क्या कीड़े मकोड़ों को मारना पाप है? कीड़े मकोड़े परेशान करें तो उनसे छुटकारा पाने के लिए क्या करें? भूतकाल में हुई जीव हिंसा की माफ़ी कैसे मांगे?
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00:00जसे मेरे घरमे कोई कीड़ा मकवडा आता है, मैं उसे जाड़ो से मार देती हूँ।
00:07हाँ, वो नहीं करने।
00:08तो मुझे उसका भी दुख होता बाद में कि नहीं करना चाहिए था।
00:12तो मारने के बदले प्लास्टीकी थैलिंग पकड़ के बार छोड़ दो, या तो जाड़ो से पकड़ के बार छोड़ दो।
00:19लेकिन फिर अपने मन को संजाने के लिए मैं ऐसा भाव आता है कि इसको शायद मेरे दौर मुक्ति मिल गई।
00:26नहीं, नहीं, नहीं, मुक्ति हमारी बंदन बढ़ जाएगी, उसकी मुक्ति का उसका आयुश कर्म ही दो चार दिन का रहता है, वो अपना अपनी मरने वाल है, और हमारे है, हम खुशी से उसको मार दिया, हमारी मुक्ति के अंतराई गिर जाएगे।
00:38नहीं, नहीं, नहीं, मुक्ति का उसका आयुश कर्म ही दो चार दिन का रहता है, वो अपना अपनी मरने वाल है, और हमारे है, हम खुशी से उसको मार दिया, हमारी मुक्ति के अंतराई गिर जाएगे।
00:50नहीं, दुख तो होता है, लेकिन वो अपनी मन को समझाने के लिए सिर्फ है।
00:53नहीं, नहीं, नहीं, वो मुक्ति नहीं मिलती किसी को।
00:55कि शायद मेरे द्वारेश को मुक्ति मिल रही है।
00:57नहीं, नहीं, मुक्ति का रस्ता सही नहीं है।
01:00मैं पाप बढ़ा रही हूँ।
01:01भेंकर पाप बढ़ा रहा है।
01:03पाप भी करते हैं, पर खुशी उसका बचाव करते हैं।
01:08तो बचाव नहीं करना चाहिए।
01:09उसको बदले माफ़ी माँगने के लिए,
01:11शुद्धात्मोगान गुसे में गलत समझ से मार दिया,
01:29वैर वसुल करते हैं, कोई जीव छोड़ेगा नहीं।
01:32और बाद में, जब दुख आते हैं,
01:34ये कीड़े मकड़े, ये लंक्स में जाके,
01:38फेफ़डे में, कितने परॉब्रेम हो जाते हैं इन लोगों को,
01:41तो यही जो जीवों के इनसा की है,
01:43सब अपने दर्दों के वसुल करते हैं,
01:46बाद में रोता है, मुझे क्यों इतना दर्दा आ गए,
01:48जीवों के इनसा करने का बाकी ही नहीं रखा।
01:51तो इस बाकी, किसी को मारने का नहीं।
01:53जितना मारने का भाव भी नहीं करना हो गया,
01:57तो प्रतिक्वन करो और जागरती रखो।
02:00मारना चाहती नहीं हो, लेकिन वो सामने आ जाता है,
02:03किसी बच्चे के उपर चड़ने वाला है।
02:05नहीं, नहीं, तो क्या हो गया,
02:07वो लोग के लिए आते हैं,
02:09हम गिरा देने का उसको,
02:12तो आप निष्चे करोगे,
02:14ज़रूर जागरती रहेगी, क्या?
02:26तो जो अब तक मैंने पाप कर दिया,
02:30कि इस तरह ये मार दिया,
02:32इस तरह ये मार दिया,
02:37और एक कंटा बैठके,
02:38एक-एक प्रतिक्वन को याद करो,
02:40बच्चे बाकि दूसरा गंटा करो,
02:42एक-एक प्रसंग को याद करो,
02:44एक-एक जुव की हिंसा के प्रतिक्वन करो,
02:46प्रत्या क्यान लो.
02:47माफी मिलेगी?
02:48मिलेगी, ज़रूर मिलेगी, क्यों न?
02:50पस्चाताप से सर प्रकार के,
02:53तो जो अब तक कर्म कर दिये, उसका फल भी मिलेगा?
03:07ठीक है गुरुजु, धन्यवाद.
03:08ज़रूर सचे दूसरा गंटा करो.