राजसमंद. अजेय दुर्ग और महाराणा प्रताप की जन्मस्थली पर तीन दिवसीय कुंभलगढ़ फेस्टीवल की शुरुआत आज किले की यज्ञ वेदी चौक में हुई। जहां पर टूरिज्म डिपार्टमेंट की डिप्टी डायरेक्टर शिखा सक्सेना आदि ने राणा कुंभा की तस्वीर के सामने दीप प्रज्वलित कर शूरुआत की। वही पारंपरिक तरीके से ढोल बजाकर कार्य क्रम का आगाज हुआ। पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन के द्वारा आयोजित फेस्टिवल की शुरुआत में हल्लापोल से लेकर कुंभलगढ़ फोर्ट तक शोभा यात्रा निकाली गई जिसमें कलाकारों द्वारा रंगारंग प्रस्तुतियां दी गई। ढोल नगाड़ों की थाप पर कलाकार झूमते हुए नजर आए।
दुर्ग परिसर में फेस्टिवल के आगाज के साथ ही दिनभर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जो की पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा । सांस्कृतिक कार्यक्रम में सहरिया डांस, गैर नृत्य, कच्ची घोड़ीकालबेलिया नृत्य, घूमर डांस आदि रंगारंग प्रस्तुतियां दी गई। पर्यटन विभाग की उपनिदेशक शिखा सक्सेना ने बताया कि तीन दिवसीय कार्यक्रम में प्रदेश के साथी विभिन्न राज्यों के कलाकार अपनी प्रस्तुत किया देंगे। पहली बार नवाचार करते हुए शोभायात्रा निकाली गई है। वहीं इस तीन दिवसीय कुंभलगढ़ फेस्टिवल में प्रतिदिन पर्यटकों के लिए विभिन्न सांस्कृतिक और पारंपरिक खेलों का आयोजन भी किया जाएगा। वहीं संध्या काल में विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी जाएगी। कुंभलगढ़ फेस्टिवल के शुभारंभ पर शोभायात्रा, घूमर नृत्य, चकरी, सेहरिया स्वांग, कच्छी घोड़ी, लाल आंगी गैर, मांगणियार, बांकिया वादन, चंग के साथ तेरहताल, बहरुपिया, भवई जैसी प्रस्तुतियां हुई।
दुर्ग परिसर में फेस्टिवल के आगाज के साथ ही दिनभर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जो की पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा । सांस्कृतिक कार्यक्रम में सहरिया डांस, गैर नृत्य, कच्ची घोड़ीकालबेलिया नृत्य, घूमर डांस आदि रंगारंग प्रस्तुतियां दी गई। पर्यटन विभाग की उपनिदेशक शिखा सक्सेना ने बताया कि तीन दिवसीय कार्यक्रम में प्रदेश के साथी विभिन्न राज्यों के कलाकार अपनी प्रस्तुत किया देंगे। पहली बार नवाचार करते हुए शोभायात्रा निकाली गई है। वहीं इस तीन दिवसीय कुंभलगढ़ फेस्टिवल में प्रतिदिन पर्यटकों के लिए विभिन्न सांस्कृतिक और पारंपरिक खेलों का आयोजन भी किया जाएगा। वहीं संध्या काल में विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी जाएगी। कुंभलगढ़ फेस्टिवल के शुभारंभ पर शोभायात्रा, घूमर नृत्य, चकरी, सेहरिया स्वांग, कच्छी घोड़ी, लाल आंगी गैर, मांगणियार, बांकिया वादन, चंग के साथ तेरहताल, बहरुपिया, भवई जैसी प्रस्तुतियां हुई।
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