये चेन अपने मा को वापस कर दो, मुझे तबी पैसे दो जब तुम्हारे पास है
01:20ऐसे कहके उस बच्चे को कुल्फी दे के वहाँ से चला जाता है
01:24मगर जब वो कुल्फी खाते हुए चल रहा था, उसे एक और कुल्फी बेचने वाला दिख जाता है
01:30और वो सोचता है, अगर मैं इस अंकल को भी ऐसे ही सोने का चेन दोंगा
01:36तो वो पहले अंकल की तरह मना करके मुझे मुझे मुझे की कुल्फी दे देंगी
01:40और मैं दो कुल्फिया खा सकता हूँ, ये
01:43ऐसे सोच कर, उसके हाथ में रहे कुल्फी को चल दी से खतम करके, उस दूसरे आदमी के पास जाता है
01:51अंकल अंकल, ये चेन लेके मुझे कुल्फी दीजे न थीक है बेटा, एक कुल्फी क्या, दो लेके खाओ
01:58ऐसे कहके बबलू के पास से वो चेन लेके उसे दो कुल्फिया दे के वहाँ से चला जाता है
02:05बबलू अपने दोनों हाथ में कुल्फिया दे खुश होके चेन के बारे में भूल कर खाते हुए वहाँ से घर चला जाता है
02:12इतने में बबलू की मा सोने का चेन ना दिखने पर घर पूरा ढूनती है
02:18और तब ही बबलू घर आता है
02:20बबलू क्या तुमने मेरा सोने का चेन दिखाया बेटा यही पर रखा था
02:24अरे रे तो कुलफिया मिलने के खुशी में मैं तो चेन के बारे में भूल गया न
02:31मा, अब अगर मैं मा को ये बताऊंगा, तो मुझे पक्का डांटेगी, अब मैं मा से क्या कहूंगा, ऐसे वो मन में सोचता है, क्या हुआ बबलू, मेरे सवाल का जवाब दिये बिना क्या सोच रहे हो, कुछ नहीं मा, मैंने नहीं देखा, ठीक है, तुम भे मेरे साथ चेन ढ
03:01पता ही नहीं, बहुत समय बात, जब उसकी मा ढून ढून के, चेन ना मिलने पर ठकान के मारे दुखी होके बैच जाती है, बबलू, उसके मा को दुखी देख सोचता है, उस चेन के खो जाने पर ही मा दुखी है, मैं मा को दुखी नहीं देख सकता, चाहे कुछ भी हो जाए
03:31पीटा सच क्या है माँ आपने कूलफी खरीदने के लिए पैसे नहीं दिये ना तो मैंने आपके सोने के चेन लेके कूलफी वाले को देकर उससे कूलफी लिया
03:43पांच रुपय की कूलफी के बदले में तुमने इतना महंगा चेन दे दिया
03:47ऐसे करना गलत है बबलू, ऐसे फिर कभी मत करना
03:51उस कूलफी वाले को पहचान सकोगे?
03:54हाँ मा, पहचान पाऊंगा
03:56उसके ऐसे कहने पर बबलू की मा अगले दिल कुल्फी बेचने वालों का इंतजार करती है
04:01ऐसे दो पहर के समय में नितेश जब उस तरफ आता है तो बबलू की मा उसके पास जाके कहती है
04:07क्या तुम कल भी यहां आके कुल्फी बेचे?
04:10जी हां आप ऐसे क्यों पूछ रहे हो?
04:14बच्चा अगर भोले पन में आके तुम्हें एक महेंगी चेन के बदले में कुल्फी माँगेगा तो ले लोगे क्या?
04:19हां? यह आप क्या कह रहे हो? मुझे कुछ नहीं समझा रहा
04:23तुम कुछ मत कहो, मेरे ही बेटी की गलती है, इसलिए मैं कुछ नहीं कह रही हूँ
04:28बस मुझे मेरा चेन दे दो और मैं चली जाऊँगी
04:30मैडम, मैंने वो चेन नहीं लिया, मैंने उस बच्चे को कहा भी कि वो चेन उसके घर में वापस लोटा दे
04:37उसने आपको आके नहीं दिया
04:39चेन देना ना पड़े इसलिए जूट बोल रहे हो तुम
04:42नहीं नहीं मैं सच कह रहा हूँ
04:45आप अपने बेटे को बुला के पूछिए तो सही
04:47बबलू बबलू
04:49हाँ मा
04:50बबलू क्या यही वो आदमी है जिसको तुमने मेरा सोने का चेन दिया
04:56नहीं मा
04:59और ऐसे वो अपने मा को नितेश के साथ जो भी हुआ समझाता है
05:03कल मेरे इस तरफ आने के वज़र से ही मुझे सोने का चेन मिला था
05:08कश आज भी ऐसा कुछ हो
05:10ऐसे सोचते हुए उस तरफ जा रहे कुलफी वाले को बबलू देखता है
05:15मा, मा वो ही वो अंकल है जिन्होंने मुझे से चेन लेके कुलफी दिया था
05:19कल तुमने मेरे बेटे को कुलफी देके चेन दिया था ना
05:25वापस कर दोगे कि सबको बलाओ
05:26अब ये बच्चा इतना जोर से कह रहा है कि मैंने ही लिया है तो मुझे लोटा ना ही पड़ेगा
05:32वरना उसकी मा सबको बुलाएगी
05:34लालच के मारे यहां आना अनावशक था
05:38चेन दिये बिना क्या सोच में बढ़ गये हो तुम
05:40मुझे माफ कीजे दिदी
05:43ऐसे वो आदमी उसका गलती मानकर उसके पास की सोने का चेन बबलू के मा को दे देता है
05:49बच्चे मासूमियत में अगर आके महंगी चेन के बदले में अगर कुलफी मांगे तो क्या दे दोगे
05:55उन्हें इतना भी नहीं बताओगी कि वो गलत है
05:58उसकुलफी वाले ने ऐसे ही लालच की बिना मेरे बच्चे को गलती करने से रोका था
06:03आइंदा ऐसे कभी मत करना इस आदमी से सीखो
06:06मुझे माफ कीजे भाई साब मैंने आपकी गलती के बिना आपको निंदत किया
06:10कोई बात नहीं जी मुझे बस खुशी है कि आपको आपकी चेन मिल दे
06:15बेटा ऐसे कभी मत करना
06:17मैंने सोचा कि वो अंकल भी आपकी ही तरग चेन लोटा देंगे
06:22सब लोग एक जैसे नहीं होते विता
06:24अच्छे लोग और बुरे लोग होते हैं
06:27इसलिए घर में अपने माबाप को बताये बिना कुछ नहीं करना चाहिए
06:31आगे से ऐसे नहीं करूंगा अंकल
06:33ऐसे कैकर खुशी से अपने मा के साथ वहाँ से चला जाता है

Recommended