जिंदगी में कुछ अच्छा नहीं हो रहा है तो इसे सुने@SriKrisnavani-kg5qj #shrikrishnamotivationalspeech, motivational speaker, motivational quotes, motivational vani#motivation #shrikrishnamotivationalspeech#krishnamotivation
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00:00सर्यकिस सू कहते हैं
00:03जीस तरह,
00:05हवा एक दिशा में नहीं बहती हैं
00:06समय समय மें बदला ही रहे थी
00:08उस ही ब次़यGA
00:09आदमी की किसमत
00:10समय समय का बदलती रहे थी
00:13इसी लिए
00:13समय घराब है
00:14तो परिशाओं नाहूँ
00:16बस सही समय का इंतजार करें।
00:18क्योंकि समय जरूर बदलेगा।
00:20याद रखना अगर बुड़े लोग सिर्फ
00:22समझाने से समझ जाते और सुधर जाते
00:25तो बासुरी बजाने वाला कभी
00:27महाभरत नहीं होने देता।
00:29क्योंकि एसे कई लोग हैं
00:31जो आपके जैसे जिनगी जीने का सप्ना देखते हैं।
00:33किसी भी असफल व्यक्ति से पूछोंगे
00:35कि तुम सफल क्यों नहीं हो तो वह दो कारण देखा।
00:37मेरी किसमत खराब थी
00:39या फिर मेरे पास समय नहीं था।
00:41किसी भी असफल व्यक्ति से पूछोंगे
00:43कि तुम सफल क्यों नहीं हो तो वह दो कारण देखा।
00:45मेरी किसमत खराब थी
00:47या फिर मेरे पास समय नहीं था।
00:49कोई भरोसा तोड़े तो उसका धन्यवाद करें।
00:51क्योंकि ये वही लोग होते हैं
00:53क्योंकि ये वही लोग होते हैं
00:55जो हमें सिखाते हैं
00:57कि भरोसा सोच समझवर ही करना चाहिए।
00:59समस्या से निपटना है तो उसका हल ढून।
01:01बहाने नहीं।
01:03जब तुमें प्रेम करने वाला तुमें
01:05परिशान करना छोड़ते हैं तो समझ जाना।
01:07तुमने उसे खो दिया है।
01:09यदि आप सहे हैं तो आपको गुशा होने की जुरत नहीं है।
01:11और यदि आप गलत हैं
01:13तो आपको गुशा होने का हक भी नहीं है।
01:15अपना पूरा समय खुद को बैतर करने में लगा।
01:17क्योंकि अवरिश्टे इनसान से नहीं
01:19पैसे से बहने लगे हैं।
01:21दूसरों का भला करने वाले मनुष्य को
01:23हमेशा कश्टों का साउना करना पड़ता है।
01:25क्योंकि हमेशा फल देने वाले विर्च को ही
01:27पत्थरों के मार जहीर में बढ़ते हैं।
01:29सिख्षा कहें से भी प्राक्त कर सकते हैं।
01:31सिख्षा कहें से भी प्राक्त कर सकते हैं।
01:33लेकिन संसकार हमेशा घर से ही मिलता है।
01:35ना रास्तों ने साथ दिया,
01:37ना मंजल ने इंतजार किया।
01:39मैं क्या लिखो अपनी जिन्दिवी पर।
01:41मेरे साथ तो उमीद ने भी मजब किया।
01:43पैसा एक ही भासा बोलता है।
01:45अगर तुमने आज मुझे बचा लिया,
01:47तो कल मैं तुम्हें बचा लूगा।
01:49पैसा फिर कहता है, भले मैं उपर साथ नहीं जाओंगा,
01:51पर जब तक मैं नीचे हूँ,
01:53तुझे उपर लेकर जाओंगा।
01:55धैरे रखना, निरास मत होना,
01:57क्योंकि जिसने तुम्हें लिखा है,
01:59वो ब्रहानत का सबसे दड़ा लेकर है।
02:01परसंसा चाहे कितने भी करो,
02:03लेकिन अपमान सोच समझ कर करना जाये।
02:05क्योंकि अपमान वो उधार है,
02:07जो अवसर मिलने पर व्याज सहत नौटता है।
02:09आप पीछे जाकर अपने अतीद को तो नहीं सुधार सकते,
02:11लेकिन आज काम करके,
02:13अपने आने वाले वविष्य को जरूर सुधार सकते हैं।
02:15सरकृशन कहते है,
02:17जो लोग आपसे जनते हैं,
02:19उनसे घरना मत किजी,
02:21क्योंकि ये वही लोग हैं,
02:23जो सुखार कर चुके हैं,
02:25कि आप उनसे भेथर हैं।
02:27ये पाँट चीजे अभी के अभी छोने हैं।
02:29जिंदगी में बहुत सुखी रहे हैं।
02:31सब को खुस करने,
02:33दूसरों से जाधा उमीद रहे हैं।
02:35अपने आपको किसी से कम समझना।
02:37और बहुत ज्यादा सूझना।
02:39मज्बूयों को मत भूसो।
02:41हर हाल में चलना सेखो।
02:43माता पिता का हाथ पकरतर रखे।
02:45लोगों के पाँपकरने की ज़रुत ही नहीं।
02:47गलती पर साथ छोड़ने वाले तो बहुत मिलते हैं।
02:49लेकिन गलती होने पर
02:51समझा कर साथ लगाने वाले बहुत कम मिलते हैं।
02:53कदर कर लो उनके हैं।
02:55जो आप से बिना मतलब की चाहत रखते हैं।
02:57क्योंकि दुनियल में
02:59ख्याल रखने वाले कम है।
03:01जब किसी को किसी से रिष्ता खतम करना होता है
03:03तब सबसे पहले
03:05वह अपनी जुबान की मिठास खत्म कर देता है।
03:07ताक़ा और पैसा
03:09जिंदगी के फल
03:11परिवार और मित्र
03:13जिंदगी की जड़ हैं।
03:15हम फल के बिना अपने आप को चला सकते हैं
03:17पर जर के बिना खड़े तक नहीं हो सकते हैं
03:19गरीबों का मज़ाक मत उड़ा हो
03:21क्योंकि गरीब होने में वक्त नहीं लगता
03:23लाख किसी को प्यार दे दो
03:25पर जिसमें धोखा देना सीखा है
03:27वह धोखा ए देगा
03:29देशक आपको भेचानते होगा
03:31मगर फिक्र करने वालों को तो आपको ही भेचानने होगा
03:33सिर कृष्ण कहते है
03:35अगर आपके जीवन से गलत वैक्ती नहीं जाएगा
03:37तो सही वैक्ती का आगमन भी नहीं होगा
03:39कौन क्या कर रहा है
03:41कितना कर रहा है
03:43इन सब से आप जितना दूर रहोगे
03:45उतना ही खुस रह पाऊगे
03:47इस दुनिया में जुनून जैसी कोई आग नहीं है
03:49मुर्खता जैसी कोई जान नहीं है
03:51नफ्रत जैसा कोई दरुंदर नहीं है
03:53और लालत जैसी कोई धार नहीं है
03:55परसंता का कोई मार नहीं है
03:57बलके परसंता ही एक मारग है
03:59अगर आप सही दिशा में हैं
04:01तो चिंता मत कीजिए
04:03बलके उस दिशा में चलते रहे हैं
04:05ऐसा करने से अवसे ही आप अपने लक्षी को प्राप्ट कर लेंगे
04:07इस पूरी दुनिया में
04:09सबसे ज्यादा कीम्ती है समय
04:11इसलिए इसे प्राप्ट नहीं करें
04:13नहीं तो अंत में आपको
04:15प्रस्थावई के अलाबा कुछ नहीं मिलेंगे
04:17जिंदगी में अपनी दुला किसी से मत करो
04:19जैसे चांद और सुरज की दुला
04:21नहीं की जा सकते
04:23क्योंकि दोनों ही अपने अपने वक्त पर ही चमकते हैं
04:25ज़िधी किसी काम को करने में डर नहीं देते
04:27तो याद रखे ये डर संकेत है
04:29कि आपका काम वाकाई में
04:31बहदुरी से डरा है
04:33खुआब जिनके उचे और मस्त होते हैं
04:35ज़िधी किसी काम को करने में डर नहीं देते
04:37तो याद रखे ये डर नहीं देते
04:39क्योंकि माफ करने वाला इनसान तो माफ कर देता है
04:41लेकिन उसके दिल में पहले जैसा प्रेम नहीं रहता है
04:43रिस्ते तो भावत होते हैं
04:45पर जो दर्द बाटने लगे
04:47वही असली रिष्ता है
04:49प्रेम और विश्वास कभी मत कोड़ा
04:51क्योंकि प्रेम हर किसी से नहीं होता
04:53और विश्वास हर किसी भी नहीं होता
04:55जब कोई दूसरों से दोखा खाता है
04:57तो अग उस से लड़ पड़ता है
04:59जब कोई अपनों से दोखा खाता है
05:01एक बात याद रहा है
05:03करम का थपड़ जब पड़ता है
05:05तो राजा को भी भीख माँगने पर मज़्ञोर कर देता है
05:07तारीफ वो धोखा है
05:09जिसे हम भोट ध्यावन से सुनते हैं
05:11और पुधी उसमें फ़स जाते हैं
05:13जिन्दधी में सब की पीछी भागने में
05:15सब की परवाह करने के चक्र में
05:17हम हमेशा पीछे रह जाते हैं
05:19आप थोड़ा भरूसा वक्त पर दे किया हो
05:21क्योंकि यह अच्छे से अच्छे चहरी को
05:23एक दिल बेनकाब कर देता है
05:25खुस रहना सीखो
05:26इससे पहले की उदास रहना आपके आदत बन जाये
05:28लौट के वो लोग है जो
05:30रोट कर चले जाते हैं
05:32रोट कर जाने बाला कभी लौट कर नहीं आता
05:34कुछ लोग हमारा दिल रोज दुखाते हैं
05:36लेकिन फिर भी हम उससे बाते करके खुस हो जाते हैं
05:38जो अपनों के शताये होते हैं
05:40अपनों के थुकराये होते हैं
05:42वो बहुत कथोर हो जाते हैं
05:44दिल से भी और बोली से भी उमीद तकलीव तो बहुत देती है
05:46पर ना जाने क्यों
05:48इस दिल को फिर भी उमीद रहती है
05:50आप अकेले ही रहना सीखो
05:52महबद और नफरत
05:54कहने को तो दो मामुली सब्द हैं
05:56यही दो शब्द
05:58इनसमन को भवान भी बना सकते हैं
06:00आप शैतान भी बना सकते हैं
06:02समय रहते ही फुद को भैतर बनाईए
06:04वरना आपसे सीखने वाले लोग भी
06:06आपसे आगे निकल जाएगे
06:08जिन्दगी में अगर खुल कर जीना चाहते हैं
06:10तो कभी किसी पर मत गिरना
06:12थोड़ा ध्यान से रिस्ते बनाओं
06:14क्योंकि यहां दिखावे वाले लोग ज्याद हैं
06:16और निभाने वाले बहुत कम है
06:18राह संघर्स की जो चलता है
06:20संसार को बदलता है
06:22मिली है अगर जिन्दगी है तो मिसाईल बन कर दिखाएगे
06:24वरना इत्यास के पंड़े तो आज कल
06:26रिश्वत देकर भी छापे जाते हैं
06:28मंजल इनसान के होसले आजमाती है
06:30सपनों के पर्दे आकों से हटाती है
06:32किसी विबाद से हिम्मत नहीं हारना
06:34थोकरे इनसान को चलना सिखाती है
06:36किसी के पैरों में गिरकर प्रतिष्ठा पाने के बदले
06:38अपने पैरों पर चलकर कुछ बनने की खाल नहीं है
06:40अगर एक हरावे इनसान हारने के बाद
06:42मुस्कुरा दे
06:44तो जीतने वाला भी जीत की खुशी खो देता है
06:46यह मुस्कान की फाकत है
06:48कोशिस हमेशाँ परिणाम मिलने तक करे
06:50क्योंकि दुनिया सिर्फ परिणामों को सलाम करती है
06:52कोशिसों को नहीं है
06:54आप अपने आप पर विश्वास करो
06:56तुम्हारे अंदर किछ ऐसा है
06:58जो हर बादा से पड़ा है
07:00कभी कभी समय के परिवर्तन से
07:02मित्र भी सत्रु बन जाते हैं
07:04और सत्रु भी मित्र
07:06क्योंकि स्वार्थ बड़ा ही भुलवान होता है
07:08चंदन का पेड़ पोरे संसार में
07:10अपने सुगंद के लिए जाना जाता है
07:12पर यही संसार अच्छर भूल जाता है
07:14कि उस चंदन के विश्वान
07:16संसार के सबसे जहरीन साब होते है
07:18इसलिए बाहर से अत्यंत मीठा बोलने वाला वैक्ति
07:20अंधरी अंदर
07:22सत्रुता का भी भाव रख सकता है
07:24इसलिए सोच समझकर ही किसी पर विश्वास करें
07:26जैसे किसी पासांद से अगर सोना बनाना हो
07:28तो घिसना पड़ता है
07:30तपना पड़ता है
07:32और आग में जलना भी पड़ता है
07:34उसी तरह एक सफल वैक्ति बनने के लिए
07:36आपको अत्यंत से अत्यंत कठिंग
07:38परिस्थीतियों से गुजरना पड़ता है
07:40जो मिला है उसमें ही खुस रहना सीखो
07:42मेरे उंगलिया मुझे सिखाती है
07:44दुनिया में एक समाल कोई नहीं होता
07:46दुसरे का सुक देखकर दुखी होने बाला
07:48कभी सुकी नहीं हो सकता
07:50लोग इतिहास तो नहीं रचपाते
07:52इसलिए साजी से रचते हैं
07:54रिष्ते भी नौकरी की तरह हो गए हैं
07:56आजकर बहतर ओफर मिलते हैं बढ़न चाहते हैं
07:58कुछ लोग आप से ही सीख कर
08:00फिर आपको सिखाते हैं
08:02मंदिरों में क्यों भूडते हैं उसे
08:04किसी और इन्सान से नहीं
08:06असफन लोगों के पास बैठा करो
08:08उनके पास एहंकार नहीं
08:10अनुभव होता है
08:12कभी कभी समझ नहीं होता है
08:14अच्छे इंसान के साथ किस्मत हमे साथ
08:16भूडा खेल क्यों खेलते हैं
08:18कितने अपसूस की बात है
08:20करेले से कड़वे लोग
08:22मुसिबत में अकसर काम आ जाते हैं
08:24और सक्कर से मीठे लोग
08:26वक्त पर अकसर धोखा दो जाते हैं
08:28जने आपके दर्ध का एहसास है न
08:30उनसे सिकायत करने के लिए
08:32करेले से कड़वे लोग
08:34मुसिबत में अकसर काम आ जाते है
08:36जने आपके दर्ध का एहसास है न
08:38उनसे सिकायत करने के लिए
08:40करेले से कड़वे लोग
08:42मुसिबत में अकसर काम आ जाते हैं
08:44और सक्कर से मीठे लोग
08:46वक्त पर अकसर धोखा दो जाते हैं
08:48जने आपके दर्ध का एहसास है न
08:50उनसे सिकायत करने के लिए
08:52जने आपके दर्ध का एहसास है न
08:54उनसे सिकायत करने के लिए
08:56जने आपके दर्ध का एहसास है न
08:58जने आपके दर्ध का एहसास है न
09:00जने आपके दर्ध का एहसास है न
09:02जने आपके दर्ध का एहसास है न
09:04जने आपके दर्ध का एहसास है न
09:06जने आपके दर्ध का एहसास है न
09:08जने आपके दर्ध का एहसास है न
09:10जने आपके दर्ध का एहसास है न
09:12जने आपके दर्ध का एहसास है न
09:14जने आपके दर्ध का एहसास है न
09:16जने आपके दर्ध का एहसास है न
09:18जने आपके दर्ध का एहसास है न
09:20जने आपके दर्ध का एहसास है न
09:22जने आपके दर्ध का एहसास है न
09:24जने आपके दर्ध का एहसास है न
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10:02जने आपके दर्ध का एहसास है न
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16:20जय स्री किषना धन्यवाद