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गठिया रोग (Arthritis) बुजुर्गो में होने वाली आम बीमारी है. इस बीमारी के मरीजों की संख्या दिनोदिन बढ़ती जा रही है. इस असाध्य रोग के कई मरीज अक्सर नीम-हकीमों पर भरोसा कर उनसे इलाज करा लेते हैं. गठिया रोग को झोलाछाप डॉक्टरों के चूर्ण और गोलियां और जटिल कर देती हैं. गठिया का कारण (Cause Of Arthritis) क्या है इसका पता होना जरूरी है. साथ ही यह भी जानना जरूरी है कि गठिया के लक्षण (Arthritis Symptoms) क्या होते हैं. आर्थराइटिस गंभीर बीमारी है. इस समय देश की पूरी जनसंख्या में से करीब 15 प्रतिशत लोग गठिया की चपेट में हैं. एक अध्ययन में पाया गया है कि देश में आर्थराइटिस से जुड़े मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही रही है. भारत में लगभग 18 करोड़ लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं. उन्होंने कहा, "बदलते परिवेश में यह बीमारी युवाओं को भी अपनी चपेट में ज्यादा ले रही है. हमारे यहां रोजाना ओपीडी में 25-30 साल के मरीज भी आते हैं. उन्हें देखकर लगता है कि रुमेटॉएड आर्थराइटिस युवाओं में भी बढ़ रहा है.
यह रोग किसी एक कारण से नहीं होता. विटामिन डी की कमी से मरीज की अंगुलियों, घुटने, गर्दन, कोहनी के जोड़ों में दर्द की शिकायत होने लगी है. इस बीमारी पर काबू पाने के लिए फिजियोथेरेपी और एक्सरसाइज रोजाना करनी चाहिए. जंक फूड से परहेज जरूरी है."उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोग झोलाछाप डॉक्टरों की गोलियों पर विश्वास करने लगते हैं. कुछ दिन राहत देने के बाद ऐसी गोलियां और चूर्ण सबसे नुकसानदेह साबित होते हैं. उनमें स्वाइड मिली होती है. यह बहुत दिनों तक लेने से शरीर को नुकसान पहुंचाती है. इससे कूल्हा गल सकता है. हड्डियां कमजोर हो सकती हैं. फ्रैक्चर होने का खतरा भी बढ़ जाता है. डॉ. कुमार ने बताया कि पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं आर्थराइटिस की चपेट में ज्यादा आती हैं. खानपान में परहेज न करना इसका मुख्य कारण है.
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