प्रतापगढ. विशिष्ठ न्यायाधीश न्यायालय पोक्सो एक्ट प्रभात अग्रवाल ने मंगलवार को अपने एक महत्वपूर्ण निर्णय में नाबालिग के साथ बलात्कार का प्रयास करने के अभियुक्त को 3 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 3 हजार रुपए अर्थदण्ड से दण्डित किया। विशिष्ठ लोक अभियोजक गोपाललाल टांक ने बताया कि 11 मई 2022 को एक थाने में एक व्यक्ति ने रिपोर्ट दी कि 10 मई 2022 को दिन में 12 से 1 बजे के बीच उसकी नाबालिग पुत्री जब दुकान पर खेल रही थी। तब ही एक व्यक्ति उसे बहला फुसलाकर उसके घर लेकर गया और घर के अन्दर ले जाकर उसके साथ बलात्कार करने का प्रयास किया। इस पर पुत्री चिल्लाई तो उसका मुंह दबा दिया। तभी उस व्यक्ति की सास आ गई और उसने हाका किया। जिससे पुत्री को उस व्यक्ति ने डरा धमका कर भगा दिया। इस संबंध में पुलिस ने मामला दर्ज किया। पुलिस ने मामले में अभियुक्त को गिरफ्तार किया। न्यायालय ने अभियुक्त को तीन वर्ष की सजा सुनाई। न्यायालय ने टिप्पणी करते हुए कि हस्तगत मामले में करीब 10 वर्षीय पीडि़ता के साथ अपराध कारीत किया है। नाबालिग बालिकाओं के साथ बढ़ते हुए लैंगिक अपराधों को तभी रोका जा सकता है। जब समाज यह महसूस करें कि नाबालिग बच्चियों के प्रति बढ़ती यौन हिंसा के प्रति किसी प्रकार की सहनशीलता न्यायालय द्वारा नहीं बरती जाएगी।
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