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00:00हुआ हुआ हुआ
00:30हुआ हुआ है
01:00दौर पालगन श्री महा विष्णु के दर्शनार्थी है हम तुक दौर खोलो
01:13कौन हो तुम प्रह्मा के मानस पुत्र विष्णु के भक्त है
01:17सनक सनंदन है हमाला नाव
01:19जो भी हो तुम्हारा नाव
01:21फ्री हरी लक्षमी समय तभी विष्वाम कर रही है
01:23कर्शन का यह समय नहीं है जाओ
01:25तुमने हरी भक्तों का विरोध किया अनादर किया उन्हें अप्रसंद किया तुम्हें शाफ मिलेगा
01:31वै कुंठवास के तुम योगिन है बू लोग में राक्षिस होका जन्म लोगे
01:35नमा नमा नमा नमा
01:41आप के दिवे दर्शन पाकर हम करतार्थ होगा
01:45देवाद्दिव इन तवस्वियों के शाथ की अग्ति में हम भस्व हो जाएगा
01:51शर्रागत के प्रभू है सुनो जैविचे तब श्वियों का ऐसा आनादर करना है
01:57अब डान को नहीं होगा
02:00अब उधार कापा है महरे श्यों का ये शाब हम दोगा
02:05अच्छों या तो साथ जन्म हमारे बित्रों करें
02:10अथ्वा दी जन्म हमारे शत्रों रहें करें
02:14फिर तुम हमारे पास आ सकते हैं
02:17जो तुम्हे पुश हो पुश्माद करें
02:19सुआमी साथ जन्मों तब प्रभू कैचरों से हम कैसे दूर रहें
02:23फिर तो तीन जन्मों के शत्रों का दंडिकों
02:26हमें स्विकार है पको
02:28करें
02:29करें
02:30मyn dol
02:40कर देदा
02:45मारे
02:46मारे
02:47मारे
02:49कर दो कर दो
03:19कर दो कान dear
03:37कर कर दो
03:40कर दो
03:46ऑनने जो
03:47छूम ठनन छूम छनन छनन पग घूंगरू बोले
03:54बाजय म्रदंग घूंगरू के संग तीनो भोवन सुन टोले डोले
04:11छनन छनन छनन पग घूंगरू बोले
04:41जियत मरत जुकी जुकी परत आधी ही चित्वत वार नायन तो रे
04:59आ लयन मोरे श्वेत शाम रत नार
05:11थे कमरे खलमा पग टनने खा भोवन तान आधी हान्टान आधी ही चंनन चनन l
05:16छनन चनन चनन पग घूंगरू बोले
05:18चोस्ती विब तुम्हों है।
05:48तुम हो रस्या, रस में दूबे, बात के ही रसवाली
06:10भेद भरे हमरे ने लोगिया, क्या ही कर डाली
06:18चंचल चपल नयन तोर गोरी, है विश में मुझी कटार नयन तोरे
06:34आनयन मुर्शीत शाम रतनार
06:41सुर भी प्यारे, हसुर भी प्यारे, क्यों भी हमारे, हो भी हमारे
07:05बाह नर्थ की बाह, है, हिरन्याक्ष को माड़ा लाओ
07:23मेरे भाई की हत्या करने वाला वो खमंडी काम है, यह सब उसी मायावी विश्रू का ही काम है, तपट रूप भरने में कुशल है वो
07:44आचारी, आपने सुना? उत्ते जित होने का ये समय नहीं राजन, शान्त हो
07:54आचारी, रुकिये नहीं, उस दुरात्मा कुमारे बिना मुझे शान्त नहीं, आत्मबल का गर्व विनाश का कारण है, पहरे के बल को दुगना मानते हुए, अपनी अनंद शक्ति लेकर आगे बढ़ना चाहिए, इस प्रकार विजय अवश्य होगा
08:12मेरे जीत का उपाए, तपस्या, घोर तपस्या, तपस्या, हाँ, उत्तम सुझाओ है, आचाहिए, मेरी भलाई के लिए धन्यवाद, अरम पितामा ब्रह्मदेव के लिए घोर तप करूँगा, मारा जयी वर्दान पाऊँगा, तथास्तु
08:32कायर मायावी विश्वन्दे मेरे भाई को मार डाला है, उसी का बदला लेने की धावना से ब्रह्मदेव के अर्थगोर तपस्या करूँगा
08:43सौामी, ये वियोग कैसे सहूँगी, मुझे भी साथ ले चले, चर्रों की सेवा करते हुए, सहरी समय बिता दूँगी
08:51नहीं देवी, गर्भवती हो, घने बनों में कश्ट सहने का ये समय नहीं है, सौामी
08:56मान चाओ देवी, पितामह की क्रपासे अमरता का वर्दान पाकर शिग्र ही तुमारे पास लौटाओं का
09:02उस समय तुम, खुलो दीपक फुत्र रत्न समय त मेरा जी भरकर स्वागत कर लेना था