सवाईमाधोपुर. आलनपुर रोड स्थित कृषि उपज मण्डी में लाखों रुपए की लागत से बनाया गया किसान भवन इन दिनों किसानों के कोई काम नहीं आ रहा है। पिछले पांच साल से किसान भवन पर कृषि उपज मण्डी प्रशासन ने कब्जा कर रखा है, जबकि मण्डी परिसर में ही कृषि उपज मण्डी प्रशासन का दफ्तर बना है लेकिन वह पिछले पांच सालों से ताले में ही बंद है और मरम्मत की बाट जोह रहा है।
13 साल पहले हुआ था लोकार्पण
जिला मुख्यालय पर अ श्रेणी की कृषि उपज मण्डी संचालित है। ऐसे में हम्मीर सर्किल से शहर की आने वाले मार्ग पर दूसरे गेट पर जिला स्तरीय किसान भवन बना है। 23 फरवरी 2012 को किसान भवन का लोकार्पण हुआ था। इसके बाद कुछ साल तो किसान भवन में किसानों को रोकने व ठहरने की सुविधाएं मिलती रही लेकिन अब बीते पांच सालों से किसान भवन पर कृषि उपज मण्डी का दफ्तर चल रहा है। इसमें मण्डी सचिव के अलावा सभी कर्मचारी बैठते है।
पुराने दफ्तर की नहीं ले रहे सुध
करीब पांच साल पहले मण्डी के पहले गेट के पास ही कृषि उपज मण्डी का कार्यालय संचालित हो रहा था लेकिन इसकी मरम्मत व निर्माण कार्य के लिए यहां से कार्यालय को खाली करवाकर किसान भवन में शिफ्ट कर दिया था, मगर इसके बाद से मण्डी परिसर में पुराने भवन की सुध तक नहीं ली है।
पांच सालों में नहीं हुई छत की मरम्मत
जानकारी के अनुसार मण्डी के पुराने भवन की दीवारे व छत क्षतिग्रस्त है। यहां बारिश के दौरान छत से पानी टपकता रहता था। इसकी मरम्मत के लिए बजट भी आया था लेकिन छत की मरम्मत नहीं हो पा रही है। इससे मण्डी प्रशासन किसान भवन से पुराने कार्यालय में शिफ्टिंग नहीं हो पा रहा है।
चार सचिव बदले, पर पुराने भवन के नहीं बदले हालात
पिछले पांच साल में कृषि उपज मण्डी में चार सचिव बदले गए मगर बदहाल पुराने भवन की आज तक किसी नहीं सुध तक नहीं ली है। इसका खामियाजा मण्डी परिसर में किसान भवन में रात को ठहरने व विश्राम करने वाले किसानों को उठाना पड़ रहा है। किसान भवन खाली नहीं होने से किसानों को मजबूर रात को रात को ही घर लौटना पड़ता है या अन्यत्र किसी स्थान पर रात को रूकना पड़ता है।
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इनका कहना है...
मण्डी परिसर के पुराने भवन की छत जर्जर है बारिश के दौरान पानी टपकता है। इसलिए कार्यालय को शिफ्ट नहीं कर पा रहे है। जल्द ही छत की मरम्मत करवाकर कार्यालय को वहां शिफ्ट किया जाएगा।
दिलीप मीणा, सचिव, कृषि उपज मण्डी, सवाईमाधोपुर
13 साल पहले हुआ था लोकार्पण
जिला मुख्यालय पर अ श्रेणी की कृषि उपज मण्डी संचालित है। ऐसे में हम्मीर सर्किल से शहर की आने वाले मार्ग पर दूसरे गेट पर जिला स्तरीय किसान भवन बना है। 23 फरवरी 2012 को किसान भवन का लोकार्पण हुआ था। इसके बाद कुछ साल तो किसान भवन में किसानों को रोकने व ठहरने की सुविधाएं मिलती रही लेकिन अब बीते पांच सालों से किसान भवन पर कृषि उपज मण्डी का दफ्तर चल रहा है। इसमें मण्डी सचिव के अलावा सभी कर्मचारी बैठते है।
पुराने दफ्तर की नहीं ले रहे सुध
करीब पांच साल पहले मण्डी के पहले गेट के पास ही कृषि उपज मण्डी का कार्यालय संचालित हो रहा था लेकिन इसकी मरम्मत व निर्माण कार्य के लिए यहां से कार्यालय को खाली करवाकर किसान भवन में शिफ्ट कर दिया था, मगर इसके बाद से मण्डी परिसर में पुराने भवन की सुध तक नहीं ली है।
पांच सालों में नहीं हुई छत की मरम्मत
जानकारी के अनुसार मण्डी के पुराने भवन की दीवारे व छत क्षतिग्रस्त है। यहां बारिश के दौरान छत से पानी टपकता रहता था। इसकी मरम्मत के लिए बजट भी आया था लेकिन छत की मरम्मत नहीं हो पा रही है। इससे मण्डी प्रशासन किसान भवन से पुराने कार्यालय में शिफ्टिंग नहीं हो पा रहा है।
चार सचिव बदले, पर पुराने भवन के नहीं बदले हालात
पिछले पांच साल में कृषि उपज मण्डी में चार सचिव बदले गए मगर बदहाल पुराने भवन की आज तक किसी नहीं सुध तक नहीं ली है। इसका खामियाजा मण्डी परिसर में किसान भवन में रात को ठहरने व विश्राम करने वाले किसानों को उठाना पड़ रहा है। किसान भवन खाली नहीं होने से किसानों को मजबूर रात को रात को ही घर लौटना पड़ता है या अन्यत्र किसी स्थान पर रात को रूकना पड़ता है।
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इनका कहना है...
मण्डी परिसर के पुराने भवन की छत जर्जर है बारिश के दौरान पानी टपकता है। इसलिए कार्यालय को शिफ्ट नहीं कर पा रहे है। जल्द ही छत की मरम्मत करवाकर कार्यालय को वहां शिफ्ट किया जाएगा।
दिलीप मीणा, सचिव, कृषि उपज मण्डी, सवाईमाधोपुर
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