सच्चिदानंद का अर्थ

  • last month
सच्चिदानंद शब्द कोई मंत्र है? इस शब्द का सही अर्थ क्या है?
Transcript
00:00सत चीत आननद शुरू करता है या यायू सब पूर्ण जाया तील लें?
00:13सत, चीत, आननद याने कोई मंतरण नहीं वैसे है,
00:17तीन शब्द है, सत यानि एटर्नल,
00:20चीत यानि क्यान्ग, एटर्नल दो नहीं.
00:22इटरनल का नौलेज हमें हो गया तो अमें आनन्द-आनन्द रहेगा।
00:27हमें संसारी, टेंपररी चीजों का नौलेज है।
00:30मैं इनका पत्ती हुं, मैं नेपाल का हूं,
00:32ये मैं ये हूं, एंजिनियर हूं, मैं डॉक्टर हूं।
00:34ये रिलेटीव सब टेंपररी है।
00:36रियल का नौलेज हो गया,
00:38रियल इटरनल है, पर्मणन्ट है।
00:40उसका ग्यान,
00:42उसका दर्शन हुआ,
00:44तो सच्चीद हुआ बोला जाता है।
00:46तो उसका फल क्या है? पर्मानन्त।
00:48समसारी चीजों का नौलेज होने से
00:50सुक, शान्ती मिलती है,
00:52और दुख भी मिलता है वापस।
00:54और ये दुख और सुक से मुक्त,
00:56द्वन्द्वसे पर आनन्द में रहने का।
00:58तो सच्चीदानन वो भगवान का
01:00मूल स्वरुप है।
01:02भगवान को ही सच्चीदानन स्वरुप बोलते हैं।
01:04तो भीतर वाले शुद्धात्मा, भगवान है, उनको नमस्कार करते हैं।
01:08जयी सच्चीदानन, यहने भीतर वाले आत्मा को
01:10नमस्कार करते हैं।

Recommended