जिंदगी में दुख बहुत है तो इसे सुने@SriKrisnavani-kg5qj #shrikrishnamotivationalspeech

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00:00अच्छे किस्मत के लोग ढोडा भी बुढ़ा हुए पर भज़ ते हैं.
00:05और बुरी किस्मत के लोग ढोड़ा भी अच्छा हुए पर भगवान का अस्मरन और धन्यवात करते हैं.
00:12भगवान को पोचते हैं और पुरी किस्मत के लोग थोड़ा भी अच्छा होने पर भगवान का अस्मरन और धन्यवाद करते हैं।
00:19जिन्दगी में कुछ नेक काम ऐसे भी करने चाहिए, जिनका उपरवाले के सिवाई कोई दोस्तरा गवाह ना हो।
00:25जिन्दगी को समझना बहुत मुश्किल है, कोई सपनों के खातिर अपनों से दूर रहता है, तो कोई अपनों के खातिर सपनों से दूर हो।
00:32किसी के सब का इंतहान ना लिया करो, मैंने ऐसा करने वालों को अक्सर पस्थाते देखा है।
00:38जिन्दगी उसके साथ बिता हो, जिसके साथ तुम खुस हो, किसी को इतना ना चाहो की भुला ना सेखा।
00:44जिन्दगी, इंसान और महब्बत तीनों बेवापा है, सिर्फ अपनी मंजे के लिए मेला करो।
00:49ये लोग जब तुम्हे खोईंगे, यकीर मालो, बहुत रोहेंगे।
00:53इस मतलबी दुनिया से कोई मतलब ना रखो, और मतलब रखना ही है, तो अपने मतलब से मतलब रखो।
00:59किसी के इतना करीब मत चाहो, कि उसके जाने से आप फुद के करीब भी ना रखो।
01:04बाज की उची उड़ान देखकर चिड़ियां कभी डिप्रेशन में नहीं आती, मगर इंसान, इंसान की उची उड़ान देखकर बहुत चल्दी डिप्रेशन में आ जाता है।
01:13जिवन मिलना भागे की बात है, मिर्तियों होना समय की बात है, पर मिर्तियों के बाद भी लोगों के दिलों में जिवित रहना हो, ये कर्म की बात है।
01:22सइयम कोई कमजूरी नहीं होती, बलकि ये वो ताकत होती है, जो सब में नहीं होती है, दुआयें कभी खाली नहीं जाती है, बस सही वक्त पर गुभूर होती है।
01:31कुछ लोग बहुत अच्छे लगते हैं, लेकिन सिर्फ सकल से, ये नाधानी भी बड़ी मिसाल है, अंधेरा दिलों में हैं, और दिया मंदिलों में जिलाते हैं।
01:40पत्थर तो बहुत मारे थें लोगों ने, लेकिन जो दिल पर आकर लगा, वो किसी अपनी नहीं मारे था। आज की दुनिया में जूट धीरे से बोलोगे, तब भी सब सुन लेंगे, लेकिन सच चिल्लाने पर भी कोई नहीं सुनता।
01:52मौत से कैसा दर्ड है? मिन्टो का खेट है। आफ़त तो जिंदगी है, बरसों चला करती है। जिंदगी जब मायोस होती है, तभी महसूस होती है। अधिक द्यान उसपर दे, जो आपके पास है। उसपर नहीं, जो आपके पास है ही नहीं। असल में वही जीवन की चाल सम
02:22है और आज इतनी कम हो गए। आँसु चाहे इंसान के हो या जानवर के है।
02:26बाहर तभी आते हैं जब दिल में बहुत सारा दर्ड होता है। ठक गया था, सबकी परवाह करते करते हैं।
02:33बड़ा सुकों सा है जब से लाबरवार हूँ। छोटे थें हर बात भूल जाया करते थे। दुनिया कहती थी की याद रखना सीखो। बड़े हुए तो हर बात याद रहती है। तो दुनिया कहती है की भूलना सीखो। बहुत फर्क होता है मजे में और आनंद में। मजे क
03:03सताती रहेगी। तो मुस्कुराना मत छोड़ना। अगर मैं सबकुछ हूँ तो बात करूँ। अगर मैं आपसम हूँ तो कृपया मुझे महाफ़ करूँ। पत्थजर में ही रिष्टी की परक होती है। बारिस में तो हर पत्ता रहा देता है। तन और मन दोनों का परभा�
03:33रंग में है ही नहीं। तो इसका परिणाम समय की भर्वादी और भवेश्य का पस्तावा है। आप दुख पर ध्यान देंगें। हमेसा दुखी रहें। आप सुख पर ध्यान देंगें। तो हमेसा सुखी रहें। क्योंकि जिस पर आप ध्यान देते हैं वही चीज सक्रिय
04:04हमेसा याद रखें। जब भी आप किसी व्यक्ति से हद से चादा अधिकार जताने लग जाते हैं तो वह व्यक्ति धीरे धीरे आपकी कदर करना कम कर देता है।
04:13मा हम सब के जीबन का एक ऐसा फूल है जो हो तो जिंदगी खिल जाए और ना हो तो जिंदगी का खिला फूल भी बुर्जा जाए।
04:20सुबह के नीद इंसानों के इरादे को कबजोर बनाती है। मंझल को हासल करने बाले कभी देर तक नहीं सुते हैं। उचाई पर वही पहुंचते हैं जो बदला नहीं है। बदलाओ लाने की सोज रखते हैं। कितना अच्छा लगता है ये सुनना। जब कोई व्यस्त होने
04:50वहाँ नाराज़ गी की कदर नहीं वहाँ नाराज होना छोड़ दीजिये।
04:54कुछ रिष्ते किराय के मकान जैसे हुते हैं। कितना भी सज़ज़ कभी अपने नहीं होते हैं।
04:59हालाद सिखाते हैं बाते सुनना और सेहना वरना अर सक्स फितरत से बात साहे होता है।
05:04अक्सर प्यार से नफरत उस वक्त हो जाती है जब कोई बहुत प्यार करके धोखा देता है।
05:09अगर कुछ करना है तो भीर से हट कर चलो। भीर सहस तो देती है लेकर तैचान छेल लेती है।
05:15इतनी भी सिद्धत से रिष्टे निखाना लोग अपनी आपाथ दिखाई देते हैं।
05:19सवाल करने बाले तो बहुत मिलते हैं लेकर बिना सवाल की एक ख्याल रखने बाले नसीब से मिलते हैं।
05:25पाप एक ऐसा प्रोड़क है जो खरीदने में सस्ता लगता है लेकर उसका दाम चुकाते चुकाते जनम जनम निकल जाते हैं।
05:37बुरी बात यह है कि समय कम है। अच्छी बात यह है कि अभी भी समय है।
05:42दिल में धोके हैं और धोकेवाज दिल में सच बोलता हूँ तो रिष्टे तूट जाते हैं और जूट बोलता हूँ तो खुद तूट जाते हैं।
05:49कभी कभी इंसान सच में तख चाहता है खामोस रहते रहते हैं दर्द सहते सहते हैं सबर करते करते हैं उमीदे रखते रखते हैं रिष्टे निभाते निभाते हैं और अपनों को मनाते मनाते हैं
06:01पात ये नहीं है कि गम कितना है पात ये है कि परवाह किसको है जिन्दिगी में कुछ बढ़ा करना है तो दो चीज़े हमेसा याद रखना जो खोया उसका गम नहीं और जो पाया वो किसी से कम नहीं है खराव दवियत से व्यक्ति जितना कमजूर नहीं होता उससे ज़्या�
06:31अंतर आत्म नकरात्मक विचारों को अपने मन में भर्वेष करने की अनुमती ना दीजिए क्योंकि ये वही एक चीज़ होती है जो हमारे आत्म विश्वास को गम कर दीते हैं
06:41कामला भी कुछ नहीं है बस एक नकाम्याब व्यक्ति के संगर्श की कहानी होती है आप के खिलाब होने वाली बातों को खमोसी से सुन लीजिये यकीन माने वक्त उन्हें बहतर जबाब देता है जिसने अपने को वश्मे कर लिया है उसकी जीद को देवता भिहार में डेव
07:11बादसाह बनाती है यह ज़रूरी तो नहीं कि हर किसी के पास डिग्री
07:15स्कूल से लेकर हॉस्पिटल तक सब को प्राइविट पसंद है बस जमाई और कमाई सरकारी होने चाहिए
07:22अकड अगर पकड से जादे हैं तो गहरे से गहरा रिस्ता भी पूर जाता है
07:26मतलब है तो जिक्र है वरना किसको किसकी फिक्र है डिग्री के लिए इतनी भी पढ़ाई मत करना
07:32कि जिंदगी के ही किताब ना समझ पाओ रहने दे उधार एक मुलापात यो ही
07:37सुना है उधार वाले को लोग भुलाया नहीं करते हैं
07:40चाहे आप सफल हो जाएं या असफल लोग आपको परिसान करना कभी नहीं छोड़ेंगे
07:45प्यार इंसान से किया जाता है पैसे का तो इस्तमाल किया जाता है
07:49कुछ लोग प्यार तो पैसे से करते हैं और इस्तमाल इंसान का करते हैं
07:53दूसरों पर मरने से अच्छा है खुद के लिए जिया जाएं तो परवाह करना छोड़ दो
07:58लोग आपको दुखी करना छोड़ दें जो इंसान सब की उसी चाहता है
08:02सब की बारे में अच्छा सोचता है सब की कदर करता है वो इंसान जिंदगी में हमेशा अकेला रह जाता है
08:08स्रिकिषन कहते है भरोसा एक ऐसे जीज़ है जिसके तूटने पर कोई आवाज तो नहीं आती
08:14लेकिन उसकी गुञ्ज जिंदगी भर सुनाई देती है जिंदगी में गलत फैमी रखना गलती करने से ज़्यादे खतरनात होता है गलत फैमी का एक पल इतना खतरना होता है
08:23जो प्यार भरे सुना लमहों को एक पल में भुला देता है कल का किसने देखा है आज का दिन खोय क्यों हो जिन घड़ियों में हस सकते है उन घड़ियों में रोय क्यों हो
08:33किसी के मीठे गोल है किसी के नियत में जोल है सुनो यह दुनिया गोल है यहाँ सब के डबल हो रहे है अगर लोग आपकी अच्छाईयों को आपकी कमजोरी समझते हैं तो यह उनकी समस्या है आप तो आईना हो आईने बने रहो फिक्र वो करें जिनकी सकले खराब है एक समय
09:03है गुम तुम्हारे वादे तुम्हारे रास्ते और तुम शायद जिन्दगी भी कुछ चाय जैसी हो गई है उबलते उबलते कप कड़वी हो गई तो पता ही नहीं जाया हाँ मैं बदल गया हूँ पर सिर्फ उन लोगों के लिए जो अब फुद पहले जैसे नहीं रहे कभ
09:33स्वयम ही होते हैं
09:34सोचने दो जमाने को जो सोचना है
09:36अगर तेरा दिल सच्चा है तो खुद पर भरूसा रखना
09:39भुरी ख़वर यह है कि समय उड़ता है
09:41अच्छी ख़वर यह है कि आप उसके पाइलट हैं
09:44कुछ पाना है तो खुद पर भरूसा रखना
09:46सहारे कितनी भी अच्छी है क्यों ना हो
09:48साथ छोड़ी जाते हैं
09:50जब कोई आप से दो कदम पीछे हटे
09:52तो उसे उम्र भर खुस रहने की दुआ देकर
09:54चार कदम पीछे हट जाने में ही भलाई है
09:56दुनिया तो एक ही है
09:57मगर फिर भी सब की अलग अलग है
10:00मुठी वर सिकायतों से धरारे नहीं पड़ती
10:02अगर रिष्टे की बनावट में जूत ना हो
10:04सरक कभी भी सीधी नहीं होती
10:06कुछ देर बाद मोड अवस्थे आता है
10:09जिंदगी भी सरक जैसी ही है
10:10बस धैरी के साथ चलते रही है
10:12सरकिसम कहते है
10:13मत बनो हमेश्टा है
10:15मजबूती की विशार
10:16कभी कभी कमजोर होना भी
10:17दिल को हलका करता है
10:19माना के पैसों से खुशियां नहीं खरेदी जाती
10:22पर पैसे के बिना खुश होना भी थोड़ा मुश्किल होता है
10:25जो इन्सान अपने बात पर ना ढिक पाए
10:27वह किसी दूसरी के साथ क्या रिष्टा भाग निभाएगा
10:30जिस वेक्ती को आपके रिष्टों की कदर नहीं है
10:33उसके साथ खड़े रहने से अच्छा है
10:34अकेले खड़े रहना
10:35ये अभिमान नहीं है सौभिमान है
10:38वही कीजिए जो आपका दिल करें
10:39वो नहीं जो लोग कहते हैं
10:41जब गुसा, गलतियां और लालच खराटे की तरह होते हैं
10:44दूसरे करें तो चुबता हैं
10:46पर खुर करें तो हिसास नहीं होता है
10:48मैं जिनके जूब का मान रख लेता हूँ
10:50वो समझते हैं कि मुझे भेवकूं पढ़ा ले
10:53अमीर तो हर गली में मिल जाते हैं
10:54मुझ्किल तो जमीर वालों को ढोना है
10:56जब कोई विचार अननेर आपके मस्तिस पर अपना अधिकार कर लेता है
11:01तब वो वास्तविक या भौतिक या मानसिक अवस्था में परिवर्तित हो जाता है
11:05मनुष्य अपने विश्वास से निर्वित होता है
11:07जैसा वो विश्वास करता है
11:09वैसा ही बन जाता है
11:11सब कुछ कॉपी हो सकता है
11:12लेकिन चरित्र और भेवार नहीं
11:14अपनी सोच को काबो में रखे
11:16क्योंकि आपकी सोच ही असलियत का रूप लेगी
11:18जूते रगर कर बनाई गई पहचान
11:20और जूते चाट कर बनाई गई पहचान
11:22में बहुत फर्क होता है
11:24जगडे भी बच्चों की तला होते हैं सहाँ
11:26इन्हीं पालते रहा तो बड़े हो जाते हैं
11:28लोग कहते हैं कि अपनों के आगे जुख जाना चाहें
11:30परन्तु सच बात तो एह है
11:32कि जो अपने होते हैं
11:34वो कभी आपको जुख नहीं देवें
11:36इस संसार में मुर्ख वैक्ती अधर्मी
11:38आग्यानी और नास्तिक प्रकृती का वैक्ती
11:40मेरी स्वर्ण को सुखार नहीं कर सकता
11:42जीवन में आदे दुख इस कारण जनम लेते हैं
11:44क्योंकि उनकी आसाय बड़ी होगी है
11:46इन आसाओं को त्याग करके देखो
11:48जीवन में सुख ही सुख है
11:50अगर नियत अच्छी हो तो नसीब कभी बुरा नहीं होता
11:52वक्त बनाने वाले को जड़ा सा वक्त देकर देखो
11:54वो आपका वक्त बदल देखे
11:56करण का कोई मेनु नहीं होता
11:58जो आप दूसरों को सर्व करेंगे
12:00वही आप दिजर्व करेंगे
12:02दिमाग में विचारों का ट्रफिक जितना कम होगा
12:04जिंदिगी का सफर उतना ही आसान होगा
12:06मन का जुखना भी ज़रूरी है
12:08सिर्फ सर जुखने से भगवान नहीं मिलते
12:10मन जरूरा बुरा हो सकता है
12:12मन जरूरा नहीं, दौर बुरा हो सकता है
12:14लेकिन जिंदिगी नहीं
12:16स्री कृष्ण कहते है
12:18जो दूसरों की तकलिफों को समसते हैं
12:20जिन में दया है, दिल से अच्छे है
12:22उन्हें दुबारा जन्म नहीं लेना पड़ता
12:24मन की गति वीदिया, ओस, स्वास
12:26और भावनों के माध्यम से भगवान की
12:28शक्ती सदा तुम्हारे साथ है
12:30और लगातार तुम्हें बस एक साधन की तरह
12:32प्रियोग करके सभी कार्य कर रही है
12:34अंतकाल में जो मनुस्य
12:36मेरा अस्मरन करते हुए देह त्याग करता है
12:38वो मेरी शरन में आता है
12:40इसलिए मनुस्य को चाहिए कि
12:42अंतकाल में मेरा जिंतन करे
12:44आत्म जैसा विश्वास हो दुरोपती जैसी भुकार हो
12:46मेरा जैसा इंतजार हो तो
12:48किर्षन को आना ही पड़ता है
12:50जब हम स्वयम जीवन के सिल्पकार हैं
12:52तो चलो हम अपनी मुश्किलों को हराते हैं
12:54जीवन में थोड़ा मुश्कुलाते हैं
12:56आत्म जैसा विश्वास हो दुरोपती जैसी भुकार हो
12:58मेरा जैसा इंतजार हो दुरोपती जैसी भुकार है
13:00जब हम स्वयम जीवन के सिल्पकार हैं
13:02तो किर्षन को आना ही पड़ता हैं
13:04जब हम स्वयम जीवन के सिल्पकार हैं
13:06एक जंगल में एक कववा रहता था
13:08वो बड़ा ही खुस और मस्ती में रहता था
13:10पर एक बार उसे जंगल में एक बहुती सुन्दर पक्षी दिखाई दिया
13:12वो तुरंद उस पक्षी के पास गया
13:14उस पक्षी का रंग सफेध था
13:16कववे ने इस पक्षी से पूछा
13:18तुम्हारा नाम क्या है? पक्षी ने हस कर कहा
13:20हंस, कववा बड़ा खुस हुआ
13:22और खुस हुकर बोला तुम तो बहुत सुन्दर है
13:24तुमारा रंग भी सफेध है
13:26तुमें तो जिंदगी जीने में बड़ा मज़ा हाता
13:28हंस ने कहा, मुझे जादा भी कोई और सुन्दर है
13:30अब कववा हरान हो गया
13:32और कहा, वो कौन है जो तुम से भी सुन्दर है
13:34हंस ने कहा, तोता
13:36अब कववा वहाँ से तुरण दोड़का तोते के पास कर जा
13:38कववा उसे देखकर हरान हो गया
13:40तोता लाल रंग और हरे रंग का था
13:42कववे ने उससे कहा, तुम तो बड़े खुस रहते होगे
13:44तुम इतने सांधार जो देखते हैं
13:46तोता मायूस हो गया
13:48और कहा, नहीं
13:50मुझे से भी सांधार और सुन्दर तो मोर है
13:52अब कववा मोर को देखने लगा
13:54गए दिनों के बाद उसे मोर मिला
13:56लेकिन कुछ दिन बाद उसे पता चला
13:58कि मोर सहर के चड़ियागर में है
14:00कववा चड़ियागर पहुंचा, उसने मोर को देखा
14:02वो पिंजरे में बंद था, बहुत से लोग इसके साथ
14:04फोटो गिचमा रहे थे, यह देखकर
14:06कुछ दिनों के बाद उसे मोर मिला
14:08लेकिन कुछ दिन बाद उसे पता चला
14:10कुछ दिन बाद उसे पता चला
14:12कुछ दिन बाद उसे पता चला
14:14कुछ दिन बाद उसे पता चला
14:16कुछ दिन बाद उसे पता चला
14:18कुछ दिन बाद उसे पता चला
14:20कुछ दिन बाद उसे पता चला
14:22कुछ दिन बाद उसे पता चला
14:24कुछ दिन बाद उसे पता चला
14:26कुछ दिन बाद उसे पता चला
14:28कुछ दिन बाद उसे पता चला
14:30कुछ दिन बाद उसे पता चला
14:32कुछ दिन बाद उसे पता चला
14:34कुछ दिन बाद उसे पता चला
14:36कुछ दिन बाद उसे पता चला
14:38कुछ दिन बाद उसे पता चला
14:40कुछ दिन बाद उसे पता चला
14:42कुछ दिन बाद उसे पता चला
14:44कुछ दिन बाद उसे पता चला
14:46कुछ दिन बाद उसे पता चला
14:48जय स्री किषना
14:50धन्यवाद

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