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चेन्नई. चेन्नई से लेकर कांचीपुरम और कडलूर से कन्याकुमारी तक मौसम की मार लोगों को बेहाल कर रही है। लोगों का कहना है कि इस बार तो बादल जैसे बेकाबू होकर बरस रहे हैं। बुधवार सुबह 8.30 बजे समाप्त हुए 24 घंटों में विरुदनगर जिले के राजपलायम, श्रीविल्लीपुथुर और वात्रप में क्रमश: 9 सेमी, 7 सेमी और 5 सेमी बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग के आंकड़ों की मानें तो 1 अक्टूबर से तमिलनाडु और पुदुचेरी में 56.5 सेमी बारिश हुई है, जो सामान्य बारिश 41.87 सेमी से 35 प्रतिशत अधिक है। चेन्नई में लगातार 24 घंटे से ज्यादा वक्त से बारिश हो रही है। भारी बारिश के कारण चेन्नई में जलभराव और यातायात जाम समस्या से लोग परेशान रहें। लगातार हो रही बारिश के चलते आमजन जीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।

चार जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने गुरुवार को चेन्नई और तमिलनाडु के तीन अन्य जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिसमें "भारी से बहुत भारी" बारिश की भविष्यवाणी की गई है। पहले यह अलर्ट बुधवार को भी जारी हुआ था। इन क्षेत्रों में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है, क्योंकि दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी पर कम दबाव वाले क्षेत्र से मौसम का मिजाज बदल रहा है। कम दबाव वाली प्रणाली के अगले कुछ दिनों में तमिलनाडु तट की ओर पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढऩे की उम्मीद है, जिससे बारिश तेज हो जाएगी।

महानगर में बारिश

दिन में तापमान गिरने के साथ महानगर में आसमान में काले घने बादल छाए रहे। दिन और शाम के बाद रात को भी जमकर बारिश हुई। बारिश की वजह से जलजमाव जैसे हालात तो नहीं थे लेकिन लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ा। चेन्नई एयरपोर्ट हमेशा की तरह बुधवार को काम किया। भारी बारिश के पूर्वानुमान के कारण आने वाले दिनों में देरी या रद्दीकरण हो सकता है। यात्रियों से आग्रह किया गया है कि वे अपडेट के लिए अपनी एयरलाइनों से संपर्क करें और एयरपोर्ट तक यात्रा के लिए अतिरिक्त समय दें।

तमिलनाडु के 53 बड़े जलस्रोतों में आया खूब पानी
तमिलनाडु में जून का मानसून, चक्रवात फेंगल और अभी पूर्वोतर मानसून की बारिश किसानों के साथ राज्य के जलाशयों के लिए भी संजीवनी साबित हुई है। जून से पहले सूखे पड़े जलाशयों में पानी भर गया है। जितनी बारिश इस वर्ष 1 अक्टूबर के बाद हुई है, वह अभी तक खेती किसानी से लेकर जलाशयों तक के लिए बेहतर रही है। इसकी वजह से राज्य के 53 जलाशयों की पूरी तस्वीर ही बदल गई है। 1 अक्टूबर से पूर्वोत्तर मानसून की शुरुआत के बाद से भारी बारिश ने तमिलनाडु के जलाशयों को पूरी क्षमता के करीब भर दिया है, लेकिन बुधवार को चेन्नई और आसपास के जिलों में और बारिश का अनुमान से चिंता बढ़ गई है। मौसम विभाग ने तटीय जिलों में भारी बारिश जारी रहने का अनुमान लगाया है, जिससे जलस्तर और भी बढ़ सकता है।

12 जलाशय लबालब

मंगलवार को राज्य के जलाशयों में जल भंडारण स्तर उनकी कुल क्षमता 224.297 हजार मिलियन क्यूबिक फीट (टीएमसी) से केवल 12 प्रतिशत कम रहा। तमिलनाडु जल संसाधन विभाग (डब्ल्यूआरडी) ने बताया कि कोयम्बत्तूर क्षेत्र में तीन, मदुरै क्षेत्र में सात और चेन्नई क्षेत्र में दो- पूरी क्षमता तक पहुंच गए हैं। इसके अतिरिक्त, 18 जलाशयों में भंडारण क्षमता 90 प्रतिशत से अधिक हो गया है, जबकि 23 जलाशयों में जलस्तर 70-80 प्रतिशत के बीच है। तमिलनाडु के सबसे बड़े मेटूर स्थित स्टेनली जलाशय में अभी अपनी क्षमता का 97.51 प्रतिशत पानी है, जो कुल 93.470 टीएमसी क्षमता में से 91.146 टीएमसी है।

कई जिलों के तालाब भरे

तेनकाशी, तेनी, विरुदनगर, अरियालूर, तिरुचि, करुर, पुदुकोट्टै और रामनाथपुरम जैसे जिलों में भारी बारिश ने जल स्तर को और बढ़ा दिया है। चक्रवात फेंगल के प्रभाव से कई उत्तरी जिलों में भारी बारिश हुई, जिससे टैंक और जलश्रोत तेजी से भर गए। तिरुवण्णामलै में, 697 में से 507 टैंक अब भरे हुए हैं। तिरुवल्लूर में 578 में से 359 टैंक, कल्लाकुरचि में 336 में से 227 टैंक और चेंगलपेट में 564 में से 460 टैंक भरे हुए हैं।

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