प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने वाली लोकायुक्त पुलिस और ईओडब्ल्यू ने पिछले साल 341 भ्रष्ट सरकारी अफसरों और कर्मचारियों के यहां छापे मारकर बड़े पैमाने पर आय से ज्यादा संपत्ति का खुलासा किया है। भ्रष्टाचार (Corruption) के इन मामलों में राजस्व विभाग के बाद पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग दूसरे नंबर पर है। भ्रष्टाचार के इन मामलों में सबसे ज्यादा पंचायत सचिव सचिव पकड़े गए हैं। करीब 29 हजार रुपए मासिक वेतन पाने वाले तृतीय श्रेणी के पंचायत सचिव लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू के छापों में अकूत संपत्ति के मालिक निकले हैं। बुधवार, 09 फरवरी को ईओडब्ल्यू के छापे की कार्रवाई में भिंड जिले की ऐंचाया पंचायत का सचिव रोशन सिंह गुर्जर करीब डेढ़ करोड़ रुपए की संपत्ति का आसामी निकला है। जबकि 27 साल की नौकरी में उसे कुल 26 लाख रुपए वेतन मिला है। छापों में पंचायत सचिवों के यहां से निकल रही अकूत संपत्ति के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगार युवा यह कहते नजर आने लगे हैं कि अगले जनम में मोहे पंचायत सचिव ही कीजो।
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