ghosts fair at kalidas palace of ujjain
उज्जैन। चैत्र माह की भूतड़ी अमावस्या पर उज्जैन के कालिदास पैलेस पर भूतों का मेला लगा, जिसमें कोई जंजीरों से बंधा तो कोई बाल पकड़कर जबरन नदी में डुबकी लगाते हुए दिखा।
दरअसल, भूतड़ी अमावस्या पर केडी पेलेस के 52 कुंड की मान्यता है कि जिस पर भी बुरी आत्मा का साया हो और वो एक बार यहां के सूर्य कुंड और ब्रह्म कुंड में भूतड़ी अमावस्या पर डुबकी लगाकर नहा लें तो उस पर से सभी प्रकार की अला—बला दूर हो जाती है।
खास तौर पर भूतड़ी अमवस्या के दिन यहां पर लगने वाले मेले को भूतों के मेले के रूप में जाना जाता है। शरीर में लगी बुरी आत्माओं को भगाने के लिए इन दोनों कुंड में डुबकी लगायी जाती है। मान्यता है की ऐसा करने से सभी आत्माओं को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
उज्जैन। चैत्र माह की भूतड़ी अमावस्या पर उज्जैन के कालिदास पैलेस पर भूतों का मेला लगा, जिसमें कोई जंजीरों से बंधा तो कोई बाल पकड़कर जबरन नदी में डुबकी लगाते हुए दिखा।
दरअसल, भूतड़ी अमावस्या पर केडी पेलेस के 52 कुंड की मान्यता है कि जिस पर भी बुरी आत्मा का साया हो और वो एक बार यहां के सूर्य कुंड और ब्रह्म कुंड में भूतड़ी अमावस्या पर डुबकी लगाकर नहा लें तो उस पर से सभी प्रकार की अला—बला दूर हो जाती है।
खास तौर पर भूतड़ी अमवस्या के दिन यहां पर लगने वाले मेले को भूतों के मेले के रूप में जाना जाता है। शरीर में लगी बुरी आत्माओं को भगाने के लिए इन दोनों कुंड में डुबकी लगायी जाती है। मान्यता है की ऐसा करने से सभी आत्माओं को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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