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00:00आचारे जी पागल बोल रहा है, extension of species, वो ही नहीं मर रहा है, सब हम में ही मौजूद हैं, डोडो नाम की होती थी वो, मूरक, शिडिया, वो किसी को नुकसान नहीं पहुचाती थी, बस मूरक, उसको बुलाते हैं, आज, आज, आज, आज, आज, आज, आज, आज, आज, आज,
00:30बुलाया जाए, तो चली आए, कुछ न, वहाँ पर उस पर ऐसे क्लिक करो, kontakt पर जाओ, यह एडिट नेम पे जाओ, नाम हटाओ, वहाँ लिको डोडो, ऐसे यह ज़गर होता है, वो चुच चाप पड़ा हूआ है, मौका देख रहा है, तब उसके पास आउता और खट से �
01:00और अपने भी जो आस्पास वाले हो, घर वाले पतनीजी है, बिंने मेरा भी जो सही नम है, वही बोला करहे है।
01:20देवो थोड़ी बोलोगे डोडो, में दीदी नहीं, डोदो, अभी तुम डोदो हो, ये कैसी बाते कर रही हो, सदियों से तुम्हारा शोषण हुआ है, तुम विलुप्त हो गई, तुम्हे अभी भी अकल नहीं आ रही है, ये क्या कर रही है हो, जो जैसा हो, उसको उसी के अ