पाप और पुण्य के कितने प्रकार होते हैं?

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पाप और पुण्य के प्रकार कितने होते हैं? कई बार हम देखते हैं कि बुरे लोग गलत काम कर के भी सही नतीजा पाते हैं। ऐसा क्यों? पाप और पुण्य कैसे बंधते हैं?
Transcript
00:00मेरा एक चोटा सा हमेशा से मैंने देखा है
00:04मेरा हमेशा एक चीज रहती है कभी किसी को मेरी वजदसे कोई तकलीप ना पहुचे
00:08कोई दुख ना हो
00:10और अभी की दुनिया जो लोग बहुत तेज हैं
00:13तो कभी-कभी मन करता है उनके साथ बहिमाली कर लो
00:16अगर गुरुजी कभी मैंने कोशिश की ऐसी
00:20कि मैं किसी का दस रुपे का फायदा करू, उठा लू
00:23तो गुरुजी उसके बदले मुझे सौर रुपे का हरजाना भुगतना पढ़ता है
00:27और यह हमेशा होता है मेरे साथ
00:29तो ऐसा क्यूं?
00:32अध्यात्मविज्ञान क्या बताता है?
00:34चार प्रकार के पाप पुन्य के फ़ॉल आते जीवन में
00:38एक आदमी गलत काम करता है सारा दिन
00:41फिर भी पैसा है, बंगला है, काड़ी है, मजा करता है
00:47पाप बांध रहा है, पुन्य पुगत रहा है
00:50पुर्वपो का इसाव है
00:52कोई आदमी इंकम कम है, नॉर्मल है
00:56खाने पिने में इतनी खास तकलिप नहीं है
00:59और है भी थोड़ी सी
01:01मगर दिल का साफ है
01:03गरीब होएगा तो कुछ डोनेशन का दान दे देगा
01:06मंदिर में जाएगा भक्ति भक्ति करेगा
01:08तो ये पुन्यानु बंधी पाप है
01:10बाहर तकलिप आती है छोटी मोटी
01:12भीतर में सद्भावना है, शांती है, संतोष है
01:16किसी को दुख नहीं पहुंचाता, किसी को हेल्प करता है
01:19वो भावना, तरदई में पुन्या बांध रहा है
01:22और पाप कर्म का फल भुगत, बाहर तकलिप आती है, वो पाप कर्म का फल है
01:26तीसरा प्रकार है पुन्यानु बंधी पुन्या
01:29बाहर सत्संग है, बक्ती है, सेवा, अपरोपकार, दान, सब अच्छा-अच्छा काम करता है
01:35और भीतर में भी ज्ञान में है या सत्भावना में है, लोगों को हेल्प ज़्यादा करू, ज़्यादा हेल्प करू,
01:41पुझा पाट ज़्यादा करू, बक्ती ज़्यादा करू, पुन्या का फल भी भुगत रहा है, भीतर में पुन्या बांध भी रहा है,
01:48तो चऊथा प्रकार ऐसा है, पापानो बंधी पाप, चोरी करेगा पकड़ा जाएगा, और बनेगा ये इरिया में गलत गया, उदर जाना चाहिए, ये लोग सना पकड़ लेता है,
01:57तो ये पाप का कारिया कर भी रहा है, और भीतर में जादा कैसे पाप का कारिया करू, ऐसे वापस पाप बांध रहा है, तो ये पापानो बंधी, अन्हें जो आप बोलते हैं, कि अच्छे आदमी को बाहर तकलिप, गर्शन बहुत आता है, तो अच्छा आदमी भीतर में अ
02:27गलत काम करता है, मज़ा करता है, मैं भी गलत करूँगे, मज़ा करूँगे, और हमारा भाव बिगाढ के, हम पाप कर्म में चार्ज कर देते, पाप कर्म आला, ऐसा नहीं करना चाहिए, लोग उसको गलत करना है, मज़ा करनी है, चो भी करना है, हमें समझना चाहिए, हमें �
02:57गळना नहीं करना है, हम ज़ाकरत रहेगे, दुषरे को जो भी करना है,
03:00कदाज हमारे साथ भी कुछ किया, तो भी हम समझना बावस sesame-bova- cha- gua-
03:04करे, कयोंको मेरा हिश्सा पूरा हुआ है, मुझे, वो विश्वास गात करताएं,
03:08वो मेरे साथ क्रोथ करता है तो मैं किसी के साथ क्रोथ से विवार नहीं करो।
03:11इसे जागरती रखे हमारा विवार किसी को दुख न पहुचे
03:14और हम सिप साइड वाले रस्ते पे चलते रहे हैं।

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