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संस्कृत शिक्षा विभाग की ओर से कोटा में आयोजित राज्य स्तरीय विद्वत्सम्मान समारोह में भारतीय भाषा समिति, शिक्षा मंत्रालय के अध्यक्ष पद्मश्री डा. श्रीचमूकृष्ण शास्त्री ने कहा कि युवा पीढ़ी को आकर्षित करने और संस्कृत सीखने वालों की रोजगार क्षमता को बढ़ावा देने के लिए, नए जमाने की विषय वस्तु और कौशल-आधारित घटकों को शामिल करके पाठ्यक्रम में सुधार करना आवश्यक हो गया है। बाजार में प्रतिस्पर्धी और प्रासंगिक बने रहने के लिए व्यक्ति को अपने संबंधित क्षेत्रों में कुशल होने की आवश्यकता है। हमें इस धारणा को बदलना होगा कि संस्कृत केवल कर्मकांड की भाषा है। उन्होंने कहा कि छात्रों को नौकरी के लिए तैयार करने के लिए पाठ्यक्रम में संशोधन की आवश्यकता है। आज के समय में प्रासंगिक कौशल हासिल करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। संस्कृत में पढ़ाए और सीखे गए नए जमाने के विषयों को एकीकृत करके एक बहु-विषयक दृष्टिकोण जरूरी है। नई शिक्षा नीति में भी यही बात है। उन्होंने संस्कृत के प्रसार के लिए कई सुझाव भी दिए। बाबा निरंजन दास ने सुझाव दिया कि संस्कृत विद्वानों को समय-समय पर आपसी चर्चा कर देश के सांस्कृतिक उन्नयन के लिए मंथन करना चाहिए।
संस्कृत भाषा सभी भाषाओं की जननी- दिलावर

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है। ऋषि मुनियों के लिखे पाडुलिपि ग्रंथ भी संस्कृत में हैं। संस्कृत भाषा हमें सही राह दिखाती है। आने वाले सभी वैज्ञानिक शोधों के स्रोत संस्कृत ग्रंथों में मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि संस्कृत शिक्षा के अधिकाधिक विस्तार के लिए विभाग सतत रूप से प्रयास करता रहेगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षक आदर्श प्रस्तुत करें। माता-पिता की भी जिम्मेदारी है कि वह अपने बच्चों का ध्यान रखें। दिलावर ने गौवंश को बचाने के लिए पॉलीथिन का उपयोग बंद करने अपील की।
ऊर्जा मंत्री ने जर्जर डूंगरज्या संस्कृत स्कूल का मामला उठायाऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने डूंगरज्या संस्कृत विद्यालय का उल्लेख करते हुए कहा कि इस विद्यालय में पढ़े 100 छात्र आज सरकारी सेवा में हैं, लेकिन विद्यालय भवन जर्जर हालत में है। उन्होंने शिक्षा मंत्री से विद्यालय की स्थिति सुधरवाने की मांग की।

विधायक संदीप शर्मा ने कहा कि भारतीय संस्कृति संस्कृत पर आश्रित है। संस्कृत शिक्षा आयुक्त विजयपाल सिंह ने कहा कि हमने आरपीएससी के तहत शिक्षकों की भर्ती की विज्ञप्ति जारी कर दी है। विद्या संबल योजना में भी शिक्षकों को लेंगे। विद्यालय अनुभाग में लेवल 1 व लेवल 2 के शिक्षकों की समस्या को दूर कर दिया। शिक्षकों की 2023-2023 की डीपीएस के आदेश जारी कर दिए है। अब 24-25 के वरिष्ठता के आधार पर सूची जारी की है। सहायक आचार्य, वरिष्ठ अध्यापक पदों पर सीधी भर्ती निकालेंगे। शैक्षणिक अधिकारी डाॅ. जगदीश प्रसाद शर्मा ने मुख्यमंत्री के शुभकामना संदेश का वाचन किया। मंच पर लटूरी के संत रामदास, संभागीय आयुक्त उर्मिला राजोरिया, संयुक्त निदेशक तेज कंवर भी मौजूद रहीं। कार्यक्रम के दौरान संस्कृत शिक्षा विभाग की प्रकाशित श्रावणी पत्रिका का विमोचन भी किया गया।
सर्वोच्च अंक पाने वाले छात्रों को प्रशस्ति पत्र व पुरस्कार राशि का चेक प्रदान किया

प्रदेश भर के प्रवेशिका (दसवीं), वरिष्ठ उपाध्याय (सीनियर), शास्त्री (स्नातक), आचार्य (पीजी) तथा अन्य व्यवसायिक संस्कृत परीक्षाओं (2023) में सर्वोच्च अंक पाने वाले छात्र-छात्राओं को अतिथियों ने प्रशस्ति पत्र तथा पुरस्कार राशि के चेक भेंट किए। पुरस्कार पाने वालों में दिव्या शर्मा, शुभम त्रिवेदी, सोनाली राठोर, दिव्या गज्जा, दीप्माल पांड्या, सरिता यादव, रेखा शर्मा, राजू, रेणु कुमारी, आशा परवानी, सोनू महावर, शिवानी मालव, ज्योति, नेहा, धर्मसिंह मीना, भगवती महावर, मोनिका, कशिश, पलक शर्मा, समृद्धि राहुल, धनञ्जय धोबी, नितिन शर्मा, बंसी, अनुष्का शर्मा, प्रीती सेन तथा प्रवेशिका, वरिष्ठ उपाध्याय, शास्त्री, आचार्य संस्कृत संस्थानों को भी सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर पुरस्कृत किया गया।
इनको भी मिला सम्मान

संस्कृत साधना सम्मान प्रो. गणेशीनाथ सुधार, प्रो. श्रीकृष्ण शर्मा, संस्कृत विद्वत्सम्मान माणक चंद सोनी, कैलाश चंद्र बुनकर, छाजू राम गुर्जर, बहादुर सिंह गुर्जर, डॉ. भगवती शंकर व्यास, डॉ. बाबूलाल मीणा, संस्कृत युग प्रतिमा पुरस्कार उर्मिला बैरवा, प्रो. कृष्णा शर्मा, डॉ. जितेंद्र कुमार गौतम, डॉ. दिनेश कुमार यादव, डॉ. नानूराम जाट, बुद्धि प्रकाश जांगिड़, डॉ. राकेश कुमार जैन, डॉ. रामेश्वर दयाल शर्मा, डॉ. शशि कुमार शर्मा, डॉ. सुभाष चंद्र मीणा, घनश्याम हरदेनिया, प्रशांत शर्मा को प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त मंत्रालयिक सेवा सम्मान गणपत लाल, गीता भंभाणी, विशिष्ट सम्मान अंजनी कुमार गोस्वामी, महंत गोविंद देवजी मंदिर जयपुर, कुमार तोषनीवाल पुष्करनारायण तोषनीवाल चैरीटेबल ट्रस्ट, चंद्रशेखर शारडा़, जसवंतगढ़, देवनारायण जैमन, दोसा, प्रियव्रत सिंह कुल सचिव (आर.ए.स), डॉ. ज्योत्सना सिखवाल निदेशक विश्व भारती महाविद्यालय सीकर, ओम प्रकाश गुप्ता अध्यक्ष केशव विद्यापीठ जयपुर, शिवा सरस्वती, डाॅ. हेमा सरस्वती, सनातन पुरीजी थेगड़ा धाम, रामदासजी महाराज, लक्ष्मी गौशाला सांगोद, घनश्याम शर्मा तथा नरोत्तम पुजारी, सालासर बालाजी धाम को प्रदान किया गया। संस्कृत संस्थानों को संसाधनों से समृद्ध करने वाले भामाशाहों का भी सम्मान किया गया। संचालन डाॅ. शिवचरण शर्मा तथा डाॅ. हंसराज गुप्ता ने किया। अंत में संस्कृत शिक्षा संयुक्त शासन सचिव कैलाशचंद यादव ने आभार जताया।

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