जिंदगी में कुछ ठीक नहीं हो रहा हो तो इसे सुने@SriKrisnavani-kg5qj #shrikrishnamotivationalspeech
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00:00जिन्दगी जीने के दो तरीगे हैं।
00:02एक तो जो पसंद है उसे हासिल कर।
00:04और दौसरा जो हासिल है उसे तुम पसंद करना सीख हो।
00:08चिजोर की किमत मिलने से पहले होती हैं
00:10और इन्सां की किमत को देने के बाद।
00:12और इन्साम की कीमत खो देने के बाद है।
00:14मोर्ट में तो सिर्फ माबाब का प्यार मलता है।
00:17बागे इस दुनिया में हर रष्टे के लिए कुछ ना कुछ चुकाना जरूर पड़ता है।
00:22बैजति का जबाब इतनी इजट से दीजी कि सामने वाला भी शर्मिंदा हो जाए।
00:27खुस रहना है तो जिंदगी के फैसले अपनी परस्थिती को देख कर ले।
00:31दुनिया को देख कर जो फैसले लेते हैं वो दुखी ही रहते हैं।
00:34जीवन में यही देखना महत्तपुर्ण नहीं है कि कौन हम से आगे है या कौन पीछे है।
00:39यह भी देखना चाहिए कि कौन हमारे स्थाथ है और हम किस के साथ है।
00:43सिहत के लिए योग और किसी की जौरत पर सह्योग दूनु ही जीवन बदल देते हैं।
00:49मनुष्य कितना भी बोरा क्यों हो परन्तु उनकी परचाई सदेब कामी होते हैं।
00:54स्रेष्ट हो यह आत्म विश्वास है।
00:56लेकिन सिर्फ मैं ही स्रेष्ट हो ये एहंकार है।
01:00सोच अच्छी होनी चाहिए।
01:02क्योंकि नजर का इलाज तो मुंकिन है पर नजरिय का नहीं।
01:05अगर केवल इसलिए आपने अपने सप्मों पर काम करना बंद कर दिया है।
01:09क्योंकि किसी को लगता है कि आप उसे नहीं कर सकते हैं।
01:12तो वो आपका सपना है ही नहीं।
01:14वो बस आपकी एक छोटी से एक्छा है।
01:16जो लोग आपको नज़दीक से नहीं जानते, उनकी बातों को दिल पर मत लो।
01:21आगे बढ़ो और कुछ कर के दिखाओ।
01:23जिन्दिगी में अच्छी लोगों की तलास मत करें।
01:27आप से मिलकर शायद किसे की तलास पूरी हो जाए।
01:30यदि आप उड़ नहीं सकते तो दोड़ो।
01:32यदि आप दोड़ नहीं सकते तो चलो।
01:34चल नहीं सकते तो रेंगते वे चलो।
01:36लेकिन हमेशा आगे बढ़ते हैं।
01:38अच्छी कितावे और अच्छे लोग तुरंत समझ में नहीं आते।
01:41उन्हीं पढ़ना पढ़ता है।
01:43जिन्दगी में होसला कभी मत आगे।
01:45क्या पता होसला भी तेरे हारने का इंतजान कर रहा हो।
01:48मनुस्ती का जीवन केवल उसके कर्म पर चलता है।
01:51जैसे कर्म होते हैं वैसे ही उसका जीवन होता है।
01:54जो किया है वह अवश्य सामने आएगा।
01:57क्योंकि कर्म किसी के सगे नहीं होते हैं।
01:59जिन्दगी भूत हसीन है।
02:01कभी हसाती है तो कभी ही रुलाती है।
02:03लेकिन जो जिन्दगी की भीड में खुष रहता है।
02:22गिरते हुए पक्ति सबसे बड़ा उधारा है।
02:24कि अगर बोज बन जाओगे तो अपने ही गिरा देंगे।
02:27बच्ची कभी अपने बच्चों के भविष्य के लिए भूसना बना कर नहीं देते।
02:30उन्हें बस उरले की कला सिखाते हैं।
02:33खुष रखने के तरीके खोजो।
02:35तकलिफे तो आपको खोजी रही हैं।
02:37मैंने वक्त को बहुत करीब से देखा है।
02:39यह अच्छे अच्छों को बदल देता है।
02:41ज़र्वत से ज़्यादा इजट और समय देने पर लोग आपको गिरा हुआ समसते हैं।
02:45कभी पीट पीछे आपकी बात हो रही हो तो घब्राना मत।
02:48क्योंकि बात उन्हें की होती है।
02:50जिन में कोई बात होती है।
02:52याद रखा सफलता कभी मांगने से नहीं मिलते हैं।
02:54मांगने से केबल भेग मिलते हैं।
02:56सफलता पाने के लिए तुम्हें पूरी मेहनत करने होगी।
02:59अगर आप अपनी मुसिबतों का सामना नहीं कर सकते हैं
03:02तो आप अपने जीवन में कुछ बढ़ा नहीं कर बाएंगे।
03:04दुश्मन से जाधा खितरनात वो है
03:06जो दोस्त बना कर धोका देते हैं।
03:08किसी को धोका देकर ये मत सोचो कि वो कितना वेवकूब है।
03:12ये सोचो कि उसे तुम पर कितना भरूसा था।
03:14अपना और पाया क्या है।
03:16मुझे तो बस यही पता है।
03:18जो भावनाओं को समझे वो अपना।
03:20और जो भावनाओं से परे हो वो पराया।
03:22जो दूर रहे कर भी पास हो वो अपना।
03:24जो पास रहे कर भी दूर हो वो पराया।
03:26रिस्ते ऐसे बनाओं हैं।
03:28जिसमें शब्द कम और समझ जियादा हो।
03:30जगडी कम और नजरिया जियादा हो।
03:32भरूसा काच के तला होता है।
03:34एक बार तूट जाए तो कितना भी जोर नहीं हो।
03:36छेहरा अलग अलग ही दिखाई देता है।
03:38यदि हम गुलाग के तरफ खिलना चाहते हैं
03:40तो काटो के साथ तालमिल की तला सीखने होगा।
03:42अगर मुस्करहाट के लिए इश्वर का शुक्रिया नहीं किया
03:44तो आँखों में आशु आये।
03:46आशु के लिए शिकायत का हग कैसा।
03:48बदलाव के लिए समय का इर्थिजार मत करें।
03:50बदलाव समय के हाथ में नहीं आप के हाथ में हैं।
03:52बहुत ही सही कहा है किसी को।
03:54अपने कभी नहीं रुलाते।
03:56रुलाते तो वो हैं जिने हम अपना समझने के भूल करते हैं।
03:58मुश्करहा के जोटी भी हुआ करते हैं।
04:00इनसान को देखना नहीं, बस समझना सिखने।
04:02इश्वर कहते हैं कि किसी को तकलीब देकर मुझसे अपनी खुशी की दूआ मत करना।
04:04लोग सब कुछ बढ़ोरने में लगे हैं।
04:06खाली हाथ जागे के लिए।
04:08लोग आपका वक्त वागने को तरसे हैं।
04:10आप खुद पर वक्त लगाओ तो सहें।
04:12दो हाथ से हम पचास लोगों को मार के महे सकते हैं।
04:14रिस्ता जताया नहीं निभाया जाता है।
04:16यह चाहे वो दूर हो या पास।
04:18यह चाहे वो दूर हो या पास।
04:20यह चाहे वो दूर हो या पास।
04:22यह चाहे वो दूर हो या पास।
04:24यह चाहे वो दूर हो या पास।
04:26यह चाहे वो दूर हो या पास।
04:28यह चाहे वो दूर हो या पास।
04:30यह चाहे वो दूर हो या पास।
04:32यह चाहे वो दूर हो या पास।
04:34यह चाहे वो दूर हो या पास।
04:36यह चाहे वो दूर हो या पास।
04:38यह चाहे वो दूर हो या पास।
04:40यह चाहे वो दूर हो या पास।
04:42यह चाहे वो दूर हो या पास।
04:44अपनी परिशानियों की बज़ा से दूसरों को मनाने से
04:46आपकी परिशानिया कभी कम नहीं हो सकती।
04:48एक सुन्दर रिष्टे को वक्त दिया जाता है।
04:50जूते वादे नहीं।
04:52सस्ते में लूट लेती है ये दुनिया।
04:54ये दुनिया अक्सर उन्हें जिने गुद की कीमत का अधाजा नहीं होता है।
04:58डरता हूँ आजकर किसी को अपने राज बताने से।
05:00क्योंकि वक्त नहीं लगता है।
05:02लोगों को अब किसी के दर्ध का बज़ा करना है।
05:04इस कल्यूग में जितनी शर्म हो रही है।
05:24सब उसे छोड़ का चली जाते हैं।
05:26और जब वह दौलत वापस हासिल कर लेता है।
05:28तो ये सब लौट कर आ जाते हैं।
05:30इसलिए दौलत ही सबसे अच्छा रिस्तिदार है।
05:32अच्छा बनने के लिए किसी की नकल करने की ज़वरत नहीं है।
05:35खुद इतना अच्छा बनो कि लोग आपकी नकल कर लेंगे।
05:38जिन्दगी एक बार मिलती है। ये गलत है।
05:40पलके मौद सिर्फ एक बार मिलती है।
05:42जिन्दगी तो हर रोज मिलती है।
05:44जिस दिन आप अपनी हसी के माले ख़र बन जाओगे।
05:47आपको कोई भी भूला नहीं सकता।
05:49अगर कोई आपसे मांगे तो दे दिया गए।
05:51क्योंकि भगवान में आपको देने वालों में रखा है।
05:54मांगने वालों में नहीं।
05:55याद रखा अच्छे वक्त को देखने के लिए।
05:57बुरे वक्त को भी जेलना पड़ता है।
05:59सेवा सब की कर।
06:00लेकिन आशा किसी से मत रखो।
06:02क्योंकि सेवा का असली मुल्य धगा नहीं देते हैं।
06:05हमेसा अपनी नजर उस चीज़ पर रखो जिसे तुम पाना चाहते हैं।
06:08उस पर नहीं।
06:09उस पर नहीं। जिसे तुम खो चुके हैं।
06:11अन्न और जल से बढ़कर कोई तान नहीं।
06:13और माता पितास से बढ़कर कोई देवता नहीं।
06:16जिंदगी का सबसे बड़ा गुरू मंतर यही है।
06:18आप अपने राज किसी को नहीं बताये।
06:20तूट चाते हैं वो रिष्टे हैं।
06:22जिनको समभालने की कोशिस अकेली की जाते हैं।
06:24कभी किसी के साथ इतनी उमीद नहीं रखना है।
06:27कि उमीद के साथ तुम भी तूट चाते हैं।
06:29जिंदगी में इतने व्यस्ट हो जाते हैं।
06:31कि उदास होने का वक्त ही है।
06:33मुष्परा कर तो देखो।
06:35सारा जहार अगेल है।
06:36वरना भीगी पल्पों से तो आईना भी धूंध्रा नज़र आता है।
06:39छूटे छोटे गल्तियों से बचने का प्रियास कर।
06:42क्योंकि इनसान थोटे पहारों से नहीं है।
06:44बल्कि छोटे छोटे बत्थरों से खाता है।
06:46कहने को तो बहुत अपनी होते हैं।
06:48मगर जब मन विडास हो तो कोई खुशनी बाला भी नहीं होता।
06:51इतना असान नहीं है।
06:52अपनी ढ़न से ज़िन्द्गी जीपा था।
06:54अपनों को भी खटपने लगते हैं जब अपनी लिए जीने लगते हैं।
06:57माना कठनाई आने से आदमें अकेला हो जाता है।
07:00लेकिन कठनाई आने पर ही अकेला व्यक्ति बजबूत होना सीख जाता है।
07:04पैसा हैस्यत पदल सकता है।
07:06अकात नहीं।
07:07जीवन में हमेशा इंतजार ही नहीं करना जाएगा।
07:09क्योंकि सही वक्त कभी आता ही नहीं है।
07:11उसे लाना पढ़ता है।
07:13अपनी गलती माने बिना आप कभी भी बहतर इंसान नहीं बन पाओगे।
07:17देना शुरू कर।
07:18आना खुद ही शुरू हो जाएगा।
07:20अपनी गलती माने बिना आप कभी बहतर इंसान नहीं बन पाओगे।
07:22अपनी गलती माने बिना आप कभी बहतर इंसान नहीं बन पाओगे।
07:24अपनी गलती माने बिना आप कभी बहतर इंसान नहीं बन पाओगे।
07:26अपनी गलती माने बिना आप कभी बहतर इंसान नहीं बन पाओगे।
07:28अपनी गलती माने बिना आप कभी बहतर इंसान नहीं बन पाओगे।
07:30अपनी गलती माने बिना आप कभी बहतर इंसान नहीं बन पाओगे।
07:32अपनी गलती माने बिना आप कभी बहतर इंसान नहीं बन पाओगे।
07:34अपनी गलती माने बिना आप कभी बहतर इंसान नहीं बन पाओगे।
07:36अपनी गलती माने बिना आप कभी बहतर इंसान नहीं बन पाओगे।
07:38अपनी गलती माने बिना आप कभी बहतर इंसान नहीं बन पाओगे।
07:40अपनी गलती माने बिना आप कभी बहतर इंसान नहीं बन पाओगे।
07:42अपनी गलती माने बिना आप कभी बहतर इंसान नहीं बन पाओगे।
07:44अपनी गलती माने बिना आप कभी बहतर इंसान नहीं बन पाओगे।
07:46अपनी गलती माने बिना आप कभी बहतर इंसान नहीं बन पाओगे।
07:48अपनी गलती माने बिना आप कभी बहतर इंसान नहीं बन पाओगे।
07:50अपनी गलती माने बिना आप कभी बहतर इंसान नहीं बन पाओगे।
07:52अपनी गलती माने बिना आप कभी बहतर इंसान नहीं बन पाओगे।
07:54अपनी गलती माने बिना आप कभी बहतर इंसान नहीं बन पाओगे।
07:56अपनी गलती माने बिना आप कभी बहतर इंसान नहीं बन पाओगे।
07:58अपनी गलती माने बिना आप कभी बहतर इंसान नहीं बन पाओगे।
08:00अपनी गलती माने बिना आप कभी बहतर इंसान नहीं बन पाओगे।
08:02अपनी गलती माने बिना आप कभी बहतर इंसान नहीं बन पाओगे।
08:04अपनी गलती माने बिना आप कभी बहतर इंसान नहीं बन पाओगे।
08:06अपनी गलती माने बिना आप कभी बहतर इंसान नहीं बन पाओगे।
08:08अपनी गलती माने बिना आप कभी बहतर इंसान नहीं बन पाओगे।
08:10अपनी गलती माने बिना आप कभी बहतर इंसान नहीं बन पाओगे।
08:12अपनी गलती माने बिना आप कभी बहतर इंसान नहीं बन पाओगे।
08:14अपनी गलती माने बिना आप कभी बहतर इंसान नहीं बन पाओगे।
08:16अपनी गलती माने बिना आप कभी बहतर इंसान नहीं बन पाओगे।
08:18अपनी गलती माने बिना आप कभी बहतर इंसान नहीं बन पाओगे।
08:20अपनी गलती माने बिना आप कभी बहतर इंसान नहीं बन पाओगे।
08:22अपनी गलती माने बिना आप कभी बहतर इंसान नहीं बन पाओगे।
08:24अपनी गलती माने बिना आप कभी बहतर इंसान नहीं बन पाओगे।
08:26सफल वो नहीं जो अपने दुश्मनों पर विजय प्रात करता है।
08:29बलकि सफल वो है जो अपने इक्षाओं पर भी विजय प्रात करता है।
08:32जब तक आप अपनी कटनाई और समस्याओं का जिम्मेदार दूसरों को मानते रहोगे।
08:37आप कभी भी अपनी समस्याओं और कटनाईओं को मिटा नहीं संथे।
08:40जितनी ज़्यादा हो सके सुनो। और जितना ज्यादा हो सके उतना कम हो।
08:44इसलिए शायद भगबान ने हमें दू कार और एक हे मुन किया है।
08:48माँ बार बार कुछ सो लेकिन विश्वास सिर्फ एक बार कीजिए।
08:51जिंदिगी में कभी में किसी को इतना महत तो मत थो कि उत्मारे चेहरे से मुस्कार नहीं छेंगे।
08:56एक बार एक शिकारी शिकार करने के लिए जंगल में पढुचा।
08:59उसने अपनी तीर पर बहुती ख़तर्मा जहर लगाए।
09:01और शिकार को विशाना बना के उसने तीर को छोड़ा।
09:04लेकिन उसका तीर छोड़ दिया और तीर एक पेड़ पर जा लगा।
09:07वह पेड़ बहुती हरा भरा हो और बहुत सारे तोटे उस पेड़ पर जा लगा।
09:11जैसे ही वह जहरेला तीर उस पेड़ पर जा कर लगा वह पेड़ देरे देरे सूखने लगा।
09:16और उस पेड़ पर जो तोटे रहती थे एकीक करके उस पेड़ को छोड़ कर जाने लगे।
09:20उस बड़े से पेड़ की कोटर में एक बहुती बुढ़ा तोटा रहता था जो बहुती धर्मात्मा और अच्छे मन का था।
09:26सभी तोटे उस पेड़ को छोड़ कर जाने लगे थे लेकिन वह बुढ़ा तोटा सिर्फ जाता और दाना लेकर उसी कोटर में आकर बैट जाता था।
09:32परंत उस पेड़ को छोड़ने को तयार नहीं था बुढ़ी तोटे के साथियों ने कई बार आकर उसे समझाये यहाँ पेड़ सूख रहा है किसी दिन गिर जाये चलो किसी और पेड़ पर चल कर रहा जाये परंत उस बुढ़ा तोटा वहाँ से जाने को तयार ही नहीं था �
10:02परंत उस पेड़ को छोड़ने के साथियों ने कई बार आकर उसे समझाये जाये चलो किसी दिन गिर जाये परंत उस बुढ़ी तोटा वहाँ से जाने के साथियों ने कई बार आकर चल कर रहा जाये परंत उस बुढ़ी तोटा वहाँ से जाने के साथियों ने कई बार आकर
10:32यहाँ मैं पला बड़ा हूँ इस पेड़ को मैं छोड़ तर कैसे जा सकता हूँ इस पर संकट आया है तो क्या मैं इसे छोड़ तर चला जाओं मैं ऐसा कभी नहीं कर सकता हूँ देवराजिंदर तोटे के इस बात से बहुती परसंद है उन्होंने तोटे से कहा मैं आपके �
11:02पहले पेड़ खराबार करते हैं अब वापस से उस पेड़ पर आकर पाकी तोटे रहे देंगे
11:06वह बुढ़ा तोटा उस समय तक और जीदा ला फिर उसकी मिर्थी हो गई वह स्वर्ग में चला गया
11:11यह कहानी हमें यही सिखाती है जब भी किसी इंसान का बुरा दवर आता है और वह एमोशनली तूटा हुआ होता है तो उसे किसी के सहारे की ज़वरत होती है
11:19किसी की अवश्यक्ता होती है अगर आप ऐसे समय में उसे छोड़ कर चले जाएंगे उससे बात नहीं करेंगे मुह मोर लेंगे तो आपसे बुरा खोल गयेंगे क्योंकि आप किसी के सुख का साथी बने थे या ना बने लेकिन हमेसा किसी के दुख का साथी जरूर बनना चा