बनारस के दुर्गोत्सव में इस वर्ष बंगाल की मशहूर नाट्य शैली जात्रा के दर्शन नहीं होंगे। बनारस में जात्रा के मंचन की परंपरा शिवाला स्थित चेतसिंह के हाते में काशी दुर्गोत्सव समिति की ओर से होने वाली दुर्गा पूजा में लंबे समय से निभाई जाती रही है। समिति के सचिव ने बताया कि गत वर्ष बंगाल से जात्रा दल को आमंत्रित किया गया था, लेकिन उनके द्वारा विशिष्ट नाट्यों के मंचन के दौरान दर्शक दीर्घा में उपस्थिति बहुत ही निराशाजनक रही। दरअसल विगत कुछ वर्षों में काशी की दुर्गा पूजा को अत्यधिक विस्तार मिला है। इस विस्तार के कारण लोग किसी एक पूजा पंडाल में ठहरने के बजाय सारी रात घूम-घूम कर पूजनोत्सव का लुत्फ उठाने लगे कर पूजनोत्सव का लुत्फ उठाने लगे हैं। दर्शकों की तेजी से घटती संख्या को ध्यान में रखते हुए इस बार जात्रा दल को आमंत्रित नहीं किया गया है। काशी दुगोत्सव समिति की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि काशी में महिला ढाकियों को आमंत्रित करने की शुरुआत समिति की ओर से गत वर्ष की गई की गई थी। इस वर्ष भी उन्हें आमंत्रित किया गया है।
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