अक्रम विज्ञान - अनुभव ज्ञान

  • 2 months ago
अक्रम विज्ञान एक ऐसा विज्ञान है जिसकी प्राप्ति से अनुभव ज्ञान होता है | अक्रम विज्ञान का प्रमाण हमें जैन आगमो और शाश्त्रों से मिलता है |
Transcript
00:00अगम सम्मत और केवली पतिप्पित हैं।
00:29रुषवदे भगवाने भरत चक्रवर्ति को अकरम ही ज्यान दिया था।
00:35राजपाद राणी वैभो के साथ में भी आत्मग्यान प्राप्त हुआ था।
00:39हर्जुन को भी कृष्ण भगवान से अकरम ही प्राप्त हुआ।
00:43राजपाद राणी वैभो था तो भी आत्मग्यान हुआ।
00:46जनक विदेही को भी हुआ।
00:48और जैनागम में भी लिखा है,
00:50क्रमागत मार्ग तत्वग्ञान तरंगिनी शास्त्र है।
00:54उसमें लिखा है तत्वग्ञान तरंगिनी, 500 साल पहले की है।
00:59और अक्रमागत मार्ग याने तवप, त्याग, ध्यान, योग, साधना द्वारा गुरु के अधिन रहे
01:09आत्मसाक्षात कर पाना, क्रमागत मार्ग है।
01:13और कृपा से ही आत्मसाक्षात कर पाना, वो अक्रमागत मार्ग है।
01:18ऐसे वेदान्त में भी है, विहंगी का मार्ग, उड़ के शिकर पे पहुँचना।
01:22अतिकली, पीपली का मार्ग नहीं है, चीटी के जैसे चलके चलके चलके उपर पहुँचना।
01:28एक आगम भी प्रमाण है, और उससे आगे एक अनुभाव प्रमाण है।
01:33लक्खो आदमी का अनुभाव, निरंतर खुद के दोश, देख के दोशों से मुक्ति पाए, और कर्मों से मुक्ति, दोखों से मुक्ति अनुभाव आता है।

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