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00:00सरक्रिस्म कहते हैं वक्त आपका है चाहो तो सोना बना लो और चाहो तो सोने में गुजार दो
00:12वक्त हलाद देखकर बदलता है और अपनी मौका देखकर बुरा करने का विचार आये तो कलपा डालो अच्छा करने का विचार आये तो आज एक दर डालो
00:21पेट हमेसा बज़गोत रखने चाहें क्योंके शावासी और धोखा दोनों पेट पीछे से नहीं मिलते हैं सच्चे इनसान को जोड़े इनसान से अच्छा ज़्यादर सफाई देनी पढ़ती है सच को थोड़े सी भी तमीज नहीं है बात करने की और जोड़ को देखो कितना म
00:51दन्दा है अपनी ही लाँस है पर अपना ही गंदा है कास इन आशों के
00:55साथ जिंदगी के दर्द भी बहजाते 21-20 सदी के महपत के अपने
00:59अलग ही माईवे हैं बहुत खोड़्सूरत होते हैं वो जो वक्त आने पर
01:03आपनों को वक्त देते हैं शिकायत नहीं है और मुझे किसी से बस कुछ
01:07लोग मेरी नजरों से गिर गए हैं किसी की कदर करने हैं तो जीते जी करो
01:11मरने के बाद तो पराया भी रोयते हैं बहुत सा नहीं है क्या मुझे पर ये
01:15जाने कितने लोग दोखा दे कर जाते हैं समय इनसान को सफल नहीं
01:19बनाता बलकि समय का सही इस्तिमाल इनसान को सफल बनाता है
01:23सपनों को पाने के लिए समझदार नहीं बलकि पाधल बनना पड़ता है
01:27कोई कुछ भी बोले अपने आपको शान्त रखो लोगि धूप कितनी भी तेज क्यों ना समंगर को सुखा नहीं सकते
01:34अगर कोई इनसान आपसे जलता है तो इसमें उसकी कोई गल्ती नहीं है लगिन ये आपकी काविलियेथ है
01:39जो उसे जलने पर मजबूर कर रहे है चिलता और तनाओ दोर करने का बस एकी उपाय है आखे बंद करके सुखे इनसान बस एकी मंतर बोले भाड में गई दुनिया
01:49श्री कष्ण कहते है कि जो इनसान सबकी खुसी चाहता है हर वक्त सबके बारे में अच्छा सोचता है और सबकी परवाह करता है पता नहीं क्यों वो इनसान जिंदगी में हमेशान अकला रह जाता है
02:01जो इनसान अपना दर्द नहीं बताता था इसका मतलब ये नहीं कि उसकी जिंदगी में सबकुछ अच्छा है वो इनसान अंदर ये अंदर अपना दर्द छुपा कर जिंदगी जीना पसंद करता है क्योंकि उसे पता है कि यहां कोई साथ नहीं देता जब आप किसी को खु
02:31वो दौर है जहां मासुम्यत को वेव कोई कहा जाता है और अपनी उम्र और पैसो पर कभी धमन्ड मत करना
02:37क्योंकि जो चीजे गिनी जा सकते हैं वो यकिनन खत्म हो जाती है दूसरे के बुरे वक्त पर हसने वाला याद रखना
02:43वक्त जब भी सिकार करता है चारो तरब से वार करता है माबाब के नसीहत सब को बुरी लगती है
02:49लेकिन माबाब की वसीहत सब को अच्छे लगती है उम्मीद हमें कभी भी छोड़ कर नहीं जाती है बस हमें उसे छोड़ देते हैं
02:55दुनिया के सबसे मुश्किल कामों में से एक है समझदारों को समझाना लोग पढ़लते नहीं प्यानकाम होते है
03:01अक्षर अकेलिपन से वही गुजड़ता है जो जिन्दगी में सही फैसलों को चुलता है
03:05सरी कृष्ण कहते है कि अगर मेंनत आदत बन जाये तो काम्यावी मकिंदर बन जाये
03:09कुछ इस तरह से जिद करना सीखो जो लिखा ही नहीं है उसे भी हासिल करना सीखो
03:13इंटिलिजेंग वो नहीं होते जो स्कूल में टॉप करते हैं इंटिलिजेंग वो होते है जो जिन्दगी में टॉप करते है
03:19अकेली चलना सीखे जरूरी नहीं आज जो तुम्हारे साथ है कल भी तुम्हारे साथ रहे
03:23खुल जाएंगे सभी रास्ते मश्किलों से लड तो सही है सब होका हसे तो जित पर अगर तो सही है
03:29ठीक है कल से करूँगा पस यही सब्द आपको कभी काव्याव नहीं होने देगा अगर हलात पर तुम्हारी पकड़ सही है तो यकीर मानो
03:36जहर उगलने बाले भी तुम्हारा कुछ नहीं विगार सकते जेप में वजन हो तो बात में भी वजन आ जाता है लोग बकबास भी बड़े गौर से सुनते हैं
03:43क्या खुब कहा एक पिता ने मजबूत पनो बेटा माबाप रहम खा लेते हैं इतना रहम नहीं खाईगी श्री कृष्ण कहते हैं जिंदगी खेलती भी उसे के साथ है जो खिलारी बहत्रीन होता है जितना बड़ा सक्ना होगा उतनी बड़ी तकलिफे होगी जितनी बड़ी
04:13खुदको मेंनत में फ्राइ करो
04:14हारने के बाद एक बार फिर से ट्राइ करो
04:16काम्यावी आपके कदम चुनेगी
04:18बस अपना कॉंफिडेंस लेवल हाई करो
04:20बोलकर सोचने से बहतर है
04:22सोचकर बोलना
04:23गरीब रहोगी तो कोई दियान नहीं देखा
04:25देनत करोगे तो सब हसेंगे
04:26चव काम्याव होगे तो सब चलेंगे
04:28दिर्गिट माहूल देखकर रंग बदिलता है
04:30और इनसान मौख़ा देखकर
04:32आप चाहे सबका भला करते रहो
04:34पर लोग कभी आपके सगें नहीं हो सकते
04:36जिंदगी के लेस में जो लोग
04:38आपको दोड़ कर नहीं हरा पाते
04:40वहीं आपको तोड़ कर हराने की कोशिस करते हैं
04:43अपनी जिंदगी से कभी नराज मत होने
04:45क्या पता
04:45आपकी जैसी जिंदगी दूसरे लोगों का सपना हो
04:48मजबूत हो जाते हैं वो लोग जो अंदर से तूप जाते हैं
04:51जिंदगी को इतनी सस्ती भी मत बनाओ कि दो कौड़ी के लोग खेल कर चले जाए
04:55मैं जानता कि मैं कुछ तो हूँ
04:56क्योंकि उपरवाला कोई भी चीज बेकार नहीं बनाता
04:59सरी कश्ण कहते है
05:00तु सोने से पहले सब को माफ कर दे
05:03मैं उठने से पहले तुझे माफ कर दूगा
05:05अकेले रहना अच्छा है
05:06भजाए उन लोगों के साथ रहने से जिने तुमारी कदर नहीं है
05:10मत कर हर किसी से इतनी उमीली दो
05:12एह दिल
05:12यहाँ हर किसी की अपनी अलगी दुने है
05:14जो लोग आपकी सही बातों का भी गलत मतलब निकारते हैं
05:17उनको सफाय देनी में अपना समय बरवात करना राप की वरुफत है
05:20जब कोई आपसे नफरत करने लग जायें
05:22तो समझ लेगा
05:23कि वो आपका मुकाबला नहीं कर सकता
05:25लाग चमानी की डिग्रियां हासिल कर रहे हैं
05:27लेकिन जिस इंसान में बोलने की तमीज नहीं है
05:30वो अनपड के बराबर है
05:31किसी में मुझे पूजा
05:32कि सब कुछ जान कर भी चुप कैसे रह लेते हैं
05:34मैंने कहा कोई मतलब के लिए कितना गईज़िब है
05:36बस ये देखना अच्छा लगता है
05:38इसलिए उस इंसान के साथ जाधे वक्त लिता हो
05:40जो आपको हर वक्त खुशी और प्यार देने जाहता है
05:43एक बात तो सच है
05:44कि हस्ते वे छेहरे की पीछे
05:45बहुत सारे दर्दी छुपे होते हैं
05:47जिस इंसान को सच बोलनी के आदत होती है
05:49लोग सबसी ज़यदा गलत उसी को समझते है
05:51परिवार सिर्फ साथ रहने से नहीं बलकि प्यार
05:54इजट और परवाह करने से बढ़ता है
05:56जहां दोस्रों को समझाना मुष्टली हो जाए
05:58वहाँ कुछ को समझा लेना एक बेटर होता है
06:00किसमे और हलात जब दोनों साक नहीं देती
06:02तो उनकी भी सुन्दी बढ़ती है
06:04जिनकी हमारे सामे कोई अगार नहीं होती है
06:06तो किसी को अगार के ताने मत देखा
06:08क्योंकि वक्त बदलती है देव नहीं होती है
06:10जब किसी की जिन्दगी में आपकी चगल कोई और आजाए
06:12तो आपका पीछे हर जाना ही बेदार होता है
06:14मिलत मजबूत होते हैं वो लोग
06:16जिनके पास होने को कुछ भी नहीं बसता
06:18एक बात अभीसा याद रखना
06:20जो सब का हो जाये वो कभी किसी एक का नहीं हो सकता
06:22कुछ गल्तियों को बाफ करना
06:24आपकी सबसे बड़ी गल्ति होती है
06:26अच्छे इंसानों में न एक बुराई होती है
06:28कि वो सब को अच्छा समझ लेते है
06:30जूटी कस्मों से इंसान कभी नहीं मरता
06:32पर भरोसा जरूर मर जाता है
06:34स्रिकुष्म कहते है कि जिंदगी जीने के दो ही तरीके है
06:36एक तो जो पसंद है उसे हासिल करने
06:38और दूसरा जो हासिल है उसे पसंद करना
06:40सीखने
06:42चाहे कुसूर किसी का भी हो
06:44अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपन
07:14अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपन
07:44आपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपन
08:14तीसे के चक्कर में कभी पढ़ना भी होता है
08:16परवाह तो दिल से की जाती है
08:18दिवाग तो बस इस्तवाल होता है
08:20कोई भी काम करने से पहले ही मुझ्किल लगता है
08:22पर एक बार करना तो फिर मुझ्किल कुछ भी नहीं है
08:24पर लोग आपके साथ तब तक अच्छी रहेंगे
08:26जब तक उनका मतलब पूरा नहीं होता
08:28तलवारों के जख तो फिर भी मिड़ जाते है
08:30लेकिन बातों के जख में हमेसा याद रहते है
08:32अच्छी लेने लगी है ये खामोश्य हो
08:34अब हर किसी को जबाप देने का सिलसिला एक अतम हो गया है
08:36ढोपता है तो चुपता बहुत है
08:38चाहे वो काज हो सपना हो
08:40अरिस्ति हो या फिर दिल हो
08:42चाला क्या करनी नहीं आती मुझे
08:44लेकिन हम मुझे समझ में सब कुछ आ जाता है
08:46विवाज हो ये तो हम जानते थे
08:48लेकिन तुम इतना गिरोगे बस यही देखना जाते थे
08:50बहुत गहरी नदी बिना आवाज के बैदी है
08:52इसी तरह इसी तरह
08:54कुछ बहुत गहरे दुखन बिना आशों के भी होते है
08:56जो आपको छोड़ कर गए है
08:58वो भी वापस आएगे
09:00आप एक बार कामयार होकर के देखो
09:02थीक उस खाली लिफाफी के तरह होते हैं कुछ मिष्टे
09:04जिनके अंदर कुछ भी नहीं होता है
09:06और हम उन्हें समभाल कर रहते हैं
09:08बुढ़ा तो सबको लगता है
09:10एक जोटे जिसान की यही सजाय होते है
09:12कि जब वो सच बोलता है तो उसपर कोई भस्वास नहीं करता
09:14जादे अपनापन दिखाने वाले लोग एक दिन बता देते हैं
09:16कि वो कितने पराय है
09:18इनसान सबसे ज़ादा चिंता तब करता है
09:20जब वो खुद के लिए कम और दूसरों के लिए जादा जीता है
09:22शमसान ऐसे लोगों के राख से भड़ा बड़ा है
09:24जो समझते थे कि दुनिया उसके बिना नहीं चल सकती
09:26अगर आपसे कोई कुछ मांगे तो दे दिया करो
09:28आपसे कोई कुछ मांगे तो दे दिया करो
09:30सुक्र करो उपरवाले ने आपको दे दिवाली में रखा है
09:32मांगने वाले में नहीं आप जितना कम बोलगे
09:34लोग आपको उतना ही जादे सुनना चाहेंगे
09:36जो तुम्हें सच में चाहेंगे वो तुमसे कुछ नहीं चाहेंगे
09:38जो तुम्हें सच में चाहेंगे वो तुमसे कुछ नहीं चाहेंगे
09:40जिसे इन्सान का दिरसाब होता है
09:42वहे इन्सान सबसे जाधे रोता है
09:44वक्त और किसमत पर कभी गहन्ड मत करना
09:46पूरी जिंदगी हम इस बात में गुजार देते हैं कि चार लोग क्या कहेंगे
09:48पूरी जिंदगी हम इस बात में गुजार देते हैं कि चार लोग क्या कहेंगे
09:50पूरी जिंदगी हम इस बात में गुजार देते हैं कि चार लोग क्या कहेंगे
09:52पूरी जिंदगी हम इस बात में गुजार देते हैं कि चार लोग क्या कहेंगे
09:54पूरी जिंदगी हम इस बात में गुजार देते हैं कि चार लोग क्या कहेंगे
09:56पूरी जिंदगी हम इस बात में गुजार देते हैं कि चार लोग क्या कहेंगे
09:58जिंदगी में एक दूसरी के जैसे होना जरूरी नहीं होता
10:00लेकिन एक दूसरी के लिए होना बहुत जरूरी होता है
10:02जो लोग तुम से कहते हैं कि मेरे पास समय नहीं है
10:04असल में उनके खास रस्तों के लिस्ट में आपका नाम है नहीं है
10:08कभी कभी किसी के लिए सब्द इतने अच्छुप जाते हैं कि हम चुप से हो जाते हैं
10:12और यह सोचते हैं कि वागई में हम इतने बुले हैं तलवार के गाउ मिट जाते हैं
10:16लेकिन बातों के गाउ हमेशा याद रहते हैं
10:18और हम कहता है कि खमोशया ही बहतर है शब्दों से लोग रोट थी बहुत है
10:22बहुत समय पहले की बात है एक बेड़ी था जो बहुत आलसी और साथ साथ भरीब भी था
10:26वह कुछ भी मेंनत नहीं करना चाहता था
10:28लेकिन अमीर बनने का सपना देखना रहता था
10:30वह विच्छा मांकर अपना गुज़ाना करता था
10:32एक सुने उसे विच्छा के रूप में दोद से घड़ा एक घड़ा मिला
10:36वह बहुत परसंद हो रहा था
10:37दोद का घड़ा लेकर वह घड़ा चला गया था
10:39उसने दोद को उबाला उसने से कुछ दोद पिया और बचा हुआ दोद एक बरतन में ढार दिया
10:43दोद को दही में बढलने के लिए उसने बरतन में थोड़ा सा दही डाला इसकी बाद वह सुने के लिए लेट गया
10:48वह सुते समय दही के बरतन के पारे में सोच ले रहा उसने सुचा सुभए तक दोद दही बन जाएगा
10:52मैं दही को मत कर उसका मक्खन लेकर लेगा फिर मक्खन को गर्म करके उससे घी पढ़ा लुगा
10:56फिर घी को बजार में जाकर उसने बेज लेगा और कुछ पैसे कमा लुगा
11:00उस पैसे से एक मुर्गी खर दूगा मुर्गी अंडे देगे उन अंडों से बहुत सारे मुर्गे मुर्गी पैदा हूँ
11:04फिर ये मुर्गियां सेकरो अंडे देगी और मेरे पाँच जल्दी एक पाड़ लुगा और कलपना में भुबा रहा
11:10फिर उसने सोचा मैं सारे मुर्गियां बेज दूगा फिर गाय भैस खर देगा और दूद के देरी खोल दूदा
11:14शहर के समी लोग मुझे दूद खर देने आएंगे और मैं बहुत जल्दी ही अमीर हो जाओ
11:18फिर मैं अमीर परिवार की फूब्सूरत लड़की से शादी करूँगा फिर मेरा एक सुन्दर सा बेटा हूँ
11:22अगर कोई सरारत करेगा तो मुझे बहुत ग्यूसा है और मैं उसे सवक सिखाने के लिए मैं उसे डंड़े से मारूँगा
11:28यह सोचने के दोरान उसने विस्तर के बगल में परा डंड़ा उठाया और मारने का नाटक करने गा
11:32यही डंड़ा उसके दूद के बर्तन में लग गया और दूद का बर्तन कोट किया सारा दूद जमीन पर फैल गया
11:37बर्तन के आबाज सुनकर उस आदमी के नीद हो गया फैलावा दूद देकर उसने अपना सिर भुकर गया
11:41इस कहानी से हमें यही सीख मिलती है कि सपने देखो लेकिन खाली सपने देखने से कुछ नहीं हुआ कुछ भी जिंदगी में आसानी से नहीं मिलता है
11:47हमारे जिंदगी को मेहतरी बनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी तो कि कड़ी मेहनत के आलाबा कोई विखल्प नहीं है अगर आप केवल सपने ही देखते रहते हैं और उनको सखार करने के लिए कोई कदम नहीं ठाते हैं तो इसा करके आप खुद को धोखा दे र