जब रिश्तेदारों धोका देने लगे तो इसे सुने@SriKrisnavani-kg5qj #shrikrishnamotivationalspeech jab koi insult kare to kya kare, jab apno se hi dokha mile tab kya kare, krishna updesh, krishna vani, जब अपनों से ही धोखा मिले तब क्या करें #dhokha #rishtey_kaise_banaye#motivation #shrikrishnamotivationalspeech #shrikrishnamotivationalspeech
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00:00मेरी गलती में छिपा है, मेरा इंसान होना हो, वो जो गलती ना करें, कोई परिष्टा होगा, ये दुनिया प्यार की सिर्फ बाते करती है, चलती तो सिर्फ अपने मतलब से लिए, शडक कितनी भी साप हो, धूल तो होही जाती है, और इंसान कितना भी अच्छा हो, कभी न क
00:30किसी के लिए उतना खास भी नहीं होती, जितना हम सोच रहे थे, मैं जानता हूँ कि मैं कुछ तो हूँ, क्योंकि मेरा इश्वर कोई भी चीज बेकार नहीं बना था, भीड में सब लोग अच्छे नहीं होती, और अच्छे लोगों के भीड नहीं होती, दोस्तों, दुनिय
01:00सीखना पड़ेगा, उड़ने में कोई बुराई नहीं है, आप भी उड़ें, लेकिन उतना है, जहाँ से जमीन साफ देखाई देती हो, जिंदगी कितनी भी कठीं लगती रहे, आप हमेशा कुछ ना कुछ कर सकते हैं, और सफर हो सकते हैं, जीवन की सबसे बड़ी खुशी
01:30करना जरूर पड़ेगा, यदि आप कुछ लिखना चाहते हैं, तो उससे पहले आप कुछ समझना सीखना होगा, यदि आप कुछ खर्ष करना चाहते हैं, तो उसके पहले आपको कमाना सीखना होगा,
01:39हार मानने से पहले आपको कोशिश करना सीखना होगा, और रिष्टे बनने से पहले आपको रिष्टे लिवाना सीखना होगा, रोने से पहले याद रखेगा, आपको हसना सीखना होगा, और मरने से पहले आपको खोल करके जीना सीखना होगा, दर्द ना होती, तो खुशी क
02:09खुशी क साक्षरात जीनते के लिए
02:16सयीनों के प्रेक्रेपाद धायत रही है।
02:20पा ड्हावर्बात मी भाग़यडरा वर्षने करते होगा
02:21ज़ि भी दिर्खाविदरों के
02:27पुर्शिकमारे मैं देंदिये, प्रस्तबाऊत है लाव टाज बाट
02:30तूने मुझ जैसे असंख्य पुतले बना कर इस धर्ती पर भेचे हैं
02:33मैंने तेरे असंख्य पुतले बना कर इस धर्ती पर भेचे हैं
02:36पर है इश्वर उस समय बड़ी शर्म आती है
02:39जब तेरे बनाये पुतले आपस में लड़ते हैं
02:42और मेरे बनाये पुतलों के आगे शीस जुखाते हैं
02:45एक दिन धर्त ने दौलत से कहा तू कितना खुशनसीव है
02:48हर कोई तुमें पाने की कोशिस करता है
02:51मैं इतना बदनसीव है कि हर कोई मुझसे दूम जाना चाहता है
02:54दौलत ने बहुत प्यारा जगार दी
02:56खुशनसीव तो तुम हैं जिसे पाकर लोग अपनों को याद करते हैं
03:00और बदनसीव मैं हैं जिसे पाकर लोग अकसर अपनों को भूल जाते हैं
03:04यह दुनिया का नियम है यदि प्यार चाहते हो तो प्यार देना पड़ेगा
03:08यदि सम्मान चाहते हो तो सम्मान देना पड़ेगा
03:10अगर आपको विश्वास चाहिए तो विश्वास देना पड़ेगा
03:13इस दुनिया में हर समस्या के तेश समझान है
03:16सुइकार गए, बदल दें या छोड़ दें
03:18अगर सुइकार नहीं कर सकते तो बदल क्यों देंगे
03:21अगर बदल नहीं सकते तो भैतर है उसे विश्वार पर छोड़ दें
03:24एक बात हमेसा याद रखना
03:26कि संगर्स में इनसार हमेसा अकेला होता है
03:28इस समय कोई भी आपका साथ नहीं देता
03:31लेकिन काम्यावेवे इनसार कभी अकेला नहीं होता
03:34यह वो समय होता है
03:35जब पूरी दुन्या आपके साथ चलना चाहते हैं
03:38बस आप हमेसा खुद पर विश्वार रखना
03:40और ये याद रखना कि आपने सही फैसल ले रहे है
03:43तो आपको अकेलापन भेसूस करना ही पड़ेगा
03:46वो कहते हैं कि भेड की साथ चलने पर
03:48आपको साथ तो मिल सकता है लेकिन पहचान कभी नहीं मिल सकता है
03:52अगर आप अलग पहचान दनाना चाहते हैं
03:54तो आपको भेड से अलग होकर कुछ ऐसा करना हो देगा
03:58जब बात जवरत की हो तो जुबां सब की मीठी हो जाती है
04:03ना दोस्ती मिली ना प्यार मिला है
04:05हर मोड पर एक मतलबी याद होता है
04:07हमेशा याद रखेगा
04:09आपको सपस्टी करम सिर्फ वहाँ पर देना पड़ता है
04:12जहां पर आपको सुनने वाला और समझने वाला एक खुले दिमाग का इंसान हो
04:16अगर आपको ये बात समझ में आ गई है
04:18कि आपको किसी ने गलत मान ही लिया है
04:20तो आपको उसके सामने सबस्टी करम देने का मतलब है
04:23खुद की मजरू में किर जाना
04:25क्योंकि ये बात आपको पहले से बता होगी
04:27कि वो व्यक्ति आपकी बातों को कभी भी मानने वाला नहीं है
04:31जब तक आपके पास पैसा है तर तक लोग पूछते हैं
04:34हाल कैसा है
04:35पक्ते रिष्टे तो बच्वन में बनते थे
04:37अब तो लोग बात भी मतलब से करते हैं
04:39काम्यावी इरादे बदलने से नहीं बलकि तरीके बदलने से मिलती है
04:43आजकल लोग बहुत हुश्यार होगे हैं
04:45बड़ी बड़ी बाते करने से कोई भी आपर विश्वास नहीं करेगा
04:49अगर आप चाहते हैं कि लोग आपर विश्वास करेगा
04:51तो यह विश्वास सब्दों से नहीं बलकि कुछ कर दिखाने से बाते होगा
04:55सफलता पाने में अनुभव का बड़ा हात होता है
04:58जब तक आप किसी चीज का अनुभव खुद नहीं करेंगे
05:01तक तक आपको आपकी मनचाह सफलता नहीं मिल सकते है
05:04किसी दोसरे के आगे बढ़ने से या किसी दोसरे के पीछे चलने से
05:08आप अपनी नज़र तक कभी नहीं पहुँच पाएगे
05:11सफलता एक शुनोत है इसे स्विखार कर
05:13कहा कमी रह डई इस पर विचार कर और आगे बढ़ने
05:16अगर सफलता ही आपका एक मातर लक्षी है
05:19तो असफलता का डर आपको कमी भरा नहीं सकता
05:22खुद पर भरूसा करने से या आपकी ताकर बन जाएगा
05:25और वही अगर दोसरों पर भरूसा करोगे
05:28तो या आपकी कमजोरी बन जाएगा
05:30हमारे सरीर में सबसे हरकी जुमान होती है
05:32लेकिन फिर भी बहुत सारी लोग इसका भजब सभाल नहीं बाते हैं
05:36सफलता हासिल करने के लिए और सफलता हासिल करने के बाद
05:39उसी कायम लिखने के लिए ज़रूरी है
05:42आप हमेशा अपनी जुमान को गाबू रहा हैं
05:45जितना मीठा बोलेंगे उतना ही आपके दोस्त बोलेंगे
05:48जितना कड़वा बोलेंगे उतना है
05:50आपको तोड़ने के लिए आपके दुश्मन पैदा होगे
05:53सहई इसलिए कहते हैं
05:54पहले तौलो फिर बोलेंगे
06:13जिस जिसको अपना बनाता गया
06:15वो सक्स अपने रंग दिखाता गया
06:17ऐसा मतलब दोस्त की जौरत नहीं
06:19जो वक्त और माहोल के साथ बदलते हैं
06:21कोई समझे तो एक बात कहूं साहब
06:23तनहाल स्वगना भैता है
06:25महत्लबी लोगों से इस दुनिया की एक ही रीथ है
06:43पर वक्त आने पर रंग बदल लेते हैं
06:45इनसान को यो ही मतलबी नहीं कहा जाता है
06:47उसे अपने सुक से जाते हैं तूसरों के दुख नहीं जाता है
06:50जो बुरे वक्त में आत की कमियां गिनाने लग जाया
06:53उससे बड़ा मतलबी इनसान कोई नहीं है
06:55जिसकी फितरत हमेशा बदल्यों के पर वो अभी किसी का नहीं हो सकता
06:59चाहे वो समय हो या इनसान अपनापन तो हर कोई दिखाता है
07:02पर असल में कौन अपना है यह वक्त बताता है
07:05जिंदिगी में अगर फुष रहना है तो अपना दर्व छुपाना सीख रहा है
07:09दिल की बाते हर किसी को बताना छोड़ दो
07:11फिर से प्रियास करने से मत दुबना
07:13क्योंकि इस बार शुरुवात सुननी से नहीं और उदर से हो गई
07:17जब तक तुम्हारे पास पैसा है दुनिया पूछे
07:19भाई तु कैसे है?
07:21इसी जमाने में दूसरों के पेड़ से काते निकालते थे
07:24मगर अब एक दूसरे के रहोने काते बिचाने लगे
07:27इस दुनिया का कोई रंग नहीं है
07:29कोई धंग नहीं है
07:30पैसा पास है तो सब पूछे
07:32बरना कोई संग नहीं है
07:33आदमी अच्छा था जो सुनने के लिए आपको मरना पड़ता है
07:36यही जीवन की कड़वी सच्चाय है
07:38जोस में किया गया हर अफराद
07:40होश में आने पर परिशान पड़ता है
07:42अगर आपकी समस्या जहाद जितने विशाल है
07:45तो याद रखे
07:46कि परभु की किरपा सागर जितने विशाल है
07:49लोग पहचानना बंद करते हैं
07:50इससे पहले पहचान नहीं होता है
07:52कभी कभी अपने ही अपनों को एक ऐसा तमाशा बनाते हैं
07:56कि वो अपना कहलाने लाइक नहीं है
07:58किसी का दिल दुखाता है
07:59कभी अपने लिए खुशियों की उम्मेद नहीं रखना
08:01हमेशा दूसरों से जाधर स्वयम से उम्मेद रखे
08:04क्योंकि दूसरों से उम्मेदे बहुत दुख रही हैं
08:06जबकि स्वयम से उम्मेद बहुत कुछ प्रेहरित करती है
08:09शब्दों में इतनी ताकत होती है
08:11क्योंकि आप किसी की जिन्दी बना सकते हैं और बिगार भी सकते हैं
08:14रिष्टे जोड भी सकते हैं और रिष्टों को तोड भी सकते हैं
08:17आपके मन के दुख को दूर भी कर सकते हैं
08:20और आपके दुख को बना भी सकते हैं
08:23मेरा ये मानना है कि मुझकिल में तकलिएफ के
08:25इनसान को सही शब्द, सही गैडेंस में जाए
08:28तो बड़ी से बड़ी परिशानी से भी लड़कर इनसान आगे निकल जाता है
08:32एक बात समझ लेजी कि हर खुशी को, हर बड़े दुख
08:35आपका मन अनुभं करता है
08:37प्रेम को और किसी के ग्रेह को, आपका मन दुख करता है
08:40जिंदगी की सुक दुख बाहर नहीं होते हैं
08:43वो आपके मन के अंदर होते हैं
08:45जो चीज आपकी मन के अंदर हैं, वो बाहर से ठीक नहीं हो सकते हैं
08:48और कई लोगों की तकलिफें इसलिए ज़्यादर बढ़ जाते हैं
08:51वो अपने मन का दुख किसी को बताना नहीं चाहते हैं
08:53और किसी को बता भी देते हैं
08:55तो उसे समझ नहीं पाता है
08:57अगर कोई समझ नहीं पाता है
08:58तो सही रास्ता नहीं बढ़ा जाता है
09:00कभी कुछ इतना नहीं बिदरता कि उसे ठीक ना किया जाए
09:03कभी कुछ इतना बुरा भेव होता कि उसे बढ़ला ना जा सके
09:06सब कुछ बहतर हो सकता है
09:08सब कुछ बढ़ला जा सकता है
09:10बस जरुवत है हमें सही रास्ता पर चलने के
09:12एक राजा ने अपने सैनिकों को सरक के बीच में एक बड़ी चत्तान रखने के लिए कहा
09:16चत्तान को बीच सरक पर रखवा कर राजा ने अपने सैनिकों से छुप कर उस चत्तान पर रजर रखने के लिए कहा
09:22कि देखना उस चत्तान को रास्ते से कुछ हटाता है
09:24लोग उस जगह पर आते रहे चाते रहे लेकिन किसी ने भी उस चत्तान को उस रास्ते से हटाने की कोशिश नहीं के
09:30उस चत्तान के पास से लोगों की भुजरने वालों में राजा की कुछ करीबी लोग और सहर के बड़े की बेपारे भी साहत थे
09:36किसी ने भी उस चत्तान को रास्ते से हटाने का प्रयाश नहीं किया ऐसा काफी दिनों तक चलता रहा एक दिन एक किसान अपनी सबजों किसान उधर से भुजर रहा था उसने चत्तान को रास्ते में पढ़े देखा और सोचा कि सब को इस चत्तान की वज़ा से कितने तकली�
10:06जाने ही भाला था कि अचारक उसकी नजर एक बोटली बन गए जो ठीक उसी जगह पर पढ़ी थी जहांसे उसने चत्तान को रास्ते से हटा था उसने बोटली को खोल कर देखा तो उसने सोने के कई सिक्के थे और उन सिक्कों के साथ राजा का एक संदेश भी था जो उसने �
10:36परिशानियों के परिशानियों को हल करने का प्रियास करती है जिवन में आदे बढ़ती है धोस्तों इस वीडियो में बस इन्दाई मिलते हैं बगले वीडियो को अपना ख्याल रखेंगा धन्यवाद जैस्री किष्णा